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बैंक में असली की जगह नकली गोल्ड रख उठा लिया लाखों का लोन, थाने में मामला दर्ज - असली की जगह नकली गोल्ड

जयपुर में असली की जगह नकली गोल्ड रखकर बैंक लोन लेकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है.

Bank loan on Fake gold in Jaipur, case filed
बैंक में असली की जगह नकली गोल्ड रख उठा लिया लाखों का लोन, थाने में मामला दर्ज
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Published : Aug 11, 2023, 7:37 PM IST

जयपुर. राजधानी के रामनगरिया थाना इलाका में बैंक में असली की जगह नकली गोल्ड रखकर लाखों रुपए का लोन उठाने का मामला सामने आया है. केनरा बैंक के ब्रांच मैनेजर परिवादी कैलाश चंद मीणा ने नरेश के खिलाफ रामनगरिया थाने में मामला दर्ज करवाया है. पुलिस ने गुरुवार को मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

जांच अधिकारी एएआई ज्ञानेंद्र प्रकाश के मुताबिक केनरा बैंक जगतपुरा ब्रांच मैनेजर कैलाश मीणा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि नरेश डागुर ने धोखाधड़ी करके नकली सोने के आभूषण केनरा बैंक शाखा जगतपुरा में गिरवी रखकर गोल्ड लोन लिया था. 6 फरवरी, 2023 को गोल्ड लोन लेने के लिए आवेदन किया था. आवेदन के साथ आरोपी नरेश की ओर से 8 सोने की चूड़ियां केनरा बैंक के समक्ष लोन की सिक्योरिटी की एवज में गिरवी रखी गई थी. आरोपी ने सोने की चूड़ियां शुद्ध सोने की बताई.

पढ़ें: कोटाः नकली हीरा बेचकर ढाई लाख की गोल्ड ठगी, 12 घंटे में गिरफ्तारी

इसके बाद सोने की शुद्धता की जांच करने और सोने की गणना करने के लिए पुरुषोत्तम सोनी को बुलाया गया. सुनार की ओर से सोने के आभूषण की कीमत करीब 3.56 लाख रुपए आंकी गई. सोने की गणना करके सुनार की ओर से घोषणा और प्रमाण पत्र दिया गया कि यह आभूषण का परीक्षण किया गया है. यह उत्तम गोल्ड से बने हैं. इसके बाद 2.80 लाख लोन स्वीकृत कर दिया गया. लोन राशि नरेश डागुर के खाते में ट्रांसफर कर दी गई. बैंक ने गिरवी रखे सोने का वापस मूल्यांकन करवाया.

पढ़ें: Gold loan Fraud : नकली सोना गिरवी रखकर लिया गोल्ड लोन, सत्यापन में खुलासा हुआ तो थाने पहुंचा मामला

15 अप्रैल, 2023 को बैंक ब्रांच मैनेजर और क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मचारियों के सामने गिरवी रखे गए सोने का वापस मूल्यांकन किया गया. पुनः मूल्यांकन में सामने आया कि गिरवी रखा गया गोल्ड नकली है, जिसका मूल्य जीरो है. गोल्ड लोन के समय पुरुषोत्तम सोनी ने इसका मूल्यांकन किया था. जबकि पुनः मूल्यांकन राम सोनी की ओर से किया गया. इसके बाद बैंक की ओर से आरोपी से संपर्क करने की कोशिश की गई. लेकिन आरोपी का मोबाइल फोन बंद बता रहा था. पहली बार गोल्ड का मूल्यांकन करने वाले पुरुषोत्तम सोनी और आरोपी की मिली भगत से धोखाधड़ी की गई है.

पढ़ें: दो शातिर चोर समेत तीन गिरफ्तार, 13 लाख रुपए नकद, 23 तोला सोना बरामद

इससे पहले भी मानसरोवर ब्रांच में पुरुषोत्तम सोनी ने नकली आभूषणों को शुद्ध आभूषण का सर्टिफिकेट देकर आरोपी के साथ मिलीभगत करके धोखाधड़ी की थी. जिसका मुकदमा मानसरोवर थाने में दर्ज हुआ था. उसमें पुरुषोत्तम सोनी और अन्य लोग गिरफ्तार हुए थे. इस बार रामनगरिया इलाके में नरेश और पुरुषोत्तम सोनी ने बैंक के साथ धोखाधड़ी की है. पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है. आरोपियों की तलाश भी की जा रही है.

जयपुर. राजधानी के रामनगरिया थाना इलाका में बैंक में असली की जगह नकली गोल्ड रखकर लाखों रुपए का लोन उठाने का मामला सामने आया है. केनरा बैंक के ब्रांच मैनेजर परिवादी कैलाश चंद मीणा ने नरेश के खिलाफ रामनगरिया थाने में मामला दर्ज करवाया है. पुलिस ने गुरुवार को मामला दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दी है.

जांच अधिकारी एएआई ज्ञानेंद्र प्रकाश के मुताबिक केनरा बैंक जगतपुरा ब्रांच मैनेजर कैलाश मीणा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि नरेश डागुर ने धोखाधड़ी करके नकली सोने के आभूषण केनरा बैंक शाखा जगतपुरा में गिरवी रखकर गोल्ड लोन लिया था. 6 फरवरी, 2023 को गोल्ड लोन लेने के लिए आवेदन किया था. आवेदन के साथ आरोपी नरेश की ओर से 8 सोने की चूड़ियां केनरा बैंक के समक्ष लोन की सिक्योरिटी की एवज में गिरवी रखी गई थी. आरोपी ने सोने की चूड़ियां शुद्ध सोने की बताई.

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इसके बाद सोने की शुद्धता की जांच करने और सोने की गणना करने के लिए पुरुषोत्तम सोनी को बुलाया गया. सुनार की ओर से सोने के आभूषण की कीमत करीब 3.56 लाख रुपए आंकी गई. सोने की गणना करके सुनार की ओर से घोषणा और प्रमाण पत्र दिया गया कि यह आभूषण का परीक्षण किया गया है. यह उत्तम गोल्ड से बने हैं. इसके बाद 2.80 लाख लोन स्वीकृत कर दिया गया. लोन राशि नरेश डागुर के खाते में ट्रांसफर कर दी गई. बैंक ने गिरवी रखे सोने का वापस मूल्यांकन करवाया.

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15 अप्रैल, 2023 को बैंक ब्रांच मैनेजर और क्षेत्रीय कार्यालय के कर्मचारियों के सामने गिरवी रखे गए सोने का वापस मूल्यांकन किया गया. पुनः मूल्यांकन में सामने आया कि गिरवी रखा गया गोल्ड नकली है, जिसका मूल्य जीरो है. गोल्ड लोन के समय पुरुषोत्तम सोनी ने इसका मूल्यांकन किया था. जबकि पुनः मूल्यांकन राम सोनी की ओर से किया गया. इसके बाद बैंक की ओर से आरोपी से संपर्क करने की कोशिश की गई. लेकिन आरोपी का मोबाइल फोन बंद बता रहा था. पहली बार गोल्ड का मूल्यांकन करने वाले पुरुषोत्तम सोनी और आरोपी की मिली भगत से धोखाधड़ी की गई है.

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इससे पहले भी मानसरोवर ब्रांच में पुरुषोत्तम सोनी ने नकली आभूषणों को शुद्ध आभूषण का सर्टिफिकेट देकर आरोपी के साथ मिलीभगत करके धोखाधड़ी की थी. जिसका मुकदमा मानसरोवर थाने में दर्ज हुआ था. उसमें पुरुषोत्तम सोनी और अन्य लोग गिरफ्तार हुए थे. इस बार रामनगरिया इलाके में नरेश और पुरुषोत्तम सोनी ने बैंक के साथ धोखाधड़ी की है. पुलिस पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रही है. आरोपियों की तलाश भी की जा रही है.

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