जयपुर. राजधानी जयपुर के जगतपुरा में श्रीकृष्ण बलराम मंदिर में बलराम पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन किया गया. भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई भगवान श्री बलराम का प्रकट उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया. हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच भगवान बलराम के जन्म पर कृष्ण बलराम मंदिर कृष्ण भक्ति से सराबोर हो गया. श्रावण पूर्णिमा की शाम को महाआरती की गई. भगवान बलराम और भगवान श्री कृष्ण के जयकारों से मंदिर गुंजायमान हो गया. बता दें कि गुरुवार सुबह से ही भगवान कृष्ण और भगवान बलराम के नयनाभिराम श्रृंगार और आकर्षक परिधानों से परिपूर्ण दर्शनों के लिए कृष्ण भक्तों का तांता लगा रहा. श्रद्धालु संकीर्तन और नृत्य करते हुए भाव विभोर होकर जमकर झूमे.
श्री कृष्णा बलराम मंदिर के अध्यक्ष अमितासन दास के मुताबिक जयंती महोत्सव की शुरूआत भगवान श्री कृष्ण और बलराम के उत्सव विग्रह के भव्य अभिषेक के साथ की गई. भगवान श्री कृष्णा बलराम मंदिर से एक भव्य पालकी के आगे संकीर्तन करते भक्तों का नजारा आकर्षण का केंद्र बना रहा. पालकी पर रंग-बिरंगे फूलों की वर्षा की गई. पंचामृत, पंचगव्य, विविध प्रकार के फलों के रस, औषधीय से मिश्रित जल से भरे 108 कलशों और नारियल पानी से अभिषेक किया गया. हरे कृष्ण महामंत्र का महासंकीर्तन और महाआरती का भव्य आयोजन हुआ. भगवान श्री कृष्णा बलराम को विशेष प्रकार के 108 भोग अर्पित किए गए. इसके बाद शाम को फिर से पालकी को संकीर्तन के साथ नाचते गाते भक्त श्रद्धा से कंधों पर उठाकर मंदिर के हाल में ले गए. जहां बड़ी संख्या में भक्तों ने फूलों की वर्षा की.
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मंदिर अध्यक्ष के मुताबिक बलराम जयंती के हर कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी किया जाता है. देश-विदेश में हजारों की संख्या में भक्ति घर बैठे लाइव प्रसारण देखते हैं. इसके अलावा मंदिर के ऑफिशल फेसबुक पेज पर भी आकर्षक फोटोग्राफी और पूरे कार्यक्रम को अपलोड किया जाता है. श्रीमद् भागवत में भगवान बलराम की लीलाओं का विशेष महत्व है. भगवान बलराम की जन्म की लीलाएं भगवान बलराम के द्वारका जाने और द्वारका से वापस वृंदावन आने की लीलाएं प्रमुख है.