जयपुर. राजस्थान की सरकार खिलाड़ियों को भले ही आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत सरकारी नौकरी का तोहफा दे रही हो, लेकिन खिलाड़ी जिन मैदानों पर अभ्यास कर रहे हैं उनके हालात कुछ अच्छे नहीं हैं. हम बात कर रहे हैं जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम की, जहां एक तरफ पिछले 5 सालों से अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्विमिंग पूल का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है. वहीं, जिस एथलेटिक ग्राउंड पर खिलाड़ी अभ्यास करते हैं, उस एथलेटिक ग्राउंड का सिंथेटिक ट्रैक जर्जर हालत में पहुंच चुका है.
आमतौर पर प्रदेश के खिलाड़ियों से यह उम्मीद लगाई जाती है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में वह मेडल जीतकर देश के साथ-साथ राज्य का नाम भी रोशन करेंगे, लेकिन जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में अभ्यास करने वाले खिलाड़ी (Synthetic Athletic Track in SMS) खेल मैदान की बदहाली से परेशान हो चुके हैं. जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में तकरीबन 5 साल पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्विमिंग पूल को बनाने की तैयारी शुरू हुई, लेकिन आज तक यह स्विमिंग पूल बन कर तैयार नहीं हो सका.
करोडों रुपये की लागत से यह स्विमिंग पूल (Condition of Sawai Mansingh Stadium) तैयार होना था. दावा किया जा रहा था कि यह ओलंपिक साइज का स्विमिंग पूल होगा, जहां सर्दी गर्मी बरसात यानी ऑल वेदर सीजन में खिलाड़ी अभ्यास कर सकेंगे. हालांकि, जब इस स्विमिंग पूल के रिनोवेशन का काम शुरू किया गया तो दावा किया जा रहा था कि 2 साल के भीतर इसे खिलाड़ियों के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन आज भी स्विमिंग पूल का काम कछुआ गति से चल रहा है.
मामले को लेकर खेल परिषद के उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी का कहना है कि स्टेडियम में जितने भी निर्माणाधीन कार्य हैं, उनको गति प्रदान करने के लिए इंजीनियर्स की एक टीम खेल परिषद में तैनात की गई है. हमारी कोशिश है कि सबसे पहले स्विमिंग पूल से जुड़ा काम पूरा हो सके. सतवीर चौधरी का कहना है कि सरकार की कोशिश है कि कम से कम समय में अधिक से अधिक सुविधाएं खिलाड़ियों को स्टेडियम में मिल सके और जितने भी निर्माणाधीन कार्य हैं उन्हें जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि खिलाड़ियों को लेकर सरकार काफी अच्छा काम कर रही है और हाल ही में बड़ी संख्या में आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का भी तोहफा दिया गया है.
सिंथेटिक ट्रैक भी बदहाल : वहीं, जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में एथलीट ग्राउंड पर (Bad Shape of SMS Stadium Synthetic Track) बनाए गए सिंथेटिक ट्रैक के हालात भी कुछ अच्छे नहीं हैं. इस सिंथेटिक ट्रैक पर ओलंपिक स्तर के खिलाड़ी अभ्यास करने पहुंचे हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह सिंथेटिक ट्रैक उखड़ने लगा है. हालांकि, नए सिंथेटिक ट्रैक के लिए करोड़ों रुपये का बजट जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी भी मजबूरन खिलाड़ियों को बदहाल हो चुके ट्रैक पर अभ्यास करना पड़ रहा है. खेल परिषद का कहना है कि जल्द ही नए सिंथेटिक ट्रैक को लेकर काम शुरू कर दिया जाएगा.