जयपुर. खाद्य तेल पर लागू सभी प्रकार के नियमों, कानूनों व विभिन्न करों पर विस्तृत चर्चा करने के लिए अखिल भारतीय रबी तिलहन सेमिनार के 43वें संस्करण का आयोजन जयपुर में हो रहा है. सेमिनार का आयोजन मस्टर्ड ऑयल प्रोड्यूसर्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया (मोपा) की ओर से दी सेन्ट्रल आर्गेनाइजेशन फॉर ऑयल इंडस्ट्री एवं ट्रेड (कुईट) के तत्वावधान में किया जा रहा है. पत्रकारों से बातचीत में मोपा के अध्यक्ष बाबूलाल डाटा ने कहा कहा कि हर साल यह रबी सेमिनार देश देश के अलग-अलग स्थानों पर होता है. इस बार पांच साल बाद यह आयोजन जयपुर में हो रहा है. रबी सेमिनार में देश को खाद्य तेलों में आत्मनिर्भर बनाने को लेकर मंथन होता है.
उन्होंने कहा कि हम सरकार से बार-बार यह निवेदन करते रहे हैं कि सरकार राजस्थान को सरसों प्रदेश घोषित करे. बाबूलाल डाटा ने बताया कि पूरे देश की करीब 40 से 45 प्रतिशत सरसों राजस्थान में पैदा होती है. यह एक ऐसी पैदावार है, जो सबसे कम पानी में पैदा होती है. देश में जितना तिलहन पैदा होता है या जितना तेल खाया जाता है. उसका करीब 50 फीसदी तेल विदेशों से आयात करना पड़ता है.
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सेमिनार के माध्यम से भारत सरकार एवं संबंधित राज्य सरकारों को तेल तिलहन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने, राष्ट्रीय तेल मिशन को सफल बनाने एवं आयात पर निर्भरता घटाने के लिए सुझाव प्रेषित किए जाते हैं. साथ ही सरकारों को सेमिनार के माध्यम से यह भी बताते है कि कौन-कौन से नियम, कानून एवं कर किसानों, उत्पादकों, व्यापारियों एवं श्रमिकों के हित में नहीं है.
शामिल होंगी साध्वी निरंजन ज्योति और शकुंतला रावतः 12 मार्च को बिरला ऑडिटोरियम में एक अहम सत्र का आयोजन होगा. इसमें केन्द्रीय उपभोक्ता मामलात राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और प्रदेश कि उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री, शकुन्तला रावत भी शामिल होंगी. इस सत्र में सरकारी अधिकारी, तिलहन विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, तकनिकीविद, तेल उद्योग एवं व्यापार के प्रमुख एवं अन्नदाता संबोधित करेंगे.