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मेयर निलंबन प्रकरण : स्वायत्त शासन विभाग ने न्यायिक जांच के लिए विधि विभाग को भेजी फाइल

जयपुर ग्रेटर नगर निगम की निलंबित महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर (Suspended Mayor Soumya Gurjar) और तीनों पार्षदों का जवाब आने के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने न्यायिक जांच करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी के बाद विधि विभाग को फाइल भेजी है. पैनल में शामिल न्यायिक अधिकारियों में से किसी के भी जरिये इसी सप्ताह जांच शुरू कराई जा सकती है.

Autonomous Government Department, Mayor suspension case
स्वायत्त शासन विभाग ने न्यायिक जांच के लिए विधि विभाग को भेजी फाइल
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Published : Jun 13, 2021, 2:36 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार के निलंबन के आदेश को निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर (Suspended Mayor Soumya Gurjar) ने हाईकोर्ट में चुनौती दे चुकी हैं. शुक्रवार को सुनवाई अधूरी रहने के बाद, अब सोमवार को फैसला आने की संभावना है. इस बीच राज्य सरकार भी मामले की न्यायिक जांच शुरू करने जा रही है. बीते सप्ताह स्वायत्त शासन विभाग ने सौम्या गुर्जर, शंकर शर्मा, पारस जैन और अजय सिंह को न्यायिक जांच की तरफ बढ़ने से पहले नोटिस भेज स्पष्टीकरण मांगा गया था.

इस पर चारों ने अपना स्पष्टीकरण सरकार को भेजा जिसमें जांच की रिपोर्ट और आरोपों को गलत और आधारहीन बताया गया. स्पष्टीकरण आने के बाद विभाग की ओर से यूडीएच मंत्री को न्यायिक जांच कराने का प्रस्ताव भिजवाया गया जिसे मंजूरी देने के बाद ये प्रस्ताव विधि विभाग को भेजा गया है.

बता दें कि कोर्ट में लगाई गई रिट और न्यायिक जांच से पहले दिए गए स्पष्टीकरण में महापौर ने दलील दी है कि उनका पक्ष सुने बिना ही सरकार ने उन्हें पद से निलंबित कर दिया. जबकि उनके खिलाफ थाने में मुकदमा भी दर्ज नहीं है. इसके अलावा उन्होंने जांच करवाने वाले अधिकारी पर भी सवाल उठाए थे जिसमें एक आरएएस अधिकारी कैसे एक आईएएस अधिकारी और जनप्रतिनिधि की जांच कर सकता है.

ये भी पढ़ें: महापौर-पार्षद निलंबन मामला : निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों ने सरकार को भेजा अपना स्पष्टीकरण

ये भी पढ़ें:महापौर-पार्षद निलंबन मामला : BJP विधायकों की दूरी पाटने में जुटे संगठन महामंत्री, विधायकों ने जताई नाराजगी

वहीं सरकार ने इस मामले में पक्ष रखा है कि सरकार बिना पक्ष सुने प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई कर सकती है. हालांकि, इससे पूर्व महापौर को पक्ष रखने के लिए समय भी दिया गया था लेकिन वो जांच अधिकारी के समक्ष नहीं पहुंची.

जयपुर. राज्य सरकार के निलंबन के आदेश को निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर (Suspended Mayor Soumya Gurjar) ने हाईकोर्ट में चुनौती दे चुकी हैं. शुक्रवार को सुनवाई अधूरी रहने के बाद, अब सोमवार को फैसला आने की संभावना है. इस बीच राज्य सरकार भी मामले की न्यायिक जांच शुरू करने जा रही है. बीते सप्ताह स्वायत्त शासन विभाग ने सौम्या गुर्जर, शंकर शर्मा, पारस जैन और अजय सिंह को न्यायिक जांच की तरफ बढ़ने से पहले नोटिस भेज स्पष्टीकरण मांगा गया था.

इस पर चारों ने अपना स्पष्टीकरण सरकार को भेजा जिसमें जांच की रिपोर्ट और आरोपों को गलत और आधारहीन बताया गया. स्पष्टीकरण आने के बाद विभाग की ओर से यूडीएच मंत्री को न्यायिक जांच कराने का प्रस्ताव भिजवाया गया जिसे मंजूरी देने के बाद ये प्रस्ताव विधि विभाग को भेजा गया है.

बता दें कि कोर्ट में लगाई गई रिट और न्यायिक जांच से पहले दिए गए स्पष्टीकरण में महापौर ने दलील दी है कि उनका पक्ष सुने बिना ही सरकार ने उन्हें पद से निलंबित कर दिया. जबकि उनके खिलाफ थाने में मुकदमा भी दर्ज नहीं है. इसके अलावा उन्होंने जांच करवाने वाले अधिकारी पर भी सवाल उठाए थे जिसमें एक आरएएस अधिकारी कैसे एक आईएएस अधिकारी और जनप्रतिनिधि की जांच कर सकता है.

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वहीं सरकार ने इस मामले में पक्ष रखा है कि सरकार बिना पक्ष सुने प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई कर सकती है. हालांकि, इससे पूर्व महापौर को पक्ष रखने के लिए समय भी दिया गया था लेकिन वो जांच अधिकारी के समक्ष नहीं पहुंची.

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