जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती 2023 में एससी और एसटी के लिए तय आरक्षण के अनुपात में सीटें आरक्षित नहीं रखने पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. अदालत ने मुख्य सचिव, कार्मिक सचिव, कॉलेज शिक्षा निदेशक और आरपीएससी सचिव से पूछा है कि क्यों ना भर्ती विज्ञापन को रद्द कर नए सिरे से विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए जाएं. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश डॉ. राहुल मौर्य व अन्य की ओर दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने गत 22 जून को रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान और भौतिक विज्ञान सहित कुल 48 विषयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती निकाली. याचिका में कहा गया कि आरक्षण नियमों के तहत प्रदेश की सरकारी सेवाओं में एसटी वर्ग को 12 फीसदी और एससी वर्ग को 16 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है. इसके बावजूद इस भर्ती में आरपीएससी ने आरक्षण नियमों की अवहेलना की है.
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कार्मिक विभाग की ओर से इस संबंध में जारी अधिसूचना और रोस्टर पाइंट को भी लागू नहीं किया गया है. याचिका में बताया गया कि इस भर्ती में भौतिक विज्ञान के कुल 60 पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं. ऐसे में आरक्षण नियमों के तहत एसटी वर्ग के लिए 8 और एससी वर्ग के लिए 10 पद आरक्षित रखे जाने थे. जबकि आयोग ने एसटी वर्ग के लिए एक पद और एससी वर्ग के लिए 2 पद ही आरक्षित रखे हैं.
याचिका में यह भी कहा गया कि गत भर्ती के बैकलॉग पद भी रिक्त चल रहे हैं. ऐसे में याचिकाकर्ताओं के संविधान प्रदत्त अधिकारों की अवहेलना हुई है. इसलिए आरपीएससी को निर्देश दिए जाए कि वह इस भर्ती विज्ञापन को रद्द कर आरक्षण नियमों की पालना करते हुए पदों का नए सिरे से निर्धारण कर भर्ती विज्ञापन जारी करे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.