जयपुर. सोलहवीं राजस्थान विधानसभा का प्रथम सत्र शुक्रवार से शुरू होगा. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पहल पर सत्र शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक हुई. सदन में सार्थक बहस के साथ सुचारू रूप से कार्यवाही चलाने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के साथ चर्चा हुई. विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सदन में सार्थक चर्चा होनी चाहिए, सभी सदस्यों को बोलने का मौका मिलेगा. विधानसभा का सदन अधिक से अधिक दिन चले, इसके लिए सभी दलों के सदस्यों को सकारात्मक सोच रखनी होगी. उन्होंने कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी विधानसभा के सभी नवनिर्वाचित सदस्यों की है.
सदन में राज्यपाल का हो पूरा सम्मान : राज्यपाल के अभिभाषण को सभी सदस्यों को शान्तिपूर्वक सुनने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने आग्रह किया. राज्यपाल का पद संवैधानिक होता है. सदन में राज्यपाल का पूरा सम्मान होना चाहिए, इसके लिए राज्यपाल अभिभाषण के समय शांति रखें और अभिभाषण को धैर्यपूर्वक सुनें. सदन में तख्तियां या प्लेकार्ड कोई भी नहीं लेकर आएं. विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि सभी दलों को चर्चा के लिए नियमानुसार समय आवंटित किया जाएगा. समय सीमा में ही सदस्य अधिक से अधिक अपनी बात रखें. उन्होंने कहा कि यह दल के नेता कि जिम्मेदारी होगी कि उनके दल का सदस्य सदन में अपनी बात को आवंटित समय में ही रखने का प्रयास करे. देवनानी ने कहा कि यह सदन जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने का पवित्र स्थल है. इस स्थल की गरिमा को बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है, जनहित के मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी. इसके लिए यदि सदन को देर तक चलाने की आवश्यकता होगी, तो सदन को देर तक चलाया जाएगा. उन्होनें कहा कि समस्याओं का हल बातचीत से होता है. सदन में समस्याओं के निस्तारण का प्रयास होगा. यहां पर सदस्यों की बातों को गम्भीरता से लिया जाएगा. उनकी ओर से उठाई गई समस्याओं का निस्तारण भी कराया जाएगा.
सदस्य भी अपनी बात समय सीमा में रखने का प्रयास करेंः मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सदन में अपनी-अपनी बात रखने के लिए पक्ष और प्रतिपक्ष के सभी सदस्यों की भावना एक समान होती है. उन्होनें कहा कि सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का मौका मिले, इसके लिए पूरे प्रयास किए जाएं. सदस्य भी अपनी बात समय सीमा में रखने का प्रयास करें. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि सदन में रखी गई बातों को सरकार गंभीरता से ले और प्रश्नों के जवाब अगले सत्र से पहले आवश्यक रूप से प्रस्तुत कराएं. उन्होंने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी पक्ष के साथ प्रतिपक्ष की भी है. उन्होंने अध्यक्ष को आश्ववासन दिया कि प्रतिपक्ष के सदस्य सदन में मर्यादापूर्ण व्यवहार से अपनी बात रखेंगे.
जवाब समय सीमा में प्रस्तुत कराए जाएंगे : देवनानी ने प्रश्नों के उत्तर नहीं आने पर चिंता जताते हुए कहा कि अब समय पर प्रश्नों के जवाब मंगाए जाएंगे, इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. सदन में समितियों की रिपोर्ट समय पर मंगाई जाएगी और उन पर आवश्यक रूप से चर्चा भी कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि सदन का प्रश्न और शून्यकाल महत्वपूर्ण होता है, इन दोनों समय में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं होना चाहिए, इसके लिए सभी दलों को सोचना होगा. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन में स्थगन के साथ पूर्व की भांति पर्ची के माध्यम से लोक महत्व के उठाए जाने विषयों की व्यवस्था को पुनः लागू किया जाएगा. पर्ची से उठाए जाने वाले विषयों पर जवाब भी दिलवाया जाएगा.
विधानसभा अध्यक्ष की अपील : देवनानी ने सभी दलों से अपील की है कि सदन में गरिमा में रहकर मुद्दे उठाए जाएं. सभी सदस्य सदन में मर्यादा में रहकर अपनी बात रखें. अमर्यादित आचरण न करें. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी हम सभी की है. दर्शक दीर्घा में आने वाले लोगों को अनुमति दिलाने से पहले विधायकगण संबंधित व्यक्ति के व्यवहार का आंकलन अवश्य कर लें ताकि सदन में किसी प्रकार की असुरक्षा न हो. बैठक में सीएम भजनलाल शर्मा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग, बीएसपी विधायक मनोज न्यांगली, मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल मौजूद रहे. हालांकि, आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल और BAP विधायक राजकुमार रोत बैठक में शामिल नहीं हुए.