जयपुर. कांग्रेस नेता जगदीश कंकरालिया मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रेनवाल के रघुनंदन पुरा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपनी योजनाओं को गिनाने के साथ ही जनता से इस बार सरकार रिपीट करवाने की अपील की. वहीं, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हो या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ओपीएस समेत हमारी कई योजनाओं पर सवाल खड़ी कर रही हैं, लेकिन आप तो केवल हमारी सरकार रिपीट करा दो, बाकी हम उनसे निपटना जानते हैं और निपट भी लेंगे.
गहलोत ने कहा कि अगर सरकार रिपीट करोगे तो हमारी तमाम स्कीमें और मजबूत होंगीं. चाहे ओपीएस हो या कोई और योजना, हम किसी को खत्म नहीं करने देंगे. गहलोत ने कहा कि हमारी योजनाएं मजबूत हैं, कल्याणकारी हैं और जनता के लिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश का बजट शानदार आया है और मुझे लगता है कि इस बार जनता चाहती है कि सरकार रिपीट हो. बस इस बार आप उनके बहकावे में नहीं आएं और हमारी स्कीमों को हर किसी तक पहुंचाएं. गहलोत ने कहा कि भले ही हम विश्वगुरु होने की बात करते हैं, लेकिन विश्वगुरु तभी बनेंगे जब सामाजिक सुरक्षा के लिए काम करेंगे और यह काम कांग्रेस सरकार ही कर सकती है.
मुख्यमंत्री ने इस दौरान उदाहरण देते हुए कहा कि पिछली सरकार के समय जब बद्रीनाथ-केदारनाथ में तूफान आया था, उसमें राजस्थान के काफी लोग मारे गए थे. उस समय मैंने निर्णय लिया था कि जिन लोगों का उस हादसे में निधन हुआ, उन्हें मैं नौकरी दूंगा. हमने 20-25 लोगों को नौकरी दी, लेकिन हमारी सरकार चली गई और नई सरकार ने न केवल बाकी बचे लोगों की नौकरी रोकी, बल्कि जिन पीड़ित परिवारों को हमने नौकरी दी थी, उन्हें भी वापस नौकरी से निकाल दिया गया था. गहलोत ने कहा कि अब हमने निर्णय लिया है कि हम इन लोगों को वापस नौकरी देंगे और यही फर्क कांग्रेस और भाजपा में है.
मैं कहता हूं योजनाओं के लिए पैसा 'जादू' से आएगा : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस कार्यक्रम में कहा कि हमारे बजट की हर तरफ तारीफ इसलिए हो रही है, क्योंकि मैं खुद बजट की एक-एक चीज को बारीकी से देखता हूं. चाहे किसान, पशुपालक, मजदूर, युवा, महिलाएं, दलित, पिछड़े आदिवासी या कोई भी हो, उनकी भलाई कैसे हो सके, यह मैं प्रयास करता हूं. उन्होंने कहा कि हमने हमारे बजट में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के महंगाई, बेरोजगारी, आपसी प्यार फैलाने के फार्मूले पर ही तैयार किया है. यही कारण है कि जिन सिलेंडर को आम लोग महंगा होने के चलते स्टूल बना रहे थे, उन्हें मैं 500 रुपये में सिलेंडर दूंगा.
इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चाहे पानी के मंत्री हमारे राजस्थान के हों या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वह ईआरसीपी को लेकर कुछ नहीं बोल रहे, बल्कि प्रधानमंत्री अब की बार दौसा आए तो उन्होंने लोगों को भ्रमित भी कर दिया. अगर एक प्रधानमंत्री ऐसी सोच रखें तो यह अच्छी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि हम तो बीसलपुर का पानी लेकर आए और हमारा उद्देश्य विकास रहता है. जब हमारी सरकार बनती है तो हम पिछली सरकार की भी योजनाओं को बंद नहीं करते, जबकि यह सरकार में आते ही हमारी योजनाएं बंद कर देते हैं.
गहलोत ने कहा कि विपक्ष हमेशा मुझे कहता है कि आप घोषणा ही तो कर रहे हो, लेकिन पैसा कहां से आएगा. मैं उन्हें अक्सर कहता हूं कि यह पैसा जादू से आएगा, लेकिन हकीकत यह है कि यह पैसा राजस्थान के लोगों का जो टैक्स या अन्य तरीके से कॉन्ट्रिब्यूशन होता है, उसी से आता है. उसी से सरकार चलती है और हम योजनाएं ला पाते हैं. चाहे राजस्थान की सरकार हो या केंद्र की, जनता के पैसे से ही चलती है. सरकारें कुछ लोन भी ले सकती हैं, लेकिन वह नियम-कायदों के तहत लिए जाते हैं.