जयपुर. केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि आर्टिकल 370 अलगाववाद और आतंकवाद का ढांचा था, जिसे केंद्र की मोदी सरकार ने ध्वस्त कर दिया जो कि धन्यवाद के पात्र है. उन्होंने यह बात बिरला सभागार में आयोजित पंडित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में जम्मू कश्मीर का भारत में पूर्ण अधिमिलन विषय पर बोलते हुए कही.
इस दौरान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने पाकिस्तान की आन्तरिक व्यवस्था को लेकर कहा कि पाकिस्तान एक फौज है जिसके पास अपना देश है. जबकि दूसरे देशों में स्टैब्लिशमेंट सरकार को कहा जाता है. लेकिन पाकिस्तान दुनिया का अकेला ऐसा मुल्क है, जहां स्टैब्लिशमेंट सेना को कहा जाता है.
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उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की आबादी से ज्यादा मुसलमान भारत में है। ऐसे में आने वाली पीढ़ियां यह जरूर पूछेंगी कि धार्मिक अलगाववाद के आधार पर बंटवारा क्यों कराया गया. राज्यपाल ने कहा कि आर्टिकल 370 का लगना ऐसे लोगों का नतीजा था, जो कि अलगाववाद चाहते थे. इसे हटाकर मोदी सरकार ने बड़ा काम किया है. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 हटाने के लिए जितनी बधाई दी जाए उतनी कम है. भारत किसी भू-भाग का नाम नहीं बल्कि भारत एक विचार का नाम है.
वहीं कश्मीर के बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि विशेष प्रावधान हमेशा असमानताएं पैदा करते हैं. 370 का इस्तेमाल कश्मीर को आतंकवाद का अड्डा बनाने के लिए किया जा रहा था, केंद्र सरकार के फैसले ने उस ढांचे को तोड़ दिया है. धारा 370 खत्म होने से अब कश्मीर सशक्त होगाा. उन्होंने पूरे देश से आवाह्न किया कि अब कश्मीरियों को बताना होगा कि जहां आप रहते है वो देश का ताज है.
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व्याख्यान माला में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेश चंद्र शर्मा ने जम्मू कश्मीर का भारत में पूर्ण अधि मिलन विषय पर प्रस्तावना रखते हुए कहा कि पिछली बार भी जम्मू-कश्मीर के विषय पर व्याख्यान था. लेकिन इतनी जल्दी विषय का फिर से दोहरोव होगा इसकी उम्मीन नहीं की थी. लेकिन अगस्त के पहले सप्ताह में कश्मीर को लेकर परिवेश ही बदल गया डॉ. शर्मा ने कहा कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू करने को लेकर संविधान सभा में इस विषय पर एक बार भी चर्चा नहीं हुई.