जयपुर. प्रदेश में उर्दू तालीम को बचाने और मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने की मांग को लेकर किए जा रहे उर्दू शिक्षक और मदरसा पैरा टीचर्स के प्रदर्शन ने एक नया मोड़ ले लिया है. उन्होंने ऐलान किया है कि जब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनकी वार्ता नहीं हो जाती है. तब तक वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे.
बता दें कि जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर उर्दू शिक्षक और मदरसा पैराटीचर्स ने सोमवार सुबह प्रदर्शन किया था. वे उर्दू की बदहाली और मदरसा पैराटीचर्स को नियमित करने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद के खिलाफ भी आक्रोश जताया और उन्हें बर्खास्त करने की मांग की.
प्रदर्शनकारियों का मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने भी योजना थी, लेकिन पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद उन्होंने घेराव का विचार स्थगित कर दिया. इसके बाद उर्दू शिक्षकों और मदरसा पैराटीचर्स के एक प्रतिनिधिमंडल को सीएमओ भी लेकर गए. जहां, प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री के सचिव से बात हुई. उर्दू शिक्षक और मदरसा पैरा टीचर्स ने उन्हें कोई ज्ञापन नहीं दिया. उनकी मांग थी कि मुख्यमंत्री से उनकी वार्ता कराई जाए.
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सचिव ने कहा कि वे उनका संदेश मुख्यमंत्री तक पहुंचा देंगे, लेकिन जब उन्हें कोई समय नहीं मिला तो प्रतिनिधिमंडल वापस लौट आया और उन्होंने अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान कर दिया. उनका कहना था कि जब तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनकी बात नहीं हो जाती है, तब तक वे जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे. राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने कहा कि हमारी समस्याओं का हल मुख्यमंत्री स्तर पर ही हो सकता है. शिक्षा राज्य मंत्री और अल्पसंख्यक मामलात मंत्री से हम कई बार दरख्वास्त कर चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा अभी तक हमें कुछ भी नहीं मिला है.