जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पदाधिकारियों के बीच बयानबाजी को लेकर एआईसीसी अब सख्त हो गया है. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने एक नोटिस जारी किया है. जिसमें एक कांग्रेस नेताओं को एक दूसरे पर टिप्पणी करने के मामले में जवाब देने को कहा गया है. इसके लिए एआईसीसी ने 7 दिन का समय दिया है.
दरअसल, लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद राजस्थान में लगातार हो रही बयानबाजी के बाद राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेताओं को हिदायत दी थी. उन्होंने पार्टी के नेताओं से किसी तरीके की बयान बाजी ना करने की अपील की थी. इसके बावजूद राजस्थान कांग्रेस में बयानबाजी का दौर नहीं थमा.
सबसे पहले राजस्थान कांग्रेस महासचिव और जयपुर शहर से चुनाव लड़ी ज्योति खंडेलवाल ने नेताओं पर ही कांग्रेस को हराने के आरोप लगाए. ज्योति खंडेलवाल ने मालवीय नगर को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हार के कारणों की जांच करने के लिए लेने और कांग्रेस की मीडिया चेयर पर्सन अर्चना शर्मा और उनके पति सोमेंद्र शर्मा पर चुनाव में सहयोग नहीं करने के आरोप लगाया है. वहीं धूप सिंह पूनिया ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर अनर्गल बयानबाजी की.
इन दोनों ही मामलों को एआईसीसी ने गंभीर माना है और शुक्रवार को दोनों ही नेताओं को एक नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में लिखा है कि आप द्वारा मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी एवं संगठन को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और बयानबाजी नहीं करनी की अपील के बावजूद इस प्रकार के कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है. जिससे पार्टी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है. नोटिस में कहा गया है कि यह काम पार्टी के प्रति अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है.
इस नोटिस का जवाब देने के लिए पार्टी ने दोनों नेताओं को 7 दिन का समय दिया है. इस अवधि में अगर जवाब नहीं दिया जाता है तो दोनों नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की बात भी कही गई है. नोटिस कांग्रेस के राजस्थान से प्रभारी विवेक बंसल के हस्ताक्षर से जारी हुआ है.