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Rajasthan Politics : कैबिनेट बैठक के बाद रंधावा ने ली मंत्रियों की क्लास, ED समेत इन मुद्दों पर हुई चर्चा

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Published : Jun 7, 2023, 8:37 AM IST

Updated : Jun 7, 2023, 9:10 PM IST

राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मंगलवार देर रात मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्रियों के साथ अलग से बातचीत की. इस बैठक में मंत्रियों से उनकी आगामी चुनावी रणनीति समेत अन्य अहम विषयों पर (Randhawa took class of ministers) विस्तार से चर्चा हुई.

Randhawa took class of ministers
Randhawa took class of ministers

जयपुर. राजस्थान में मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मंत्रियों की क्लास ली. करीब 3 घंटे तक रंधावा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हर मंत्री से वन टू वन चर्चा की. इस बैठक में मंत्रियों से उनकी चुनावी स्ट्रैटजी के अलावा महंगाई राहत कैंपों के असर और देश भर में जारी ED की कार्रवाई पर विस्तार से बातचीत हुई. इस दौरान मंत्रियों से ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस की आगामी स्ट्रेटजी क्या होनी चाहिए पर राय ली गई. इसमें कई मंत्रियों ने ईडी के मामले में भाजपा पर जवाबी हमले करने का सुझाव दिया.

पार्टी सूत्रों की मानें तो बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि अगर आने वाले दिनों में ईडी की कार्रवाई के मामले ज्यादा बढ़ते हैं तो फिर कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरेगी. ईडी के खिलाफ धरने प्रदर्शन करने का फैसला प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर छोड़ा गया है. इसके अलावा बैठक में महंगाई राहत कैंपों को लेकर भी मंत्रियों से सुझाव लिए गए. साथ ही प्रदेश प्रभारी रंधावा ने अलग-अलग मंत्रियों से चुनाव जीतने को लेकर भी सुझाव मांगे. यह बैठक इतनी महत्वपूर्ण थी कि इसमें सभी मंत्रियों को शामिल होने के लिए कहा गया था. साथ ही जो मंत्री बैठक नहीं आ सके, वो ऑनलाइन बैठक से जुड़े.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan : गहलोत मंत्रिमंडल का बड़ा फैसला, 25 वर्ष के सेवाकाल पर अब मिलेगी पूरी पेंशन

वहीं, मंगलवार रात 12:15 बजे तक चली इस बैठक के चलते कैबिनेट और मंत्रिपरिषद को लेकर सचिवालय में होने वाली ब्रीफिंग भी रद्द कर दी गई. जानकारों की मानें तो बैठक में प्रदेश प्रभारी रंधावा ने तमाम मंत्रियों को अपने-अपने प्रभार वाले जिलों के साथ-साथ उनके निर्वाचन क्षेत्रों में भी सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता की सुध लेने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं रंधावा ने मंत्रियों को एकजुट रहने की नसीहत देते हुए कहा कि चुनाव में कुछ ही महीने का समय बचा है. ऐसे में सभी को एकजुट होकर चुनावी तैयारी में जुटना चाहिए.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि मंत्रियों को एक-दूसरे खिलाफ बयानबाजी न करने और गुटबाजी से दूरी बनाने की बात कही. इधर, थर्ड ग्रेड ट्रांसफर को लेकर भी कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई, जिसमें ज्यादातर विधायकों ने तबादले शुरू करने की बात कही, लेकिन कुछ विधायक ऐसे भी रहे जिन्होंने अब तबादलों को गलत बताया.

3 दिनों तक विधायकों और मंत्रियों से रंधावा करेंगे चर्चा - प्रदेश प्रभारी रंधावा बुधवार को सुबह 11 बजे से नेताओं के साथ वन टू वन संवाद करेंगे. बैठक में सह प्रभारी अमृता धवन भी मौजूद रहेंगी. जिन विधायकों और मंत्रियों ने रंधावा से मिलने का समय अलग से मांगा है, वो उनसे भी मुलाकात करेंगे. वैसे तो अगले 3 दिन तक प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का जयपुर में रहकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से फीडबैक और मुलाकात का कार्यक्रम है.

लेकिन राहुल गांधी के विदेश से लौटने से पहले एक बार राजस्थान के मामले पर संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल से भी उनकी मुलाकात होनी है. ऐसे में अगर 9 जून से पहले रंधावा और डोटासरा को केसी वेणुगोपाल दिल्ली बुलाते हैं तो फिर ऐसी स्थिति में रंधावा विधायकों से जारी बैठकों के कार्यक्रम को बीच में छोड़कर दिल्ली जाएंगे.

मीटिंग में रमेश मीणा और डोटासरा में हुई हल्की तकरारः मंगलवार देर रात करीब 12:15 बजे तक मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कैबिनेट और मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ चर्चा की. चर्चा के दौरान मंत्री रमेश मीणा और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर नोकझोंक हो गई. दरअसल रमेश मीणा के ब्लॉक में एक ब्लॉक अध्यक्ष बना दिया गया है, लेकिन एक ब्लॉक अध्यक्ष अब तक नहीं बनाया गया है. इसे लेकर रमेश मीणा ने अपनी बात रखी तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भी उन्हें जवाब दे दिया, हालांकि यह बात आगे नहीं बढ़ी और दोनों नेता वही शांत हो गए.

मंत्री मुरारीलाल के भी हैं या नहींः मंत्री परिषद की बैठक के दौरान मंगलवार रात को जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों से कहा कि मैं आप सबका अभिभावक हूं, तो इस बात पर मीटिंग में मौजूद मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि क्या आप मंत्री मुरारी लाल मीणा के भी अभिभावक हैं. इस बात पर मंत्री परिषद की बैठक में मौजूद सभी नेता हंसने लगे. आपको बता दें कि मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और मुरारी लाल मीणा पायलट समर्थक हैं, लेकिन 2020 में मुरारी लाल मीणा सचिन पायलट के साथ मानेसर गए थे, जबकि राजेंद्र गुढ़ा अशोक गहलोत के साथ थे.

जयपुर. राजस्थान में मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मंत्रियों की क्लास ली. करीब 3 घंटे तक रंधावा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हर मंत्री से वन टू वन चर्चा की. इस बैठक में मंत्रियों से उनकी चुनावी स्ट्रैटजी के अलावा महंगाई राहत कैंपों के असर और देश भर में जारी ED की कार्रवाई पर विस्तार से बातचीत हुई. इस दौरान मंत्रियों से ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस की आगामी स्ट्रेटजी क्या होनी चाहिए पर राय ली गई. इसमें कई मंत्रियों ने ईडी के मामले में भाजपा पर जवाबी हमले करने का सुझाव दिया.

पार्टी सूत्रों की मानें तो बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि अगर आने वाले दिनों में ईडी की कार्रवाई के मामले ज्यादा बढ़ते हैं तो फिर कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरेगी. ईडी के खिलाफ धरने प्रदर्शन करने का फैसला प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर छोड़ा गया है. इसके अलावा बैठक में महंगाई राहत कैंपों को लेकर भी मंत्रियों से सुझाव लिए गए. साथ ही प्रदेश प्रभारी रंधावा ने अलग-अलग मंत्रियों से चुनाव जीतने को लेकर भी सुझाव मांगे. यह बैठक इतनी महत्वपूर्ण थी कि इसमें सभी मंत्रियों को शामिल होने के लिए कहा गया था. साथ ही जो मंत्री बैठक नहीं आ सके, वो ऑनलाइन बैठक से जुड़े.

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वहीं, मंगलवार रात 12:15 बजे तक चली इस बैठक के चलते कैबिनेट और मंत्रिपरिषद को लेकर सचिवालय में होने वाली ब्रीफिंग भी रद्द कर दी गई. जानकारों की मानें तो बैठक में प्रदेश प्रभारी रंधावा ने तमाम मंत्रियों को अपने-अपने प्रभार वाले जिलों के साथ-साथ उनके निर्वाचन क्षेत्रों में भी सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता की सुध लेने के निर्देश दिए हैं. इतना ही नहीं रंधावा ने मंत्रियों को एकजुट रहने की नसीहत देते हुए कहा कि चुनाव में कुछ ही महीने का समय बचा है. ऐसे में सभी को एकजुट होकर चुनावी तैयारी में जुटना चाहिए.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि मंत्रियों को एक-दूसरे खिलाफ बयानबाजी न करने और गुटबाजी से दूरी बनाने की बात कही. इधर, थर्ड ग्रेड ट्रांसफर को लेकर भी कैबिनेट की बैठक में चर्चा हुई, जिसमें ज्यादातर विधायकों ने तबादले शुरू करने की बात कही, लेकिन कुछ विधायक ऐसे भी रहे जिन्होंने अब तबादलों को गलत बताया.

3 दिनों तक विधायकों और मंत्रियों से रंधावा करेंगे चर्चा - प्रदेश प्रभारी रंधावा बुधवार को सुबह 11 बजे से नेताओं के साथ वन टू वन संवाद करेंगे. बैठक में सह प्रभारी अमृता धवन भी मौजूद रहेंगी. जिन विधायकों और मंत्रियों ने रंधावा से मिलने का समय अलग से मांगा है, वो उनसे भी मुलाकात करेंगे. वैसे तो अगले 3 दिन तक प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का जयपुर में रहकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से फीडबैक और मुलाकात का कार्यक्रम है.

लेकिन राहुल गांधी के विदेश से लौटने से पहले एक बार राजस्थान के मामले पर संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल से भी उनकी मुलाकात होनी है. ऐसे में अगर 9 जून से पहले रंधावा और डोटासरा को केसी वेणुगोपाल दिल्ली बुलाते हैं तो फिर ऐसी स्थिति में रंधावा विधायकों से जारी बैठकों के कार्यक्रम को बीच में छोड़कर दिल्ली जाएंगे.

मीटिंग में रमेश मीणा और डोटासरा में हुई हल्की तकरारः मंगलवार देर रात करीब 12:15 बजे तक मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कैबिनेट और मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ चर्चा की. चर्चा के दौरान मंत्री रमेश मीणा और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर नोकझोंक हो गई. दरअसल रमेश मीणा के ब्लॉक में एक ब्लॉक अध्यक्ष बना दिया गया है, लेकिन एक ब्लॉक अध्यक्ष अब तक नहीं बनाया गया है. इसे लेकर रमेश मीणा ने अपनी बात रखी तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भी उन्हें जवाब दे दिया, हालांकि यह बात आगे नहीं बढ़ी और दोनों नेता वही शांत हो गए.

मंत्री मुरारीलाल के भी हैं या नहींः मंत्री परिषद की बैठक के दौरान मंगलवार रात को जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों से कहा कि मैं आप सबका अभिभावक हूं, तो इस बात पर मीटिंग में मौजूद मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि क्या आप मंत्री मुरारी लाल मीणा के भी अभिभावक हैं. इस बात पर मंत्री परिषद की बैठक में मौजूद सभी नेता हंसने लगे. आपको बता दें कि मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और मुरारी लाल मीणा पायलट समर्थक हैं, लेकिन 2020 में मुरारी लाल मीणा सचिन पायलट के साथ मानेसर गए थे, जबकि राजेंद्र गुढ़ा अशोक गहलोत के साथ थे.

Last Updated : Jun 7, 2023, 9:10 PM IST
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