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परीक्षा में शामिल डमी अभ्यर्थी की जमानत अर्जी खारिज

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश क्रम-1 महानगर द्वितीय ने मूल अभ्यर्थी की (rejected bail application of dummy candidate) जगह परीक्षा देने पहुंची डमी अभ्यर्थी की जमानत याचिकता खारिज कर दी है.

Judge rejected the bail application,  rejected bail application of dummy candidate
डमी अभ्यर्थी की जमानत अर्जी खारिज.
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Published : Feb 28, 2023, 8:51 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश क्रम-1 महानगर द्वितीय ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में मूल अभ्यर्थी की जगह परीक्षा में शामिल हुई डमी अभ्यर्थी सरकारी महिला शिक्षक संगीता बिश्नोई की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आजकल आयोजित की जा रही भर्ती परीक्षाओं में इस तरह डमी परीक्षार्थी को बिठाकर परीक्षा देने के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो की विधि द्वारा स्थापित व्यवस्था को भंग करने वाले हैं.

आरोपी पर परीक्षाओं के संबंध में स्थापित व्यवस्थाओं को दूषित करने का आरोप है. जिससे वास्तविक हकदार व्यक्ति नौकरी पाने से वंचित होते हैं. ऐसे मामले में उदारता रखते हुए आरोपी को जमानत दी गई तो इस प्रकार की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा और केंद्र और राज्य सेवा की प्रतिष्ठित परीक्षा में मेहनत करने वालों के साथ खिलवाड़ होगा. ऐसे में आरोपी संगीता बिश्नोई की जमानत अर्जी को खारिज किया जाता है. जमानत अर्जी में कहा गया है कि वह निर्दोष है और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं, प्रार्थी ने परीक्षा हॉल में प्रवेश कर किसी प्रकार का कोई पेपर नहीं दिया है और न ही किसी अन्य व्यक्ति की जगह परीक्षा दी है. इसके अलावा उसके खिलाफ पुलिस थाने में अन्य कोई मामला भी विचारणीय नहीं है. प्रार्थी सरकारी शिक्षक है और उसके 14 माह की बेटी है, जो उसका दूध ही पीती है. पुत्री की सार संभाल करने वाला भी अन्य कोई व्यक्ति घर में नहीं है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

पढ़ेंः Teachers Exam Paper Leak Case: जयपुर में पकड़ा गया डमी कैंडिडेट, तो भरतपुर में जीजा की जगह साला दे रहा था पेपर

जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील साजिया खान ने बताया कि आरोपी पर सरकारी शिक्षिका होते हुए भी अन्य अभ्यर्थी के बदले परीक्षा में शामिल होने का आरोप है. फिंगरप्रिंट मैच नहीं होने के चलते मामला उजागर हुआ, वरना वह परीक्षा में शामिल हो जाती और दूसरे होनहार अभ्यर्थी चयन से वंचित हो जाता. ऐसे में उसकी जमानत अर्जी को खारिज किया जाए. बता दें कि 25 फरवरी को प्रिंस स्कूल, सूर्य नगर के सेंटर अधीक्षक बंशीधर सैनी में मुरलीपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया कि सेंटर पर अभ्यर्थी मंजू बिश्नोई परीक्षा देने आई, लेकिन उसके फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए और न ही आधार कार्ड व प्रवेश पत्र पर लगी फोटो मेच हुई. ऐसे में परीक्षार्थी को पुलिस को सौंप दिया गया. वहीं बाद में सामने आया कि अभ्यर्थी मंजू ना होकर संगीता बिश्नोई थी.

जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश क्रम-1 महानगर द्वितीय ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में मूल अभ्यर्थी की जगह परीक्षा में शामिल हुई डमी अभ्यर्थी सरकारी महिला शिक्षक संगीता बिश्नोई की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आजकल आयोजित की जा रही भर्ती परीक्षाओं में इस तरह डमी परीक्षार्थी को बिठाकर परीक्षा देने के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जो की विधि द्वारा स्थापित व्यवस्था को भंग करने वाले हैं.

आरोपी पर परीक्षाओं के संबंध में स्थापित व्यवस्थाओं को दूषित करने का आरोप है. जिससे वास्तविक हकदार व्यक्ति नौकरी पाने से वंचित होते हैं. ऐसे मामले में उदारता रखते हुए आरोपी को जमानत दी गई तो इस प्रकार की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा और केंद्र और राज्य सेवा की प्रतिष्ठित परीक्षा में मेहनत करने वालों के साथ खिलवाड़ होगा. ऐसे में आरोपी संगीता बिश्नोई की जमानत अर्जी को खारिज किया जाता है. जमानत अर्जी में कहा गया है कि वह निर्दोष है और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं, प्रार्थी ने परीक्षा हॉल में प्रवेश कर किसी प्रकार का कोई पेपर नहीं दिया है और न ही किसी अन्य व्यक्ति की जगह परीक्षा दी है. इसके अलावा उसके खिलाफ पुलिस थाने में अन्य कोई मामला भी विचारणीय नहीं है. प्रार्थी सरकारी शिक्षक है और उसके 14 माह की बेटी है, जो उसका दूध ही पीती है. पुत्री की सार संभाल करने वाला भी अन्य कोई व्यक्ति घर में नहीं है. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए.

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जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील साजिया खान ने बताया कि आरोपी पर सरकारी शिक्षिका होते हुए भी अन्य अभ्यर्थी के बदले परीक्षा में शामिल होने का आरोप है. फिंगरप्रिंट मैच नहीं होने के चलते मामला उजागर हुआ, वरना वह परीक्षा में शामिल हो जाती और दूसरे होनहार अभ्यर्थी चयन से वंचित हो जाता. ऐसे में उसकी जमानत अर्जी को खारिज किया जाए. बता दें कि 25 फरवरी को प्रिंस स्कूल, सूर्य नगर के सेंटर अधीक्षक बंशीधर सैनी में मुरलीपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया कि सेंटर पर अभ्यर्थी मंजू बिश्नोई परीक्षा देने आई, लेकिन उसके फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुए और न ही आधार कार्ड व प्रवेश पत्र पर लगी फोटो मेच हुई. ऐसे में परीक्षार्थी को पुलिस को सौंप दिया गया. वहीं बाद में सामने आया कि अभ्यर्थी मंजू ना होकर संगीता बिश्नोई थी.

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