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तीन साल तक पत्नी को गुजारा भत्ता नहीं दिया, अदालत ने पति को 36 माह के लिए भेजा जेल

अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-5 महानगर द्वितीय (sent husband to jail for not giving alimony) ने पत्नी को गुजारा भत्ता नहीं देने पर पति को जेल भेज दिया.

Additional Chief Metropolitan Magistrate,  sent husband to jail for not giving alimony
अदालत ने पति को 36 माह के लिए भेजा जेल.
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Published : Feb 9, 2023, 7:41 PM IST

Updated : Feb 9, 2023, 11:17 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-5 महानगर द्वितीय ने अदालती आदेश के बावजूद पत्नी को तीन साल तक गुजारा भत्ता नहीं देने पर पति ताराचंद सामरिया को 36 माह के लिए जेल भेज दिया है. अदालत ने कहा कि हर माह की भरण पोषण राशि नहीं देने के आधार पर एक माह की सजा की गणना करते हुए उसे जेल में रखा जाए. वहीं अदालत ने कहा है कि यदि उसकी ओर से भरण पोषण राशि के तौर पर राशि पत्नी को दी जाती है तो जेल की सजा की उतनी अवधि को कम कर दिया जाए. अदालत ने यह आदेश परिवादी अनिता कुमारी खटीक के प्रार्थना पत्र पर दिए.

प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता शिव जोशी ने अदालत को बताया कि पूर्व में परिवादी ने अपने पति के खिलाफ परिवाद पेश किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 22 फरवरी 2022 को आदेश दिए थे कि पति परिवादी पत्नी को भरण पोषण के लिए हर माह पांच हजार रुपए अदा करे. वहीं प्रार्थना पत्र लंबित रहने की अवधि की अंतरिम राशि का एक मुश्त भुगतान तीन माह में करे. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसके पति पर 36 माह की भरण पोषण की कुल राशि 1 लाख 80 हजार रुपए बकाया हो गए हैं.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: प्रदेश के छह और जिलों में फोरेंसिक लैब खोलने के लिए सरकार उठाए विशेष कदम

लेकिन उसे अब तक भुगतान नहीं किया गया है. इस पर अदालत ने पति के खिलाफ वसूली वारंट जारी किए. जिसकी पालना में करणी विहार थाना पुलिस ने ताराचंद को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया. लेकिन उसने अंतरिम भरण पोषण राशि अदा करने से इनकार कर दिया. इस पर परिवादी की ओर से कहा गया कि सीआरपीसी की धारा 125 क उपधारा तीन में प्रावधान है कि हर माह की बकाया राशि के लिए उसे एक माह के लिए जेल भेजा जाए. ऐसे में उसे 36 माह की बकाया राशि के चलते तीन साल के लिए जेल भेजा जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को तीन साल के लिए जेल भेज दिया है.

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-5 महानगर द्वितीय ने अदालती आदेश के बावजूद पत्नी को तीन साल तक गुजारा भत्ता नहीं देने पर पति ताराचंद सामरिया को 36 माह के लिए जेल भेज दिया है. अदालत ने कहा कि हर माह की भरण पोषण राशि नहीं देने के आधार पर एक माह की सजा की गणना करते हुए उसे जेल में रखा जाए. वहीं अदालत ने कहा है कि यदि उसकी ओर से भरण पोषण राशि के तौर पर राशि पत्नी को दी जाती है तो जेल की सजा की उतनी अवधि को कम कर दिया जाए. अदालत ने यह आदेश परिवादी अनिता कुमारी खटीक के प्रार्थना पत्र पर दिए.

प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता शिव जोशी ने अदालत को बताया कि पूर्व में परिवादी ने अपने पति के खिलाफ परिवाद पेश किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 22 फरवरी 2022 को आदेश दिए थे कि पति परिवादी पत्नी को भरण पोषण के लिए हर माह पांच हजार रुपए अदा करे. वहीं प्रार्थना पत्र लंबित रहने की अवधि की अंतरिम राशि का एक मुश्त भुगतान तीन माह में करे. प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उसके पति पर 36 माह की भरण पोषण की कुल राशि 1 लाख 80 हजार रुपए बकाया हो गए हैं.

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लेकिन उसे अब तक भुगतान नहीं किया गया है. इस पर अदालत ने पति के खिलाफ वसूली वारंट जारी किए. जिसकी पालना में करणी विहार थाना पुलिस ने ताराचंद को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया. लेकिन उसने अंतरिम भरण पोषण राशि अदा करने से इनकार कर दिया. इस पर परिवादी की ओर से कहा गया कि सीआरपीसी की धारा 125 क उपधारा तीन में प्रावधान है कि हर माह की बकाया राशि के लिए उसे एक माह के लिए जेल भेजा जाए. ऐसे में उसे 36 माह की बकाया राशि के चलते तीन साल के लिए जेल भेजा जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने आरोपी को तीन साल के लिए जेल भेज दिया है.

Last Updated : Feb 9, 2023, 11:17 PM IST
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