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आदर्श क्रेडिट घोटाले के आरोपियों ने मांगी डिफॉल्ट बेल, फैसला सुरक्षित - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट ने आदर्श क्रोडिट को ऑपरेटिव सोसायटी (Adarsh credit scam ) के निदेशक राहुल मोदी सहित अन्य की डिफाल्ट बेल से जुड़ी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Adarsh credit scam,  Adarsh credit scam accused
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : May 11, 2023, 8:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने देश के 28 राज्यों में सैंकडों ब्रांच खोलकर बीस लाख लोगों से निवेश के नाम पर 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला करने वाली आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के निदेशक राहुल मोदी सहित अन्य की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ यह आदेश राहुल मोदी व अन्य की याचिका पर दिए. याचिका में सीआरपीसी की धारा 173 की संवैधानिक वैधता व उसके प्रावधानों को चुनौती दी गई है.

याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज प्रकरणों में एसओजी को 60 दिन की तय अवधि में जांच पूरी करनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक जांच ही पूरी नहीं हो पाई है और सीआरपीसी की धारा 173 में जांच प्रक्रिया लंबित कर रखी है. इससे उनका डिफॉल्ट बेल का अधिकार प्रभावित होता है. इस मामले के एक अन्य आरोपी कमलेश चौधरी को डिफॉल्ट बेल मिल चुकी है. इसलिए उन्हें इस मामले में डिफॉल्ट बेल दी जाए.

पढ़ेंः सरकार का संशोधन प्रार्थना पत्र निस्तारित, पूर्व के कथन में हुआ संशोधन, राज्य के अधिकारों पर प्रतिकूल असर नहीं

सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार के एएसजी आरडी रस्तोगी व राज्य सरकार की ओर से कहा कि आरोपियों को याचिका में सीधे तौर पर जमानत नहीं दी जा सकती. आरोपी केन्द्र सरकार के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने की आड़ में अदालत से जमानत मांग रहे हैं. आरोपियों को जमानत याचिका के जरिए ही जमानत मांगनी चाहिए, इसलिए आरोपियों की याचिका खारिज की जाए. अदालत ने पक्षकारों की बहस सुनकर याचिका में फैसला बाद में देना तय किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने देश के 28 राज्यों में सैंकडों ब्रांच खोलकर बीस लाख लोगों से निवेश के नाम पर 15 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला करने वाली आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के निदेशक राहुल मोदी सहित अन्य की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ यह आदेश राहुल मोदी व अन्य की याचिका पर दिए. याचिका में सीआरपीसी की धारा 173 की संवैधानिक वैधता व उसके प्रावधानों को चुनौती दी गई है.

याचिका में कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज प्रकरणों में एसओजी को 60 दिन की तय अवधि में जांच पूरी करनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक जांच ही पूरी नहीं हो पाई है और सीआरपीसी की धारा 173 में जांच प्रक्रिया लंबित कर रखी है. इससे उनका डिफॉल्ट बेल का अधिकार प्रभावित होता है. इस मामले के एक अन्य आरोपी कमलेश चौधरी को डिफॉल्ट बेल मिल चुकी है. इसलिए उन्हें इस मामले में डिफॉल्ट बेल दी जाए.

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सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार के एएसजी आरडी रस्तोगी व राज्य सरकार की ओर से कहा कि आरोपियों को याचिका में सीधे तौर पर जमानत नहीं दी जा सकती. आरोपी केन्द्र सरकार के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने की आड़ में अदालत से जमानत मांग रहे हैं. आरोपियों को जमानत याचिका के जरिए ही जमानत मांगनी चाहिए, इसलिए आरोपियों की याचिका खारिज की जाए. अदालत ने पक्षकारों की बहस सुनकर याचिका में फैसला बाद में देना तय किया है.

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