जयपुर. गहलोत सरकार में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के पद पर तैनात वरिष्ठ आईएएस रविशंकर श्रीवास्तव के भाई विजय शंकर के खिलाफ कोर्ट ने FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं. विजय शंकर पर कोर्ट को गुमराह करने और फर्जी दस्तावेज पेश करने के आरोप हैं.
बता दें, विजय शंकर ने खुद को बचाने के लिए एसीबी कोर्ट को गुमराह करते हुए फर्जी पेंशन भुगतान दस्तावेज कोर्ट में पेश किए. जब दस्तावेजों की जांच की गई तो वो फर्जी पाए गए. जिस पर एसीबी कोर्ट ने इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहे एसीबी अधिकारी को बनीपार्क थाने में विजय शंकर के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने और फर्जी दस्तावेज पेश करने के एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए.
आय से अधिक संपत्ति का है मामला
दरअसल, ये पूरा मामला आय से अधिक संपत्ति का है. जिसमें एडीशनल चीफ सेक्रेट्री रविशंकर श्रीवास्तव के खिलाफ साल 2004 में आय से अधिक संपत्ति रखने का मामला दर्ज किया गया था. एसीबी को 2 करोड़ रुपए से अधिक की आय मिली थी, जो आईएएस रविशंकर श्रीवास्तव ने अपने रिश्तेदारों के नाम से बैंक में जमा करा रखी थी. एसीबी की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था, कि आईएएस रवि शंकर श्रीवास्तव अपने रिश्तेदारों के फर्जी हस्ताक्षरों से बैंक खातों को खुद ही संचालित करता है और इस अघोषित आय का निवेश शेयर मार्केट में करता है.
वहीं, आय से अधिक संपत्ति के इस मामले में आईएएस अधिकारी रविशंकर श्रीवास्तव के भाई विजय शंकर श्रीवास्तव को भी एसीबी ने अपना आरोपी बनाया था और रवि शंकर के साथ ही विजय शंकर के खिलाफ भी आय से अधिक संपत्ति रखने का मुकदमा दर्ज किया गया था. ऐसे में खुद को इस पूरे प्रकरण से बचाने के लिए विजय शंकर ने एसीबी कोर्ट में फर्जी पेंशन भुगतान दस्तावेज पेश किया.
उधर, जब एसीबी अधिकारियों ने उक्त दस्तावेज की जांच गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से प्राप्त दस्तावेज से की तो दस्तावेज पूरी तरह से फर्जी पाए गए. जिस पर एसीबी कोर्ट ने इस पूरे मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए एसीबी अधिकारी को विजय शंकर श्रीवास्तव के खिलाफ कोर्ट को गुमराह करने और कोर्ट में फर्जी दस्तावेज पेश करने का प्रकरण दर्ज कराने के आदेश दिए.