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राजस्थान में दुर्घटना का शिकार हुए लोगों को नजदीकी अस्पताल में मिलेगा तुरंत उपचार, आदेश जारी

राजस्थान में सड़क दुर्घटना या किसी हादसे का शिकार हुए शख्स को अब समय पर उपचार मिल सकेगा. मुख्यमंत्री गहलोत की बजट घोषणा 2020-21 की अनुपालना में घायल व्यक्ति को नजदीक के निजी अस्पताल में तुरंत उपचार सुविधा उपलब्ध कराने की अनिवार्यता के संबंध में आदेश जारी किए हैं.

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दुर्घटना का शिकार हुए लोगों को नजदीकी अस्पताल में मिलेगा तुरंत उपचार
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Published : Jan 6, 2021, 5:10 PM IST

जयपुर. कई बार सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को वहां से गुजर रहे राहगीर पास के अस्पताल में ले जाते हैं. अस्पताल प्रबंधन उपचार शुरू करने से पहले पंजीकरण कराने और काउंटर पर पैसा जमा कराने को कहता है. कई बार होता है कि समय से उपचार नहीं मिलने की वजह से मरीज की मौत हो जाती है. ऐसे मामले सामने आने के बाद गहलोत सरकार ने इसे लेकर गंभीरता दिखाई है.

चिकित्सा निदेशालय और स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा प्रदेश के सभी संयुक्त निदेशक, सीएमएचओ और पीएमओ को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं. इन निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि सड़क दुर्घटना से संबंधित आपातकालीन परिस्थिति में जब अस्पताल एवं डाॅक्टर से चिकित्सकीय देखभाल उपलब्ध कराने की आशा की जाती है. आदेश में कहा गया है कि उपचार में लापरवाही करने वाले डाॅक्टर्स पर इलाज नहीं किए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: बिहार में बेखौफ बदमाशों ने राजस्थान की बेटी से की छेड़खानी, विरोध करने पर मां को मारी गोली

भारतीय चिकित्सा परिषद (व्यवसायिक आचार, शिष्टाचार और नैतिक) विनियम, 2002 के अध्याय-7 में व्यवसायिक कदाचार मानते हुए संबंधित डाॅक्टर के खिलाफ विनियम के अध्याय-8 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. राज्य सरकार के इस फैसले से सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद के लिए आगे आने वाले अच्छे लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा. वहीं सड़क दुर्घटना में या फिर किसी और हादसे का शिकार हुए शख्स का उपचार भी सही समय पर हो सकेगा.

जयपुर. कई बार सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को वहां से गुजर रहे राहगीर पास के अस्पताल में ले जाते हैं. अस्पताल प्रबंधन उपचार शुरू करने से पहले पंजीकरण कराने और काउंटर पर पैसा जमा कराने को कहता है. कई बार होता है कि समय से उपचार नहीं मिलने की वजह से मरीज की मौत हो जाती है. ऐसे मामले सामने आने के बाद गहलोत सरकार ने इसे लेकर गंभीरता दिखाई है.

चिकित्सा निदेशालय और स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा प्रदेश के सभी संयुक्त निदेशक, सीएमएचओ और पीएमओ को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं. इन निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि सड़क दुर्घटना से संबंधित आपातकालीन परिस्थिति में जब अस्पताल एवं डाॅक्टर से चिकित्सकीय देखभाल उपलब्ध कराने की आशा की जाती है. आदेश में कहा गया है कि उपचार में लापरवाही करने वाले डाॅक्टर्स पर इलाज नहीं किए जाने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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भारतीय चिकित्सा परिषद (व्यवसायिक आचार, शिष्टाचार और नैतिक) विनियम, 2002 के अध्याय-7 में व्यवसायिक कदाचार मानते हुए संबंधित डाॅक्टर के खिलाफ विनियम के अध्याय-8 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. राज्य सरकार के इस फैसले से सड़क हादसों में घायल लोगों की मदद के लिए आगे आने वाले अच्छे लोगों को प्रोत्साहन मिलेगा. वहीं सड़क दुर्घटना में या फिर किसी और हादसे का शिकार हुए शख्स का उपचार भी सही समय पर हो सकेगा.

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