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जयपुर: 50 हजार की रिश्वत लेते हुए असिस्टेंट मैनेजर को एसीबी टीम ने धर दबोचा

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Published : Nov 6, 2019, 8:55 PM IST

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 24 घंटे में तीन बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. जिसके तहत एसीबी ने जयपुर में असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार ये रिश्वत लोन स्वीकृत करने की एवज में मांगी गई थी.

50 हजार की रिश्वत लेते हुए असिस्टेंट मैनेजर गिरफ्तार, Assistant manager arrested for taking bribe of 50 thousand

जयपुर. राजधानी के सीतापुर स्थित राजस्थान फाइनेंस कॉर्पोरेशन के दफ्तर में एसीबी की टीम ने बुधवार को छापा मारा. जहां से एसीबी की टीम ने असिस्टेंट मैनेजर बजरंग लाल को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. जानकारी के अनुसार असिस्टेंट मैनेजर ने लोन स्वीकृत करने की एवज में रिश्वत मांगी थी.

रिश्वत लेते हुए असिस्टेंट मैनेजर को एसीबी टीम ने धर दबोचा

वहीं, कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए एसीबी के सीआई नीरज भारद्वाज ने बताया कि ब्यूरो में आकर एक परिवादी ने शिकायत दी थी. सीतापुरा में पेपर यूनिट लगाने के लिए उसने लोन अप्लाई किया था. जिसमें उसका कुछ लोन स्वीकृत हुआ था. जिसकी फर्स्ट इंस्टॉलमेंट के रूप में उसे चेक भी प्राप्त हुआ. लेकिन उस लोन को स्वीकृत करने के एवज में घूसखोर बजरंग लाल की ओर से रिश्वत मांगी गई थी.

पढ़ें: आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर प्रत्याशियों ने तोड़े नियम, निर्वाचन अधिकारी ने की कार्रवाई

उल्लेखनीय है कि परिवादी की कुल लोन राशि 1.75 करोड़ रुपए थी. जिसमें पहली किश्त के तौर पर 62 लाख रुपए का लोन स्वीकृत कर चेक जारी किया गया था. इसके चलते एसीबी की टीम ने परिवादी के मोबाइल की रिकॉर्डिंग का सत्यापन करवाया. जिसमें रिश्वत के तौर पर 50 हजार रुपए की मांग की गई थी.

हालांकि, कुल रिश्वत राशि की डिमांड का खुलासा नहीं हो पाया है. बता दें कि ये कार्रवाई एडिशनल एसपी नरोत्तम वर्मा की टीम ने अंजाम दी. वहीं, डीजी डॉ. आलोक त्रिपाठी, एडीजी सौरभ श्रीवास्तव और आईजी दिनेश एमएन ने इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग की थी. फिलहाल, एसीबी की टीम रिश्वतखोर बजंरग लाल से पूछताछ कर रही है. ऐसे में महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है. जिसके बाद ही बजरंग लाल का काला चिट्टा खुलेगा.

जयपुर. राजधानी के सीतापुर स्थित राजस्थान फाइनेंस कॉर्पोरेशन के दफ्तर में एसीबी की टीम ने बुधवार को छापा मारा. जहां से एसीबी की टीम ने असिस्टेंट मैनेजर बजरंग लाल को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. जानकारी के अनुसार असिस्टेंट मैनेजर ने लोन स्वीकृत करने की एवज में रिश्वत मांगी थी.

रिश्वत लेते हुए असिस्टेंट मैनेजर को एसीबी टीम ने धर दबोचा

वहीं, कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए एसीबी के सीआई नीरज भारद्वाज ने बताया कि ब्यूरो में आकर एक परिवादी ने शिकायत दी थी. सीतापुरा में पेपर यूनिट लगाने के लिए उसने लोन अप्लाई किया था. जिसमें उसका कुछ लोन स्वीकृत हुआ था. जिसकी फर्स्ट इंस्टॉलमेंट के रूप में उसे चेक भी प्राप्त हुआ. लेकिन उस लोन को स्वीकृत करने के एवज में घूसखोर बजरंग लाल की ओर से रिश्वत मांगी गई थी.

पढ़ें: आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर प्रत्याशियों ने तोड़े नियम, निर्वाचन अधिकारी ने की कार्रवाई

उल्लेखनीय है कि परिवादी की कुल लोन राशि 1.75 करोड़ रुपए थी. जिसमें पहली किश्त के तौर पर 62 लाख रुपए का लोन स्वीकृत कर चेक जारी किया गया था. इसके चलते एसीबी की टीम ने परिवादी के मोबाइल की रिकॉर्डिंग का सत्यापन करवाया. जिसमें रिश्वत के तौर पर 50 हजार रुपए की मांग की गई थी.

हालांकि, कुल रिश्वत राशि की डिमांड का खुलासा नहीं हो पाया है. बता दें कि ये कार्रवाई एडिशनल एसपी नरोत्तम वर्मा की टीम ने अंजाम दी. वहीं, डीजी डॉ. आलोक त्रिपाठी, एडीजी सौरभ श्रीवास्तव और आईजी दिनेश एमएन ने इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग की थी. फिलहाल, एसीबी की टीम रिश्वतखोर बजंरग लाल से पूछताछ कर रही है. ऐसे में महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है. जिसके बाद ही बजरंग लाल का काला चिट्टा खुलेगा.

Intro:जयपुर : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 24 घंटे में तीन बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया. जिसके तहत एसीबी ने जयपुर में असिस्टेंट मैनेजर को घुस लेते दबोचा. घूसखोर को एसीबी ने 50 हजार को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. ये रिश्वत लोन स्वीकृत करने की एवज में मांगी गई थी.

दरअसल सीतापुरा स्थित राजस्थान फाइनेंस कॉरपोरेशन के दफ्तर में एसीबी की टीम ने शाम को छापा मारा. जहां से असिस्टेंट मैनेजर बजरंग लाल को 50 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया. दो-दो हजार के नोट की रिश्वत राशि पर लगे गुलाबी रंग से रंगे घूसखोर बजरंगलाल के हाथ एसीबी ने धुलाए. तो मानो रिश्वत का गुलाबी रंग काला पड़ गया हो. कुछ देर पहले जहां रिश्वत लेने के लिए बैठे रिश्वतखोर बजरंग लाल को जैसे ही एसीबी ने दबोचा तो चेहरे की रौनक ही गायब हो गई.

वही कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए एसीबी के सीआई नीरज भारद्वाज ने बताया, की ब्यूरो में आकर एक परिवादी ने शिकायत दी थी. जिसमें उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों के मार्फ़त उनकी एक यूनिट है. तो ऐसे में पेपर की यूनिट को वो सीतापुरा में लगा रहे है. तो उसके एवज में उन्होंने लोन के लिए एप्लाई किया था. जो पिछले कई महीनों से एप्लाई किया था. जिस पर कुछ लोन स्वीकृत हुआ था. जिसकी फर्स्ट इंस्टॉलमेंट के रूप के चेक मिला था. उस लोन को स्वीकृत करने के एवज में घूसखोर बजरंग लाल द्वारा रिश्वत राशि की डिमांड की गई थी.

उल्लेखनीय है कि परिवादी के कुल लोन राशि 1.75 करोड़ रुपए थी. जिसमें प्रथम क़िस्त के रूप में 62 लाख रुपए का लोन स्वीकृत कर चेक जारी किया गया था. इसके चलते एसीबी की टीम ने परिवादी के मोबाइल की रिकॉर्डिंग का सत्यापन करवाया. जिसमें रिश्वत की राशि 50 हजार मांगी गई थी. हालांकि कुल रिश्वत राशि की डिमांड का खुलासा नहीं हो पाया है. बता दे कि ये कार्रवाई एडिशनल एसपी नरोत्तम वर्मा की टीम द्वारा अंजाम दी गई थी. तो वही डीजी डॉ आलोक त्रिपाठी, एडीजी सौरभ श्रीवास्तव और आईजी दिनेश एमएन पूरे मामले की मॉनिटरिंग की थी. फिलहाल एसीबी की टीम रिश्वतखोर बजंरग लाल से पूछताछ कर रही है. ऐसे में महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भी खंगाला जा रहा है. जिसके बाद ही बजरंग लाल का काला चिट्टा खुलेगा.

PTC- विशाल शर्मा, संवाददाता, जयपुरBody:...Conclusion:...
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