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छात्रसंघ चुनाव की मांग छोड़ अब एबीवीपी ने महिला सुरक्षा और एनईपी लागू करने का उठाया मुद्दा

एबीवीपी ने अब महिला सुरक्षा, एकेडमिक कैलेंडर और नई शिक्षा नीति लागू कर पाठ्यक्रम जारी करने जैसे मुद्दों पर रजिस्ट्रार कार्यालय का घेराव किया.

ABVP raised issue of women safety, new education policy and others in Rajasthan University campus
छात्रसंघ चुनाव की मांग छोड़ अब एबीवीपी ने महिला सुरक्षा और एनईपी लागू करने का उठाया मुद्दा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 22, 2023, 5:49 PM IST

जयपुर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्रसंघ चुनाव की मांग को पीछे छोड़ अब महिला सुरक्षा, प्रवेश परीक्षा और परिणाम का एकेडमिक कैलेंडर जारी करने और नई शिक्षा नीति लागू कर पाठ्यक्रम जारी करने जैसे मुद्दों को उठाते हुए मंगलवार को रजिस्ट्रार कार्यालय का घेराव किया. छात्रों ने नवनियुक्त रजिस्ट्रार कालूराम को ज्ञापन सौंपते हुए विश्वविद्यालय के खराब हालातों से भी अवगत कराया. साथ ही कैंपस की शैक्षणिक स्थिति को सुधारने की मांग की.

अगस्त का एक सप्ताह बचा है और राजस्थान विश्वविद्यालय में अब तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. विश्वविद्यालय के छात्रों से लेकर कर्मचारी, शिक्षक सभी आंदोलनरत हैं. कुलपति सीट पर बैठते नहीं. यूनिवर्सिटी में अभी तक नई एजुकेशन पॉलिसी लागू नहीं हो पाई. आखिर कुलपति कैसा माहौल यूनिवर्सिटी में बनाना चाहते हैं. ये सवाल उठाते हुए एबीवीपी के छात्रों ने राजस्थान यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदर्शन किया. उन्होंने रजिस्ट्रार कार्यालय का घेराव कर उन्हें ज्ञापन सौंपा.

पढ़ें: छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांगः एनएसयूआई और एबीवीपी ने मिलकर किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की

एबीवीपी के प्रांत मंत्री शौर्य जैमन ने आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है. कुलपति अयोग्य है, जिसे 3 साल में न्यू एजुकेशन पॉलिसी समझ में ही नहीं आई. अब केंद्र सरकार ने कहा कि यदि न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू नहीं होती, तो विश्वविद्यालय का बजट लैप्स कर दिया जाएगा. तब आनन-फानन में नीति लागू करने के लिए तैयार हुए. उन्होंने यूनिवर्सिटी कैंपस में पुलिस की आवाजाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां पुलिस प्रशासन आईडी कार्ड चेक कर रहा है, हर समय यहां दंगा नियंत्रक वाहन खड़ा रहता है.

पढ़ें: एबीवीपी की गांधीगिरी : छात्र संघ चुनाव कराने की कर रहे थे मांग, पुलिस आई तो कपड़े उतार बोले- मार लो डंडे

वहीं छात्रसंघ चुनाव के मुद्दे को लेकर एबीवीपी इकाई अध्यक्ष भारत भूषण ने कहा कि राज्य सरकार ने एनएसयूआई से मिलकर चुनाव रोके हैं. सरकार ने एनएसयूआई को ये जिम्मा दिया ताकि कोई बड़ा आंदोलन ना हो. उन्होंने छात्र नेताओं के साथ मिलकर 4-5 दिन यहां नाटक किया. एबीवीपी ने बलात्कार, भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मुद्दे पर न्याय यात्रा निकाली. इसे गौण करने के लिए मुख्यमंत्री ने छात्रसंघ चुनाव रद्द कर नया मूवमेंट छिड़वा दिया. एबीवीपी का मानना है कि छात्रसंघ चुनाव से कहीं बड़े मुद्दे महिला सुरक्षा, पेपर लीक हैं, जिस पर विद्यार्थी परिषद काम कर रही है.

ये रही प्रमुख मांगें:

  1. महिला सुरक्षा को लेकर सावधानी बरती जाए, महिला गार्ड लगाई जाएं. बंद पड़े सीसीटीवी कैमरे चालू किया जाएं.
  2. प्रवेश परीक्षा और परिणाम का एकेडमिक कैलेंडर जारी किया जाए, स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए URATPG की प्रवेश सूची जारी की जाए.
  3. नई शिक्षा नीति को लागू किया जाए और पाठ्यक्रम को जारी किया जाए.
  4. शोध प्रवेश परीक्षा (PAT) की नियमावली जारी की जाए और परीक्षा का शीघ्र आयोजन किया जाए.
  5. विश्वविद्यालय कैंपस में पुलिस की आवाजाही बंद हो.
  6. शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्या का समाधान करवाकर जल्द संघटक कॉलेजों की कक्षाएं शुरू की जाएं.
  7. छात्रसंघ चुनाव करवाये जाएं.

पढ़ें: लाठीचार्ज के विरोध में एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा, दी सड़कों पर उतरने की चेतावनी

उधर, राजस्थान विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई छात्रावास से एक छात्रा के हाथ की नसें काटने का मामला सामने आया. छात्रा ने आरोप लगाया कि पिछले 5 दिनों से चीफ वार्डन, पूर्व रिसर्चर्स और एक संगठन के मुखिया के निजी सचिव की ओर से उसे परेशान किया जा रहा था. हालांकि चीफ वार्डन ने बताया कि छात्रा का विश्वविद्यालय में एडमिशन ही नहीं है और अन्य छात्राओं की शिकायत पर संबंधित छात्रा को कमरा खाली करने के लिए कहा गया था. बता दें कि हॉस्टल में करीब 20 से ज्यादा छात्र हैं, जो पीएचडी पूरी होने के बावजूद गेस्ट पर रह रही हैं. इस मामले में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है.

जयपुर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने छात्रसंघ चुनाव की मांग को पीछे छोड़ अब महिला सुरक्षा, प्रवेश परीक्षा और परिणाम का एकेडमिक कैलेंडर जारी करने और नई शिक्षा नीति लागू कर पाठ्यक्रम जारी करने जैसे मुद्दों को उठाते हुए मंगलवार को रजिस्ट्रार कार्यालय का घेराव किया. छात्रों ने नवनियुक्त रजिस्ट्रार कालूराम को ज्ञापन सौंपते हुए विश्वविद्यालय के खराब हालातों से भी अवगत कराया. साथ ही कैंपस की शैक्षणिक स्थिति को सुधारने की मांग की.

अगस्त का एक सप्ताह बचा है और राजस्थान विश्वविद्यालय में अब तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. विश्वविद्यालय के छात्रों से लेकर कर्मचारी, शिक्षक सभी आंदोलनरत हैं. कुलपति सीट पर बैठते नहीं. यूनिवर्सिटी में अभी तक नई एजुकेशन पॉलिसी लागू नहीं हो पाई. आखिर कुलपति कैसा माहौल यूनिवर्सिटी में बनाना चाहते हैं. ये सवाल उठाते हुए एबीवीपी के छात्रों ने राजस्थान यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदर्शन किया. उन्होंने रजिस्ट्रार कार्यालय का घेराव कर उन्हें ज्ञापन सौंपा.

पढ़ें: छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांगः एनएसयूआई और एबीवीपी ने मिलकर किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की

एबीवीपी के प्रांत मंत्री शौर्य जैमन ने आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है. कुलपति अयोग्य है, जिसे 3 साल में न्यू एजुकेशन पॉलिसी समझ में ही नहीं आई. अब केंद्र सरकार ने कहा कि यदि न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू नहीं होती, तो विश्वविद्यालय का बजट लैप्स कर दिया जाएगा. तब आनन-फानन में नीति लागू करने के लिए तैयार हुए. उन्होंने यूनिवर्सिटी कैंपस में पुलिस की आवाजाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि यहां पुलिस प्रशासन आईडी कार्ड चेक कर रहा है, हर समय यहां दंगा नियंत्रक वाहन खड़ा रहता है.

पढ़ें: एबीवीपी की गांधीगिरी : छात्र संघ चुनाव कराने की कर रहे थे मांग, पुलिस आई तो कपड़े उतार बोले- मार लो डंडे

वहीं छात्रसंघ चुनाव के मुद्दे को लेकर एबीवीपी इकाई अध्यक्ष भारत भूषण ने कहा कि राज्य सरकार ने एनएसयूआई से मिलकर चुनाव रोके हैं. सरकार ने एनएसयूआई को ये जिम्मा दिया ताकि कोई बड़ा आंदोलन ना हो. उन्होंने छात्र नेताओं के साथ मिलकर 4-5 दिन यहां नाटक किया. एबीवीपी ने बलात्कार, भ्रष्टाचार और पेपर लीक के मुद्दे पर न्याय यात्रा निकाली. इसे गौण करने के लिए मुख्यमंत्री ने छात्रसंघ चुनाव रद्द कर नया मूवमेंट छिड़वा दिया. एबीवीपी का मानना है कि छात्रसंघ चुनाव से कहीं बड़े मुद्दे महिला सुरक्षा, पेपर लीक हैं, जिस पर विद्यार्थी परिषद काम कर रही है.

ये रही प्रमुख मांगें:

  1. महिला सुरक्षा को लेकर सावधानी बरती जाए, महिला गार्ड लगाई जाएं. बंद पड़े सीसीटीवी कैमरे चालू किया जाएं.
  2. प्रवेश परीक्षा और परिणाम का एकेडमिक कैलेंडर जारी किया जाए, स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए URATPG की प्रवेश सूची जारी की जाए.
  3. नई शिक्षा नीति को लागू किया जाए और पाठ्यक्रम को जारी किया जाए.
  4. शोध प्रवेश परीक्षा (PAT) की नियमावली जारी की जाए और परीक्षा का शीघ्र आयोजन किया जाए.
  5. विश्वविद्यालय कैंपस में पुलिस की आवाजाही बंद हो.
  6. शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्या का समाधान करवाकर जल्द संघटक कॉलेजों की कक्षाएं शुरू की जाएं.
  7. छात्रसंघ चुनाव करवाये जाएं.

पढ़ें: लाठीचार्ज के विरोध में एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा, दी सड़कों पर उतरने की चेतावनी

उधर, राजस्थान विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई छात्रावास से एक छात्रा के हाथ की नसें काटने का मामला सामने आया. छात्रा ने आरोप लगाया कि पिछले 5 दिनों से चीफ वार्डन, पूर्व रिसर्चर्स और एक संगठन के मुखिया के निजी सचिव की ओर से उसे परेशान किया जा रहा था. हालांकि चीफ वार्डन ने बताया कि छात्रा का विश्वविद्यालय में एडमिशन ही नहीं है और अन्य छात्राओं की शिकायत पर संबंधित छात्रा को कमरा खाली करने के लिए कहा गया था. बता दें कि हॉस्टल में करीब 20 से ज्यादा छात्र हैं, जो पीएचडी पूरी होने के बावजूद गेस्ट पर रह रही हैं. इस मामले में अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है.

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