जयपुर. रामप्रसाद मीणा, संजय पांडेय और संत दयालपुरी महाराज के सुसाइड मामले में कांग्रेस सरकार के मंत्री और विधायक की ओर से दबाव बनाए जाने का आरोप लगाते हुए एबीवीपी ने शनिवार को प्रदर्शन किया. यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने मंत्री महेश जोशी और विधायक रफीक खान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही सभी पीड़ितों को अविलंब न्याय दिलाने की मांग की.
राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर सरकार के काबू में नहीं होने का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री होशियार मीणा ने कहा कि पूरे प्रदेश में हाहाकार की स्थिति है. न्याय मांगते रामप्रसाद मीणा का शव आज भी रोड पर है. भूमाफिया और कांग्रेस सरकार के मंत्री ने प्रशासन के साथ मिलकर रामप्रसाद को मकान नहीं बनाने दिया. वहीं, सुनील पांडेय और संत दयालपुरी महाराज ने भी सरकार के खिलाफ बयान देकर आत्महत्या की.
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उन्होंने आरोप लगाया कि रामप्रसाद मीणा, संजय पांडेय और संत दयालपुरी महाराज की हत्या हुई है. इन लोगों को प्रताड़ित कर उन पर दबाव बनाया गया. जिसके चलते इन लोगों ने आत्महत्या कर ली. उन्होंने कहा कि राजस्थान कांग्रेस के नेता (विधायक-मंत्री) लोगों को धमका रहे हैं. ऐसे में एबीवीपी इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है.
जयपुर में पिछले पांच दिनों से दो-दो डेडबॉडी रखी हुई है. उनके पोस्टमार्टम हो चुके हैं. ऐसे में अब खुद को गांधीवादी कहने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए आगे आना चाहिए. राजस्थान विश्वविद्यालय में आंदोलन के बाद विद्यार्थी परिषद के सभी कार्यकर्ता चांदी की टकसाल धरना स्थल पर पहुंचे और वहां रामप्रसाद के परिवार से मिलकर उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया.