जयपुर. सालों से प्रमोशन का इंतजार कर रहे राजस्थान यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर कुलपति सचिवालय के सामने अनिश्चितकालीन (RU assistant Professor on strike) धरने पर बैठे हैं. उनके समर्थन में मंगलवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार से रजिस्ट्रार नीलिमा तक्षक का पुतला लेकर कुलपति सचिवालय पहुंचे और यहां पुतला दहन किया. साथ ही कुलपति सचिवालय और प्रशासनिक भवन पर ताला भी जड़ दिया.
असिस्टेंट प्रोफेसर 26 दिसंबर से कुलपति सचिवालय के सामने धरने पर बैठे हैं. इस मामले में सरकार (ABVP Protest in Rajasthan University) ने भी बीते साल यूनिवर्सिटी प्रशासन को पत्र लिखकर प्रमोशन की मांग को जायज करार देते हुए प्रमोशन देने के लिए कहा था. साल 2009 में रिसर्च एसोसिएट अशोक सिंह, सुरेंद्र सिंह, नरेश मलिक, रमेश चावला, महिपाल यादव और पीएल बत्रा को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर डेजिग्नेट किया गया था. लेकिन रजिस्ट्रार नीलिमा तक्षक इस पर अभी भी सरकार से प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति चाह रही हैं. जबकि सिंडिकेट भी असिस्टेंट प्रोफेसर को 19 मई 2001 से पदोन्नति का लाभ देने की अनुशंसा कर चुका है.
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एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष भारत भूषण ने रजिस्ट्रार पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि कुलपति और (ABVP Protest Against RU Registrar) रजिस्ट्रार के अड़ियल रवैये के कारण गुरुजनों के साथ अन्याय हो रहा है. इसके विरोध में प्रदर्शन करते हुए रजिस्ट्रार नीलिमा तक्षक का पुतला लेकर विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से रजिस्ट्रार ऑफ़िस पहुंचे. यहां बाहर बैठकर धरना प्रदर्शन और नारेबाज़ी की. इसके बाद पुतले को कुलपति सचिवालय के बाहर जलाया गया.
गुस्साए कार्यकर्ता पानी की टंकी पर भी चढ़ने के लिए पहुंच गए. लेकिन पुलिस ने समझाइश कर विश्वविद्यालय प्रशासन से वार्ता करवाई. प्रशासन से मिले आश्वासन के बाद आंदोलन खत्म किया गया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिक्षकों के प्रमोशन नहीं किए जाते हैं तो एबीवीपी बड़ा आंदोलन करेगी. बता दें कि सिंडिकेट की मीटिंग में शिक्षकों को पदोन्नत करने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया था. लेकिन अब तक इसके आदेश नहीं निकाले गए हैं. इसके विरोध में शिक्षक धरने पर बैठे हैं. अब शिक्षकों के समर्थन में छात्र संगठन भी उतर आया है.