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राजधानी जयपुर का एक ऐसा गांव जहां पानी के लिए आधी रात को भी लगती है लाइनें

पूरे प्रदेश में पानी का संकट लोगों के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है. हर तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है. वहीं राजधानी जयपुर में एक गांव ऐसा है जहां पर लोग पानी के लिए आधी रात को भी लाइनों में लगते हैं.

पानी के लिए आधी रात को भी लगती है लाइनें
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Published : Jun 19, 2019, 10:15 AM IST

जयपुर. शहर के आमेर में शिव कुंडा की तलाई क्षेत्र में पानी का संकट इस कदर गहराया हुआ है कि लोग पानी के लिए आधी रात को भी लाइनों में लगते हैं. राजधानी से मात्र 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर इस गांव में दिया तले अंधेरा हो रहा है. इस गांव में पानी के लिए एकमात्र सरकारी टंकी का ही सहारा है. शिव कुंडा की तलाई के बाशिंदे पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए रात के 12 बजे तक पानी के लिए लाइनों में लगे रहते हैं.

पानी के लिए आधी रात को भी लगती है लाइनें

एक बाल्टी पानी के लिए लोगों को 3 से 4 घंटे लाइनों में लगकर इंतजार करना पड़ता है. महिलाओं के साथ बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी दिन रात इसी काम में लगे रहते हैं. गांव के सभी लोग हाथों में बर्तन लिए सरकारी टंकी से बूंद बूंद पानी भरते हैं. लोगों की माने तो पानी भरने के काम के अलावा घर के बाकी काम भी नहीं हो पाते हैं. लोग पानी भरने के खातिर अपने जरूरी काम भी छोड़ देते हैं.

वहीं नौकरी और मजदूरी करने वाले लोग सुबह 4 बजे से हुई पानी के लिए लाइन लगा लेते हैं. शाम को काम से आते ही फिर से लाइनों में लग जाते हैं. आधी रात तक लाइनों में खड़े रहकर पानी भरते हैं. नौकरियां करने वाले कई लोग लाइनों में ज्यादा समय नहीं खड़े रह पाते हैं, तो उन्हें मजबूरन महंगे दामों पर प्राइवेट टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ता है.

कई वर्षों से लोग इस पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव में सरकारी टंकी के पास लोगों के लिए आरओ प्लांट भी लगाया गया है, लेकिन अभी तक प्लांट भी चालू नहीं हुआ. लोग फ्लोराइड युक्त पानी ही पी रहे हैं. इस गांव में पानी की सरकारी पाइप लाइन की व्यवस्था भी नहीं है. लोगों का पूरा समय पानी भरने में ही गुजर जाता है. कई बार तो पानी भरने की बात को लेकर महिलाओं के बीच आपस में झगड़े भी हो जाते हैं.

पानी की समस्या लोग को लेकर लोगों ने कई बार जलदाय विभाग के अधिकारियों को भी शिकायत की है. लेकिन इसके बावजूद भी लोगों की इस समस्या का समाधान नहीं हुआ. लोगों का कहना है कि वोटों के टाइम तो यहां पर कई नेता आते हैं लेकिन बाद में खैर-खबर लेने के लिए भी कोई नहीं आता.

सरकार की नाक के नीचे ही राजधानी जैसे क्षेत्र में पानी के लिए इतने बदतर हालात हो रहे हैं. क्षेत्र के लोगों की मांग है कि पानी के लिए ऐसी बेहतर व्यवस्था की जाए जिससे लोगों को आधी रात तक लाइनों में नहीं लगना पड़े और पर्याप्त पानी मिल सके.

जयपुर. शहर के आमेर में शिव कुंडा की तलाई क्षेत्र में पानी का संकट इस कदर गहराया हुआ है कि लोग पानी के लिए आधी रात को भी लाइनों में लगते हैं. राजधानी से मात्र 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर इस गांव में दिया तले अंधेरा हो रहा है. इस गांव में पानी के लिए एकमात्र सरकारी टंकी का ही सहारा है. शिव कुंडा की तलाई के बाशिंदे पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए रात के 12 बजे तक पानी के लिए लाइनों में लगे रहते हैं.

पानी के लिए आधी रात को भी लगती है लाइनें

एक बाल्टी पानी के लिए लोगों को 3 से 4 घंटे लाइनों में लगकर इंतजार करना पड़ता है. महिलाओं के साथ बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी दिन रात इसी काम में लगे रहते हैं. गांव के सभी लोग हाथों में बर्तन लिए सरकारी टंकी से बूंद बूंद पानी भरते हैं. लोगों की माने तो पानी भरने के काम के अलावा घर के बाकी काम भी नहीं हो पाते हैं. लोग पानी भरने के खातिर अपने जरूरी काम भी छोड़ देते हैं.

वहीं नौकरी और मजदूरी करने वाले लोग सुबह 4 बजे से हुई पानी के लिए लाइन लगा लेते हैं. शाम को काम से आते ही फिर से लाइनों में लग जाते हैं. आधी रात तक लाइनों में खड़े रहकर पानी भरते हैं. नौकरियां करने वाले कई लोग लाइनों में ज्यादा समय नहीं खड़े रह पाते हैं, तो उन्हें मजबूरन महंगे दामों पर प्राइवेट टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ता है.

कई वर्षों से लोग इस पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव में सरकारी टंकी के पास लोगों के लिए आरओ प्लांट भी लगाया गया है, लेकिन अभी तक प्लांट भी चालू नहीं हुआ. लोग फ्लोराइड युक्त पानी ही पी रहे हैं. इस गांव में पानी की सरकारी पाइप लाइन की व्यवस्था भी नहीं है. लोगों का पूरा समय पानी भरने में ही गुजर जाता है. कई बार तो पानी भरने की बात को लेकर महिलाओं के बीच आपस में झगड़े भी हो जाते हैं.

पानी की समस्या लोग को लेकर लोगों ने कई बार जलदाय विभाग के अधिकारियों को भी शिकायत की है. लेकिन इसके बावजूद भी लोगों की इस समस्या का समाधान नहीं हुआ. लोगों का कहना है कि वोटों के टाइम तो यहां पर कई नेता आते हैं लेकिन बाद में खैर-खबर लेने के लिए भी कोई नहीं आता.

सरकार की नाक के नीचे ही राजधानी जैसे क्षेत्र में पानी के लिए इतने बदतर हालात हो रहे हैं. क्षेत्र के लोगों की मांग है कि पानी के लिए ऐसी बेहतर व्यवस्था की जाए जिससे लोगों को आधी रात तक लाइनों में नहीं लगना पड़े और पर्याप्त पानी मिल सके.

Intro:जयपुर
एंकर- पूरे प्रदेश में पानी का संकट लोगों के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है। हर तरफ पानी के लिए त्राहि-त्राहि देखने को मिल रही है। वही राजधानी जयपुर में एक गांव ऐसा है जहां पर लोग पानी के लिए आधी रात को भी लाइनों में लगते हैं।


Body:जयपुर के आमेर में शिव कुंडा की तलाई क्षेत्र में पानी का संकट इस कदर गहराया हुआ है कि लोग पानी के लिए आधी रात को भी लाइनों में लगते हैं। राजधानी जयपुर से मात्र 10 से 12 किलोमीटर की दूरी पर इस गांव में दिया तले अंधेरा हो रहा है। इस गांव में पानी के लिए एकमात्र सरकारी टंकी का ही सहारा है। शिव कुंडा की तलाई के वाशिंदे पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए सुबह से ही लाइनों में लगना शुरू हो जाते हैं। और रात को 12 बजे तक पानी के लिए लाइनों में लगे रहते हैं। एक बाल्टी पानी के लिए लोगों को 3 से 4 घंटे लाइनों में लगकर इंतजार करना पड़ता है। महिलाओं के साथ बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी दिन रात इसी काम में लगे रहते हैं। गांव के सभी लोग हाथों में बर्तन लिए सरकारी टंकी से बूंद बूंद पानी भरते हैं। लोगों की माने तो पानी भरने के काम के अलावा घर के बाकी काम भी नहीं हो पाते हैं। लोग पानी भरने के खातिर अपने जरूरी काम भी छोड़ देते हैं। वही नौकरी और मजदूरी करने वाले लोग सुबह 4 बजे से हुई पानी के लिए लाइन लगा लेते हैं। और शाम को काम से आते ही फिर से लाइनों में लग जाते हैं। और आधी रात तक लाइनो में खड़े रहकर पानी भरते हैं। नौकरियां करने वाले कई लोग लाइनों में ज्यादा समय नहीं खड़े रह पाते हैं। तो उन्हें मजबूरन महंगे दामों पर प्राइवेट टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ता है। कई वर्षों से लोग इस पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। गांव में सरकारी टंकी के पास लोगों के लिए आरओ प्लांट भी लगाया गया है। लेकिन अभी तक प्लांट भी चालू नहीं हुआ। लोग फ्लोराइड युक्त पानी ही पी रहे हैं। इस गांव में पानी की सरकारी पाइप लाइन की व्यवस्था भी नहीं है। लोगों का पूरा समय पानी भरने में ही गुजर जाता है। कई बार तो पानी भरने की बात को लेकर महिलाओं के बीच आपस में झगड़े भी हो जाते हैं।




Conclusion:पानी की समस्या लोग को लेकर लोगों ने कई बार जलदाय विभाग के अधिकारियों को भी शिकायत की है। लेकिन इसके बावजूद भी लोगों की इस समस्या का समाधान नहीं हुआ। लोगों का कहना है कि वोटों के टाइम तो यहां पर कई नेता आते हैं लेकिन बाद में खैर-खबर लेने के लिए भी कोई नहीं आता। सरकार की नाक के नीचे ही राजधानी जैसे क्षेत्र में पानी के लिए इतने बदतर हालात हो रहे हैं। क्षेत्र के लोगों की मांग है कि पानी के लिए ऐसी बेहतर व्यवस्था की जाए जिससे लोगों को आधी रात तक लाइनों में नहीं लगना पड़े और पर्याप्त पानी मिल सके।

बाईट- लाढ़ा देवी, स्थानीय महिला
बाईट- चुन्नी सैनी
बाईट- बाली देवी
बाईट- तोफली देवी
बाईट- सीताराम
बाईट- राधेकृष्ण

मौके पर वॉक थ्रू- उमेश सैनी





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