जयपुर. बुधवार को संभवत यह पहला मौका होगा जब राजस्थान के दो दिग्गज- लोकसभा और राज्यसभा अध्यक्ष एक साथ प्रदेश विधानसभा के कार्यक्रम में शामिल होंगे. राजस्थान विधानसभा में 11 व 12 जनवरी को 83 वें अखिल भारतीय विधानमंडलो के सम्मेलन में भाग लेने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला जयपुर पहुंच चुके हैं (83rd All India Presiding Officers Conference). सुबह 10:30 बजे से विधानसभा में शुरू होने वाले इस सम्मेलन का उद्घाटन देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे तो वही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला इसकी अध्यक्षता करेंगे.
आगवानी करेंगे सीएम - सुबह 10.15 बजे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला विधानसभा पहुंचेंगे, जहां स्पीकर सीपी जोशी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इनका स्वागत करेंगे और गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. 10.30 बजे राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम शुरू होगा जिसमें सबसे पहले स्पीकर सीपी जोशी का स्वागत भाषण होगा. इसके बाद राज्यसभा के उपाध्यक्ष हरिवंश का भाषण होगा. 11:00 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भाषण होगा और 11:15 बजे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पीठासीन अधिकारियों को संबोधित करेंगे.
11:30 बजे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का संबोधन होगा. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का धन्यवाद भाषण होगा और नेशनल एंथम के बाद सभी पीठासीन अधिकारियों का ग्रुप फोटो लिया जाएगा. 2:00 से पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन फिर शुरू होगा. लोकसभा स्पीकर पीठासीन अधिकारियों को संबोधित करेंगे.
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चार सेशन होंगे- इस सेशन में चार विषय पर चर्चा होगी, जिसमें जी-20 में लोकतंत्र की जननी भारत का नेतृत्व, संसद एवं विधान मंडलों को अधिक प्रभावी उत्तरदाई एवं उत्पादकता युक्त बनाने की आवश्यकता, डिजिटल संसद के साथ राज्य विधान मंडलों का संयोजी करण और संविधान की भावना के अनुरूप विधायिका और न्यायपालिका के बीच सामंजस्य पूर्ण संबंध बनाए रखने की आवश्यकता विषय पर चर्चा होगी. 6:00 बजे तक सेशन जारी रहेगा और शाम 7:30 बजे सभी पीठासीन अधिकारियों का स्पीकर ऑन बिल्ला की ओर से डिनर कार्यक्रम रखा गया है.
12 जनवरी को समापन- 12 जनवरी यानी गुरुवार को सम्मेलन का दूसरा और अंतिम दिवस होगा. मुख्य अतिथि राज्यपाल कलराज मिश्र समापन भाषण देंगे. राजस्थान विधानसभा में ही सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा. पर्यटन विभाग की और से आयोजित इस सांस्कृतिक संध्या में राज्य के प्रख्यात 200 लोक कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे. राज्य के विभिन्न भागों के लोक कलाकार मीराबाई की भक्ति, सूफियाना और लंगा मांगणियारों की परम्परा को लोक संगीत के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे.
पहले भी हुआ है सम्मेलन- 11 साल पहले यानी 2012 में भी में विधानसभा अध्यक्षों और विधान परिषदों के प्रमुखों का सम्मेलन हुआ था. तब केन्द्र में कांग्रेस नीत यूपीए का शासन था. आज जो सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्ष हैं उस समय रेल और सड़क परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाला करते थे. खास बात ये है कि प्रदेश में उस समय भी कांग्रेस का शासन था और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही थे.