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जयपुर में लोकरंग के 6वें दिन देश भक्ति गानों पर थिरके कलाकार, स्वर लहरियां पर झूमे संगीत प्रेमी

राजधानी के जवाहर कला केन्द्र में चल रहे लोकरंग समारोह का 6वां दिन रोमांच से भरा रहा. कलाकारों के स्वरों पर संगीत प्रेमी झूम उठे. 'उल्लास' कार्यक्रम में हमीद खां के निर्देशन में बैंड ने जैसे ही ऐ मेरे वतन के लोगों, गाने से धुनों का जादू जगाया. इस मौके पर पूरा परिसर संगीतमय हो गया.

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Published : Oct 17, 2019, 2:03 PM IST

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जयपुर. लोकरंग समारोह का 6वां दिन काफी शानदार रहा. इस दिन राजस्थानी संगीत कलाकारों ने रंग-बिरंगी जूतियां, नीले रंग की बण्डी, धोती और चुंदड़ी का साफा पहन कर देश भक्ति, राजस्थानी और रोमांटिक धुनों की शानदार प्रस्तुतियां दी. कलाकारों की प्रस्तुतियों से सुरों की बारिश होने लगी. बैंड ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' के साथ ही 'गोरबंद', 'घूमर' और 'ऐ मालिक तेरे बन्दे हम' की प्रस्तुति से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया. हमीद की स्वरचित राग हंसध्वनि की विशेष रोमांटिक धुन भी पेश कर खूब वाहवाही लूटी.

लोकरंग समारोह का छठा दिन

गोवा के 'लोकनृत्य समई' की प्रस्तुति खूब लुभावनी रही. गोवा के कानकोन तालुका के गावडा जनजाति के लोक देवता 'माण्डा गुरू' के समक्ष किए जाने वाले इस नृत्य में पारंपरिक वाद्ययत्रों घुम्मट, शंख, हारमोनियम, झांझ पर गीतों की लय पर नृतक और नृत्यांगनाओं ने समई (दीप स्तम्भ) अपने शीश पर संतुलित करते हुए शानदार नृत्य किया. नृत्य के दौरान नृत्यांगनाओं ने विभिन्न प्रकार की आकर्षक पिरामिड संरचनाएं बनाई तो दर्शकों ने करतल ध्वनि से कलाकारों का अभिवादन किया.

पढे़ं- जयपुर में लोकरंग समारोह का 5वां दिन, दिव्यांग कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियों से बांधा समां

इसके अतिरिक्त 'लोकरंग' में नये आकर्षणों के तहत ओडिशा का गोतीपुआ नृत्य, मणिपुर का पुंग चोलम, उत्तर प्रदेश का डेढ़िया, और छत्तीसगढ़ का पंथी जैसे लोकनृत्यों की विशेष प्रस्तुतियों में सभी को भारत की रंग-बिरंगी लोक संस्कृति के दर्शन मिले.

जयपुर. लोकरंग समारोह का 6वां दिन काफी शानदार रहा. इस दिन राजस्थानी संगीत कलाकारों ने रंग-बिरंगी जूतियां, नीले रंग की बण्डी, धोती और चुंदड़ी का साफा पहन कर देश भक्ति, राजस्थानी और रोमांटिक धुनों की शानदार प्रस्तुतियां दी. कलाकारों की प्रस्तुतियों से सुरों की बारिश होने लगी. बैंड ने 'ऐ मेरे वतन के लोगों' के साथ ही 'गोरबंद', 'घूमर' और 'ऐ मालिक तेरे बन्दे हम' की प्रस्तुति से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया. हमीद की स्वरचित राग हंसध्वनि की विशेष रोमांटिक धुन भी पेश कर खूब वाहवाही लूटी.

लोकरंग समारोह का छठा दिन

गोवा के 'लोकनृत्य समई' की प्रस्तुति खूब लुभावनी रही. गोवा के कानकोन तालुका के गावडा जनजाति के लोक देवता 'माण्डा गुरू' के समक्ष किए जाने वाले इस नृत्य में पारंपरिक वाद्ययत्रों घुम्मट, शंख, हारमोनियम, झांझ पर गीतों की लय पर नृतक और नृत्यांगनाओं ने समई (दीप स्तम्भ) अपने शीश पर संतुलित करते हुए शानदार नृत्य किया. नृत्य के दौरान नृत्यांगनाओं ने विभिन्न प्रकार की आकर्षक पिरामिड संरचनाएं बनाई तो दर्शकों ने करतल ध्वनि से कलाकारों का अभिवादन किया.

पढे़ं- जयपुर में लोकरंग समारोह का 5वां दिन, दिव्यांग कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियों से बांधा समां

इसके अतिरिक्त 'लोकरंग' में नये आकर्षणों के तहत ओडिशा का गोतीपुआ नृत्य, मणिपुर का पुंग चोलम, उत्तर प्रदेश का डेढ़िया, और छत्तीसगढ़ का पंथी जैसे लोकनृत्यों की विशेष प्रस्तुतियों में सभी को भारत की रंग-बिरंगी लोक संस्कृति के दर्शन मिले.

Intro:जयपुर
जवाहर कला केन्द्र में ‘लोकरंग‘ के 6वें दिन कलाकारों के स्वरलहरियां पर संगीतप्रेमी झूम उठे। ‘उल्लास‘ कार्यक्रम में हमीद खां के निर्देशन में बैंड ने जैसे ही ऐ मेरे वतन के लोगों... गाने से धुनों का जादू जगाया, इस मौके पर पूरा परिसर संगीतमय हो गया।Body:राजस्थानी संगीत कलाकारों ने रंग-बिरंगी जूतियां, नीले रंग की बण्डी, धोती और चुंदड़ी का साफा पहन कर देशभक्ति, राजस्थानी और रोमांटिक धुनों की शानदार प्रस्तुतियां दी। कलाकारों की प्रस्तुतियों से सुरों की बारिश होने लगी। बैंड ने ‘ऐ मेरे वतन के लोगों‘ के साथ ही ‘गोरबंद‘, ‘घूमर‘ और ‘ऐ मालिक तेरे बन्दे हम' की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। हमीद की स्वरचित राग हंसध्वनि की विशेष रोमांटिक धुन भी पेश कर खूब वाहवाही लूटी।

गोवा के लोकनृत्य ‘‘समई’’ की प्रस्तुति खूब लुभावनी प्रस्तुति रही। गोवा के कानकोन तालुका के गावडा जनजाति के लोक देवता ‘माण्डा गुरू‘ के समक्ष किये जाने वाले इस नृत्य में पारंपरिक वाद्ययत्रों घुम्मट, शंख, हारमोनियम, झांझ पर गीतों की लय पर नृतक एवं नृत्यांगनाओं ने समई (दीप स्तम्भ) अपने शीश पर संतुलित करते हुए शानदार नृत्य किया। नृत्य के दौरान नृत्यांगनाओं ने विभिन्न प्रकार की आकर्षक पिरामिड संरचनाएँ बनाई तो दर्शकों ने करतल ध्वनि से कलाकारों का अभिवादन किया।
इसके अतिरिक्त ‘लोकरंग‘ में नये आकर्षणों के तहत ओडिशा का गोतीपुआ नृत्य, मणिपुर का पुंग चोलम, उत्तर प्रदेश का डेढ़िया, और छत्तीसगढ़ का पंथी जैसे लोकनृत्यों की विशेष प्रस्तुतियों में सभी को भारत की रंगबिरंगी लोकसंस्कृति के दर्शन मिलें।

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