जयपुर. प्रदेश में इस बार राजस्थान किसान सहकारी बैंकों से खरीफ की फसली ऋण वितरण में पहली बार छह लाख नए किसानों ने ऋण लिया है. यह वह किसान है जिनके पास अपनी जमीन भी है, लेकिन अब तक उन्होंने सहकारी बैंकों से लोन लिया ही नहीं था.
यह जानकारी सहकारिता रजिस्ट्रार नीरज के पवन ने दी. डॉक्टर नीरज के पवन के अनुसार यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि विभाग ने फसली ऋण वितरण में बायोमेट्रिक सत्यापन व्यवस्था रखी थी, ताकि फर्जी किसान बनकर लोन उठाने के मामलों को रोका जा सके.
खरीफ फसली ऋण के लिए 21 लाख किसानों ने किया आवेदन
सहकारिता रजिस्ट्रार डॉ नीरज के पवन के अनुसार खरीफ फसल ऋण के लिए इस बार 21 लाख किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है, जिनमें से करीब 19 लाख किसानों को अब तक ऋण उपलब्ध कराया गया है. डॉ पवन के अनुसार फसली ऋण के लिए पहली बार ऑनलाइन पंजीयन व्यवस्था की गई है और जिन्होंने खरीफ ऋण के लिए पंजीयन करवाया है उनको अब रबी के लिए पंजीयन करवाने की आवश्यकता नहीं होगी. उनके अनुसार ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया अभी जारी है और जो किसान आगामी रबी के लिए फसली ऋण चाहता है वह इसमें अपना पंजीयन करवा सकता है.
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बता दें कि विभाग इस बार फसल के ऋण में पूरी तरह पारदर्शिता रखना चाहता है. यही कारण है कि इस बार आधार आधारित सत्यापन की व्यवस्था भी की गई है. वहीं, पंजीयन का काम भी ऑनलाइन किया जा रहा है. इन सभी प्रयासों के कारण ही खरीफ लोन खाते में से सात लाख किसानों के नाम कटे है. ये वे किसान थे जिनकी खुद की जमीन नहीं थी, लेकिन उन्होंने ऋण के लिए आवेदन किया था.