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स्टेट्स जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक, एसीएस बोले- खनिज खोज में राजस्थान देश का अग्रणी प्रदेश

जयपुर में स्टेट्स जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की 57 वीं बैठक का आयोजन किया गया. इस दौरान राजस्थान को खनिज के क्षेत्र में अग्रणी और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य को लेकर चर्चा की गई.

57th Meeting of States Geological Programming Board
स्टेट्स जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की 57 वीं बैठक
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Published : Mar 29, 2023, 7:02 PM IST

जयपुर. प्रदेश में योजनावद्ध खनिज एक्सप्लोरेशन और खनिज ब्लॉकों की नीलामी के चलते पेट्रोल-प्राकृतिक गैस के खोज व दोहन के साथ ही अब देश दुनिया के नक्शे पर जैसलमेर सीमेंट हब के रूप में विकसित होने जा रहा है. प्रदेश में यूरेनियम, रेयर अर्थ एलिमेंट्स, लाइम स्टोन, लिग्नाइट, आयरन, कॉपर, जिंक, गारनेट आदि के नित नए भण्डार खोजे जा रहे हैं. इसको लेकर बुधवार को सचिवालय में स्टेट्स जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की 57 वीं बैठक का आयोजन किया गया.

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सेमी प्रेशियस स्टोन के भण्डारों के कार्य को भी गति दी जानी है. साल 2023-24 में खनिजों की खोज के लिए 31 विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से कार्य किया जाएगा. उन्होंने एक्सप्लोरेशन और मेजर व माइनर ब्लॉक्स तैयार करने के कार्य में जियोलोजी विंग के कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि समन्वित प्रयासों से आज खनिज खोज में राजस्थान देश का अग्रणी प्रदेश बन गया है. उन्होंने कहा कि अब हमारा ध्येय उड़ीसा की बेस्ट प्रेक्टिसेज का अध्ययन कराकर राज्य के लिए व्यावहारिक प्रक्रिया को अपनाने का होगा, ताकि माइनिंग क्षेत्र में राजस्व अर्जन में भी देश का अग्रणी प्रदेश बन सके.

पढ़ें. प्रदेश के दो जिलों में 20 मिलियन टन मैंगनीज भंडार की खोज, तेज हुई ई नीलामी

उन्होंने विभाग की ओर से राजस्व अर्जन में भी साल दर साल प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि मेजर और माइनर ब्लॉकों की अधिक से अधिक नीलामी से वैध खनन को बढ़ावा मिला है तो राजस्व और रोजगार में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि राज्य की जियोलोजी विंग को तकनीक और आवश्यकताओं के अनुसार और अधिक साधन संपन्न बनाया जाएगा ताकि कार्य को गति मिल सके. आपको बता दें कि रॉक फास्फेट के विपुल भण्डारों के साथ ही जिप्सम आदि से मिनरल फर्टिलाइजर तैयार हो रहे हैं. वहीं, अब पोटाश के खोज कार्य को और अधिक गति दी गई है ताकि योजनावद्ध तरीके से पोटाश का खनन शुरू कर विदेशों से आयात पर निर्भरता कम की जा सके.

जयपुर. प्रदेश में योजनावद्ध खनिज एक्सप्लोरेशन और खनिज ब्लॉकों की नीलामी के चलते पेट्रोल-प्राकृतिक गैस के खोज व दोहन के साथ ही अब देश दुनिया के नक्शे पर जैसलमेर सीमेंट हब के रूप में विकसित होने जा रहा है. प्रदेश में यूरेनियम, रेयर अर्थ एलिमेंट्स, लाइम स्टोन, लिग्नाइट, आयरन, कॉपर, जिंक, गारनेट आदि के नित नए भण्डार खोजे जा रहे हैं. इसको लेकर बुधवार को सचिवालय में स्टेट्स जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की 57 वीं बैठक का आयोजन किया गया.

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने कहा कि सेमी प्रेशियस स्टोन के भण्डारों के कार्य को भी गति दी जानी है. साल 2023-24 में खनिजों की खोज के लिए 31 विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से कार्य किया जाएगा. उन्होंने एक्सप्लोरेशन और मेजर व माइनर ब्लॉक्स तैयार करने के कार्य में जियोलोजी विंग के कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि समन्वित प्रयासों से आज खनिज खोज में राजस्थान देश का अग्रणी प्रदेश बन गया है. उन्होंने कहा कि अब हमारा ध्येय उड़ीसा की बेस्ट प्रेक्टिसेज का अध्ययन कराकर राज्य के लिए व्यावहारिक प्रक्रिया को अपनाने का होगा, ताकि माइनिंग क्षेत्र में राजस्व अर्जन में भी देश का अग्रणी प्रदेश बन सके.

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उन्होंने विभाग की ओर से राजस्व अर्जन में भी साल दर साल प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि मेजर और माइनर ब्लॉकों की अधिक से अधिक नीलामी से वैध खनन को बढ़ावा मिला है तो राजस्व और रोजगार में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि राज्य की जियोलोजी विंग को तकनीक और आवश्यकताओं के अनुसार और अधिक साधन संपन्न बनाया जाएगा ताकि कार्य को गति मिल सके. आपको बता दें कि रॉक फास्फेट के विपुल भण्डारों के साथ ही जिप्सम आदि से मिनरल फर्टिलाइजर तैयार हो रहे हैं. वहीं, अब पोटाश के खोज कार्य को और अधिक गति दी गई है ताकि योजनावद्ध तरीके से पोटाश का खनन शुरू कर विदेशों से आयात पर निर्भरता कम की जा सके.

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