जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय का 32वां दीक्षांत समारोह और 77वां स्थापना दिवस (77th foundation day of Rajasthan University) रविवार को यूनिवर्सिटी कन्वोकेशन सेंटर में आयोजित होगा. समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र करेंगे. वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षामंत्री राजेंद्र सिंह यादव शिरकत करेंगे. इस दौरान राज्यपाल विश्वविद्यालय के नवनिर्मित केन्द्रीय पुस्तकालय भवन के सामने स्थित उद्यान में संविधान पार्क का शिलान्यास भी करेंगे.
राजस्थान विश्वविद्यालय का ये रहा है इतिहास: स्वतंत्रता पूर्व जयपुर रियासत के प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माइल और उनके उत्तराधिकारी वीटी कृष्णमाचार्य ने 8 जनवरी, 1947 को राजपूताना विश्वविद्यालय की स्थापना की. जिसे बाद में राजस्थान विश्वविद्यालय का नाम दिया गया. अपने स्थापना वर्ष के बाद धर्मो विश्वस्य जगतः प्रतिष्ठा जैसे आदर्शपूर्ण वाक्य के साथ ये विश्वविद्यालय 8 जनवरी, 2023 को अपने 77वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. जयपुर के तत्कालीन महाराजा सवाई मानसिंह ने राज्य के इस सबसे पहले एवं सबसे बड़े उच्च शिक्षण संस्थान के लिए सर्वप्रथम मोती डूंगरी किले से लगती 300 एकड़ जमीन दी. इसी दौरान इसका अस्थाई कार्यालय जयपुर के केसरगढ़ किले में स्थापित किया गया.
विश्वविद्यालय का संस्थापक कुलपति कौन हो, इसके बारे में संस्थापक रियासतों जयपुर, बीकानेर, उदयपुर, अलवर और जोधपुर के प्रतिनिधियों ने देश भर के विद्वानों के नामों पर गहन विचार विमर्श किया और अंतिम निर्णय के रूप में देश के महान गणितज्ञ पूना के फग्यूसन कॉलेज के प्राचार्य डॉ जीएस महाजनी को इस दायित्व के लिए जयपुर के महाराजा ने व्यक्तिगत आग्रह किया. विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद इससे जुड़े शिक्षाविदों ने इस विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ख्यातिपूर्ण पहचान दिलाई. यहां तक कि जेएनयू, नई दिल्ली की स्थापना में इस विश्वविद्यालय के शिक्षकों की अहम भूमिका रही.
123 स्टूडेंट्स को मिलेंगे गोल्ड मेडल: विश्वविद्यालय के 32वें दीक्षांत समारोह में विगत परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 123 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए जाएंगे. गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की सूची में सर्वाधिक 89 छात्राएं शामिल हैं. जिन्हें 95 गोल्ड मेडल प्रदान किए जाएंगे. विश्वविद्यालय के 8 संकायों में 395 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्रियां भी इस अवसर पर प्रदान की जाएंगी.
छात्रों के लिए तय किया ड्रेस कोड: समारोह में भाग लेने वाले सभी पीएचडी उपाधि और गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अपने निर्धारित परिधान में इस समारोह में शामिल होंगे. छात्रों के लिए सफेद कलर का कुर्ता-पायजामा, पेंट-शर्ट/धोती कुर्ता और काले जूते जबकि छात्राओं के लिए सफेद साड़ी/सलवार सूट मय महरून कलर का बॉर्डर, ब्लाउज और चुन्नी/दुपट्टे के साथ काले सैंडिल/स्लीपर पहन कर आने होंगे. पीएचडी उपाधि धारकों को उनकी पीएचडी की उपाधियों व गोल्ड मेडलधारी छात्रों को उनके गोल्ड मेडल उनके प्रवेश पत्र के साथ विश्वविद्यालय की ओर से निर्धारित किए गए 6 केन्द्रों से सुबह 7.30 बजे से 9.30 बजे के बीच वितरित किए जाएंगे. इन निर्धारित केन्द्रों से उपाधियां और गोल्ड मेडल लेकर समारोह स्थल पर अपने निर्धारित परिधान में पहुंचेंगे.
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दीक्षांत समारोह आयोजन समिति के संयोजक प्रो एसएल शर्मा के अनुसार मुख्य समारोह से पहले सभी गोल्ड मेडल धारी छात्रों को उनके गोल्ड मेडल प्राणीशास्त्र विभाग के कमरा न. 13 से प्रो पीजे जॉन के निर्देशन में प्रदान किए जाएंगे. पीएचडी की उपाधियों के लिए कला संकाय से जुड़े विद्यार्थी पीजी स्कूल ऑफ ह्यूमनैटिज, वाणिज्य संकाय से जुड़े विद्यार्थी पीजी स्कूल ऑफ कॉमर्स, सामाजिक विज्ञान संकाय से जुड़े विद्यार्थी पीजी स्कूल ऑफ सोशल साइंस, विज्ञान संकाय से जुड़े विद्यार्थी वनस्पति शास्त्र विभाग जबकि शिक्षा, विधि, प्रबंध और ललित कला संकाय से जुड़े पीएचडी उपाधि धारक विद्यार्थी सेंटर फॉर कन्वर्जिंग टेक्नोलॉजी भवन से अपनी उपाधियां ले सकेंगे.