जयपुर. राज्यपाल व कुलाधिपति कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालयों में मौलिक स्थापनाओं को दिशा देने वाली शोध संस्कृति विकसित किए जाने का आह्वान किया है. साथ ही विद्यार्थियों को प्राचीन ज्ञान के साथ ही वैश्विक स्तर पर हो रहे शोध और अनुसंधान से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ने के अवसर मिलने की बात (117 students got Gold Medal) कही है. राज्यपाल ने रविवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में विश्वविद्यालय के 77वें स्थापना दिवस व 32वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के दौरान यह बातें कही. साथ ही उन्होंने इस अवसर पर राजस्थान विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय भवन के सामने स्थित उद्यान में शिला पट्टिका का अनावरण कर संविधान पार्क का शिलान्यास किया. वहीं, दीक्षांत समारोह में 117 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया गया. जिनमें 72% छात्राएं शामिल हैं.
117 विद्यार्थियों को मिले गोल्ड मेडल: विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में विगत परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले 123 में से 117 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए गए. वहीं, विश्वविद्यालय के 8 संकायों में 395 विद्यार्थियों को पीएचडी की डिग्रियां दी गई. इस दौरान कुलाधिपति राज्यपाल (32nd Convocation of University of Rajasthan) कलराज मिश्रा ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले युवाओं को संविधान से जुड़े अधिकारों के साथ ही मौलिक कर्तव्यों और इसकी महान संस्कृति के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए. यही वजह है कि राज्य के सभी वित्तपोषित विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क बनाने की पहल की गई है. उन्होंने भारतीय संविधान को विश्वभर के लोकतंत्रों की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या बताते हुए कहा कि संविधान देश को शासित करने से जुड़ा ग्रंथ भर नहीं है, बल्कि ये हमारी उदात्त जीवन परंपराओं का संवाहक है.
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बेटियां संवारेंगी देश का भविष्य: उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत ऐसे पाठ्यक्रम तैयार किए जाने का आह्वान किया. जिससे विद्यार्थी विषय के साथ ही आसपास के परिवेश के प्रति भी जागरुक हों. उन्होंने परिसर में तीरंदाजी प्रशिक्षण केन्द्र को देश के अग्रणी प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किए जाने का सुझाव दिया. राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में इनोवेशन क्लस्टर को जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान परिषद के जरिए ई युवा सेंटर के रूप में विकसित करने की भी स्वीकृति प्रदान करने पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि इससे यहां (Governor Kalraj Mishra in Jaipur) पढ़ने वाले विद्यार्थी शोध-अनुसंधान के वैश्विक नवाचारों से जुड़ सकेंगे. राज्यपाल विगत परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक लाकर गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले 117 विद्यार्थियों में से 72% छात्राएं और 28% छात्र होने की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा कि ये गौरव की बात है कि छात्राएं छात्रों से आगे हैं. ये सभी अपनी शिक्षा का राष्ट्र और समाज के उत्थान के लिए भविष्य में उपयोग करेंगी. वहीं, समारोह में कुलपति प्रो. राजीव जैन ने विभिन्न परीक्षाओं में उत्तीर्ण एक लाख 75 हजार 404 विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई दी.
समारोह में यहां हुआ ध्यान आकर्षित: दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र अपने संकायों से डिग्री लेकर कार्यक्रम में शरीक हुए. साथ ही छात्रों की डिग्री पर हिंदी में 'डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी' की जगह 'डॉक्टर ऑव् फिलॉसफी' लिखा था. जिस पर छात्रों ने सवाल खड़े किए. वहीं, मंच पर व्हीलचेयर पर पहुंची दिव्यांग छात्रा सरील गुप्ता ने ड्राइंग सब्जेक्ट में गोल्ड मेडल प्राप्त किया और जमकर वाहवाही बटोरी. वहीं, छात्रा मनीषा कुमारी को सर्वाधिक तीन गोल्ड मिले. मनीषा को एमए संस्कृत में राजस्थान यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल, चांसलर गोल्ड मेडल और सीता धर्मेंद्र गोल्ड मेडल दिया गया. हालांकि, कोरोना गाइडलाइन का हवाला देकर उनके परिजनों को कार्यक्रम में नहीं बुलाए जाने पर उन्होंने खेद व्यक्त किया. इसके अलावा दो गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली कोमल मित्तल ने बताया कि उन्हें फिजिक्स और बीएससी मैथ में ये गोल्ड मेडल मिले हैं.
समारोह में भाग लेने वाले सभी पीएचडी उपाधि और गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अपने निर्धारित परिधान में इस समारोह में शामिल हुए थे. छात्र सफेद रंग के कुर्ता-पायजामा, पैंट-शर्ट/धोती कुर्ता और काले जूते, जबकि छात्राएं सफेद साड़ी/सलवार सूट पहन कर समारोह में पहुंची. इस दौरान सचिव नीलिमा तक्षक, सीनेट और सिंडीकेट सदस्यों के साथ शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे.