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भ्रूण जांच के खिलाफ गुजरात में डिकॉय ऑपरेशन कर पहले दलाल और अब डिटेन किए गए दो डॉक्टर्स गिरफ्तार - इंटरस्टेट डिकॉय ऑपरेशन

राजस्थान की पीसीपीएनडीटी टीम ने गत 18 जुलाई को इंटरस्टेट डिकॉय ऑपरेशन कर भ्रूण जांच के मामले में दलाल को गिरफ्तार किया. अब इस मामले में दो डॉक्टर्स को गिरफ्तार किया गया है.

2 doctors arrested by RCPNDT team in gender test case
भ्रूण जांच के खिलाफ गुजरात में डिकॉय ऑपरेशन कर पहले दलाल और अब डिटेन किए गए दो डॉक्टर्स गिरफ्तार
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Published : Jul 24, 2023, 6:51 PM IST

जयपुर. राजस्थान की पीसीपीएनडीटी टीम ने बीती 18 जुलाई को गुजरात के यशदीप अस्पताल में किए इंटरस्टेट डिकॉय ऑपरेशन में दलाल के बाद अब डिटेन किए गए दोनों आरोपी डॉक्टर्स को भी गिरफ्तार कर लिया है. तबीयत खराब होने के कारण पहले अस्पताल संचालक डॉक्टर महेन्द्र कुमार और सहायक डॉक्टर दीपक कुमार पटेल का पुलिस कस्टडी में इलाज कराया गया. वहीं अब पीसीपीएनडीटी ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया है. दोनों से डिकॉय ऑपरेशन में इस्तेमाल की गई राशि 30 हजार के नोट भी बरामद कर लिए हैं.

राजस्थान पीसीपीएनडीटी टीम गुजरात जाकर इंटरस्टेट डिकॉय ऑपरेशन किया था. जिसमें पहले एक आरोपी महिला दलाल उदयपुर निवासी शांता देवी (उम्र 48) को गिरफ्तार किया गया था. जिसे पीसीपीएनडीटी न्यायालय ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया. उसी दौरान डिटेन किए गए प्राइवेट अस्पताल के दो डॉक्टर्स को अब गिरफ्तार किया गया है. इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शुभ्रा सिंह ने बताया कि इंटरस्टेट डिकॉय कार्रवाई को पूरा करने के लिए पीसीपीएनडीटी डिकॉय टीम एक सप्ताह से गुजरात के हिम्मत नगर में है. जहां पूरी विधिक कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.

पढ़ें: Decoy Operation: 11 जिलों में डिकॉय ऑपरेशन, रात 8 बजे के बाद भी बिक रही थी शराब

डिटेन किए गए दोनों आरोपी डॉक्टर्स को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही आरोपी डॉक्टर महेन्द्र कुमार से भ्रूण लिंग जांच के एवज में लिए 20 हजार और दूसरे आरोपी डॉक्टर दीपक पटेल से 10 हजार की डिकॉय राशि भी बरामद कर ली है. दोनों डॉक्टर्स कार्रवाई के दौरान तबीयत खराब होने के कारण एक सप्ताह से नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती थे. सोमवार को आरोपी डॉक्टर्स को पीसीपीएनडीटी न्यायालय में भी पेश किया गया.

पढ़ें: पीसीपीएनडीटी सेल की जयपुर में कार्रवाई, भ्रूण लिंग परीक्षण करते चिकित्सक और दलाल गिरफ्तार

वहीं मिशन निदेशक डॉ जितेंद्र सोनी ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं के गर्भ में पल रही बेटियों को बचाने की मुहिम के तहत ये कार्रवाई की गई है. विशेषकर लिंगानुपात में पिछड़ रहे क्षेत्रों में ज्यादा निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं. सभी जिलों में कार्यरत आशा-एएनएम के जरिए गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच के दौरान परिजनों के साथ काउंसलिंग भी कराई जाती है.

जयपुर. राजस्थान की पीसीपीएनडीटी टीम ने बीती 18 जुलाई को गुजरात के यशदीप अस्पताल में किए इंटरस्टेट डिकॉय ऑपरेशन में दलाल के बाद अब डिटेन किए गए दोनों आरोपी डॉक्टर्स को भी गिरफ्तार कर लिया है. तबीयत खराब होने के कारण पहले अस्पताल संचालक डॉक्टर महेन्द्र कुमार और सहायक डॉक्टर दीपक कुमार पटेल का पुलिस कस्टडी में इलाज कराया गया. वहीं अब पीसीपीएनडीटी ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया है. दोनों से डिकॉय ऑपरेशन में इस्तेमाल की गई राशि 30 हजार के नोट भी बरामद कर लिए हैं.

राजस्थान पीसीपीएनडीटी टीम गुजरात जाकर इंटरस्टेट डिकॉय ऑपरेशन किया था. जिसमें पहले एक आरोपी महिला दलाल उदयपुर निवासी शांता देवी (उम्र 48) को गिरफ्तार किया गया था. जिसे पीसीपीएनडीटी न्यायालय ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया. उसी दौरान डिटेन किए गए प्राइवेट अस्पताल के दो डॉक्टर्स को अब गिरफ्तार किया गया है. इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग शुभ्रा सिंह ने बताया कि इंटरस्टेट डिकॉय कार्रवाई को पूरा करने के लिए पीसीपीएनडीटी डिकॉय टीम एक सप्ताह से गुजरात के हिम्मत नगर में है. जहां पूरी विधिक कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.

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डिटेन किए गए दोनों आरोपी डॉक्टर्स को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही आरोपी डॉक्टर महेन्द्र कुमार से भ्रूण लिंग जांच के एवज में लिए 20 हजार और दूसरे आरोपी डॉक्टर दीपक पटेल से 10 हजार की डिकॉय राशि भी बरामद कर ली है. दोनों डॉक्टर्स कार्रवाई के दौरान तबीयत खराब होने के कारण एक सप्ताह से नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती थे. सोमवार को आरोपी डॉक्टर्स को पीसीपीएनडीटी न्यायालय में भी पेश किया गया.

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वहीं मिशन निदेशक डॉ जितेंद्र सोनी ने बताया कि प्रदेश में महिलाओं के गर्भ में पल रही बेटियों को बचाने की मुहिम के तहत ये कार्रवाई की गई है. विशेषकर लिंगानुपात में पिछड़ रहे क्षेत्रों में ज्यादा निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं. सभी जिलों में कार्यरत आशा-एएनएम के जरिए गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच के दौरान परिजनों के साथ काउंसलिंग भी कराई जाती है.

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