अजमेर. दो करोड़ की घूस मांगने के मामले में गिरफ्तार हुई अजमेर एसओजी की निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल अब 17 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में रहेंगी. शुक्रवार को दिव्या मित्तल की एसीबी प्रकरण की विशेष कोर्ट में पेशी थी. आरोपी दिव्या मित्तल को कोर्ट में पेशी के लिए नहीं लाया गया. कोर्ट ने वारंट जारी कर दिव्या मित्तल की न्यायिक अभिरक्षा 17 फरवरी तक बढ़ा दी है.
आरोपी पक्ष के वकील प्रीतम सोनी ने बताया कि 20 जनवरी को रिमांड अवधि खत्म होने के बाद जयपुर एसीबी ने दिव्या मित्तल को अजमेर एसीबी कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट ने दिव्या मित्तल को 3 फरवरी तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा था। शुक्रवार को दिव्या मित्तल की पेशी थी. जेल से दिव्या मित्तल को पेशी के लिए नहीं लाया गया. कोर्ट ने वारंट जारी कर दिव्या मित्तल की न्यायिक अभिरक्षा 17 फरवरी तक बढ़ा दी है.
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सोनी ने बताया कि दिव्या मित्तल की जमानत अर्जी अजमेर एसीबी कोर्ट में लगाई गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. एसीबी कोर्ट के जमानत अर्जी खारिज करने के आदेश के खिलाफ आरोपी पक्ष की ओर से हाईकोर्ट में अपील की जाएगी. आरोपी पक्ष के वकील ने बताया कि जयपुर एसीबी की ओर से दिव्या मित्तल पर आरोप था कि दवा उद्योग कंपनी के मालिक से उन्होंने 2 करोड़ रुपए की रिश्वत एनडीपीएस एक्ट के मुकदमे से नाम हटाने की एवज में मांगी है. आरोपी पक्ष के वकील ने बताया कि दिव्या मित्तल एनडीपीएस एक्ट के तीन मुकदमों में तफ्तीश कर रही थी. उनका आरोप है कि दवा कंपनियों के मालिक और कंपनियों के अधिकारी जो एनडीपीएस एक्ट के मुकदमों में आरोपी हैं, उन्होंने षड्यंत्र करके दिव्या मित्तल के हाथ से तफ्तीश छीनने का षड्यंत्र रचा. सोनी ने कहा कि दिव्या मित्तल ने मामले में न कोई रिश्वत की मांग की है और न ही राशि प्राप्त की है.
दलाल की गिरफ्तारी से खुलेंगे राजः आरोपी पक्ष की अपनी की दलील है, लेकिन दूसरी तरफ मामले में अनुसंधान कर रही जयपुर एसीबी की टीम के हाथ अभी दलाल सुमित कुमार नहीं लगा है. दो करोड़ की रिश्वत की डिमांड के मामले में दलाल सुमित कुमार अहम कड़ी है. दलाल सुमित कुमार की गिरफ्तारी से ही 2 करोड़ की रिश्वत की डिमांड के प्रकरण की कड़ियां आपस में जुड़ पाएंगी. परिवादी और दलाल सुमित कुमार के बीच हुई बातचीत और परिवादी एवं दिव्या मित्तल के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग एसीबी के पास है.
दो करोड़ रुपए की घुस मांगने का यह है प्रकरणः एनडीपीएस एक्ट के मामले में अजमेर एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल अनुसंधान अधिकारी थी. मामले में एक आरोपी ने दिव्या मित्तल पर 2 करोड़ रुपए की घूस की डिमांड करने के आरोप में जयपुर एसीबी को शिकायत दी थी. जयपुर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाया, जिसमें दिव्या मित्तल और उसके एक दलाल सुमित कुमार का नाम सामने आया. दिव्या मित्तल के कहने पर सुमित कुमार ने परिवादी को उदयपुर में हिल व्यू रिसोर्ट बुलाया और धमकाया. जहां पर एसीबी ने पहले से ही जाल बिछा रखा था. लेकिन दलाल सुमित कुमार को भनक लग गई और वह मौके से फरार हो गया. इस कारण एसीबी का ट्रैप फेल हो गया था. इसके बाद एसीबी ने कोर्ट से वारंट जारी करवाकर एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल के अजमेर एसओजी कार्यालय और फ्लैट समेत उदयपुर झुंझुनू और जयपुर में उनके पांच ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की थी. दिव्या मित्तल को अजमेर में जयपुर रोड स्थित एआरजी से उनके फ्लैट से गिरफ्तार किया गया था.