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विधानसभा के बजट सत्र में 18 विधायकों ने नहीं लगाए एक भी सवाल...पढे़ं पूरी खबर - 18 विधायकों ने नहीं उठाया सवाल खबर पढ़ें

प्रदेश के विधानसभा बजट सत्र में 18 विधायकों ने एक भी सवाल नहीं लगाया. जिसमें कांग्रेस के 12 , भाजपा के 3, निर्दलीय 2 और बसपा के 1 विधायक शामिल है. किन विधायकों ने नहीं लगाया एक भी सवाल- पढ़ें पूरी खबर

विधानसभा के बजट सत्र में 18 विधायकों ने नहीं लगाया एक भी सवाल
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Published : Aug 8, 2019, 2:12 PM IST

Updated : Aug 9, 2019, 5:27 AM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र पूरा हो चुका है यह सत्र क्योंकि बजट सत्र था. ऐसे में इसमें 21 बैठकें हुई थी. जिसमें विधायकों ने जमकर अपने प्रश्न लगाने के अधिकार का इस्तेमाल किया. इस बार विधानसभा में विधायकों ने कुल मिलाकर 7292 सवाल लगाएं. जो विधायकों के क्षेत्र से जुड़े थे. लेकिन खास बात यह है कि राजस्थान विधानसभा के 9% विधायक ऐसे भी रहे जो जनता से जुड़ा एक भी सवाल विधानसभा में नहीं लगा पाए.

इस वर्ष विधानसभा के बजट सत्र में 18 विधायकों ने नहीं लगाया एक भी सवाल

पढ़ें - जयपुर: द्रव्यवती नदी में कचरा डालने का सामाजिक संगठनों ने किया विरोध

18 विधायकों में से 12 विधायक सत्ताधारी दल कांग्रेस के तो 3 विपक्षी दल भाजपा के विधायक हैं. इसके अलावा 2 निर्दलीय विधायक और एक बसपा के विधायक रहे. जिन्होंने विधानसभा सत्र में एक भी सवाल नहीं लगाया. एक भी सवाल नहीं लगाने वाले नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सिद्धि कुमारी, कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे हेमाराम चौधरी ,परसराम मोरदिया ,महेंद्र जीत सिंह मालवीय और निर्दलीय महादेव सिंह खंडेला जैसे वरिष्ठ विधायक भी शामिल है. इसके साथ ही पहली बार विधायक बने नेता भी जनता की समस्याओं को सदन में प्रश्न के रूप में नहीं उठा सके.

इस बार कई वरिष्ठ नेता तो सवालों से दूर रहे लेकिन इस बार जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने नए विधायकों को ज्यादा मौका दिया.उससे लगा था कि ये नए विधायक सवाल पूछने में इस बार सबसे आगे रहेंगे. ऐसा हुआ भी, लेकिन उसके बाद भी कई ऐसे विधायक भी थे. जो पहली बार जीतकर विधानसभा में पहुंचे. लेकिन सदन में एक भी सवाल उन्होंने नहीं पूछा. पहली बार जीतकर आए विधायकों में से कांग्रेस के सुदर्शन सिंह रावत, विरेंद्र सिंह, प्रशांत बैरवा इस लिस्ट में शामिल है. जिन्होंने पहली बार जीतकर आने और अध्यक्ष सीपी जोशी के पर्याप्त सहयोग के बाद भी एक भी सवाल विधानसभा में नहीं उठाया.


कांग्रेस के विधायक जिन्होंने नहीं लगाया एक भी सवाल - हेमाराम चौधरी, रूपा राम, महेंद्र जीत सिंह मालवीय, विजेंद्र सिंह ओला, राजेंद्र बिधूड़ी, परसराम मोरदिया, पानाचंद मेघवाल, निर्मला सहरिया, अशोक बैरवा शामिल हैं.

पहली बार जीतकर आए कांग्रेसी युवा विधायक जिन्होंने एक भी सवाल नहीं लगाया- सुदर्शन सिंह रावत, वीरेंद्र सिंह, प्रशांत बैरवा

भाजपा के विधायक जिन्होंने नहीं लगाया एक भी सवाल- वसुंधरा राजे, सिद्धि कुमारी, सुरेंद्र सिंह राठौड़

बसपा के विधायक जिन्होंने नहीं लगाए एक भी सवाल- दीपचंद खैरिया


निर्दलीय विधायक जिन्होंने नहीं लगाए एक भी सवाल- राजकुमार गौड़, महादेव सिंह खंडेला


ऐसा नहीं है कि इस विधानसभा में केवल ऐसे ही विधायक रहे जिन्होंने एक भी सवाल नहीं लगाया. लेकिन कई विधायक ऐसे भी रहे जिन्होंने अपने अधिकार का पूरा इस्तेमाल करते हुए अधिकतम 100 सवाल पूछने की सीमा को छुआ. ऐसे विधायकों में कांग्रेस के एकमात्र विधायक राजकुमार शर्मा तो भाजपा के 8 विधायक शामिल रहे. तीन निर्दलीय विधायक और सीपीआई के एक विधायक गिरधारी ने भी अपने अधिकारों का पूरा इस्तेमाल करते हुए 100 सवाल लगाए. इस लिस्ट में भाजपा की ओर से मंजू धर्मपाल चौधरी का भी नाम शामिल है. जो पहली बार विधानसभा में जीत कर आए और उन्होंने इस सत्र में पूरे 100 सवाल लगाए हैं.

दरअसल जो बड़े सत्र होते हैं. उनमें एक विधायक 100 सवाल कर सकता है जिनमें 40 तारांकित और 60 अतारांकित सवाल पूछ सकता है तो छोटे सत्रों में 30 सवाल पूछे जा सकते हैं. जिसमें 10 तारांकित और 20 सवाल अतारांकित हो सकते हैं.


भाजपा विधायक जिन्होंने लगाएं 100 सवाल- हमीर सिंह भायल, संजय शर्मा, संतोष, सुभाष पूनिया, वासुदेव देवनानी, शंकर सिंह रावत, धर्म नारायण के नाम शामिल हैं.

सीपीआई के 100 सवाल पूछने वाले विधायक- गिरधारी लाल

100 सवाल पूछने वाले निर्दलीय विधायक- सुरेश टांक, बलजीत यादव, ओम प्रकाश हुडला

जयपुर. राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र पूरा हो चुका है यह सत्र क्योंकि बजट सत्र था. ऐसे में इसमें 21 बैठकें हुई थी. जिसमें विधायकों ने जमकर अपने प्रश्न लगाने के अधिकार का इस्तेमाल किया. इस बार विधानसभा में विधायकों ने कुल मिलाकर 7292 सवाल लगाएं. जो विधायकों के क्षेत्र से जुड़े थे. लेकिन खास बात यह है कि राजस्थान विधानसभा के 9% विधायक ऐसे भी रहे जो जनता से जुड़ा एक भी सवाल विधानसभा में नहीं लगा पाए.

इस वर्ष विधानसभा के बजट सत्र में 18 विधायकों ने नहीं लगाया एक भी सवाल

पढ़ें - जयपुर: द्रव्यवती नदी में कचरा डालने का सामाजिक संगठनों ने किया विरोध

18 विधायकों में से 12 विधायक सत्ताधारी दल कांग्रेस के तो 3 विपक्षी दल भाजपा के विधायक हैं. इसके अलावा 2 निर्दलीय विधायक और एक बसपा के विधायक रहे. जिन्होंने विधानसभा सत्र में एक भी सवाल नहीं लगाया. एक भी सवाल नहीं लगाने वाले नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सिद्धि कुमारी, कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे हेमाराम चौधरी ,परसराम मोरदिया ,महेंद्र जीत सिंह मालवीय और निर्दलीय महादेव सिंह खंडेला जैसे वरिष्ठ विधायक भी शामिल है. इसके साथ ही पहली बार विधायक बने नेता भी जनता की समस्याओं को सदन में प्रश्न के रूप में नहीं उठा सके.

इस बार कई वरिष्ठ नेता तो सवालों से दूर रहे लेकिन इस बार जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने नए विधायकों को ज्यादा मौका दिया.उससे लगा था कि ये नए विधायक सवाल पूछने में इस बार सबसे आगे रहेंगे. ऐसा हुआ भी, लेकिन उसके बाद भी कई ऐसे विधायक भी थे. जो पहली बार जीतकर विधानसभा में पहुंचे. लेकिन सदन में एक भी सवाल उन्होंने नहीं पूछा. पहली बार जीतकर आए विधायकों में से कांग्रेस के सुदर्शन सिंह रावत, विरेंद्र सिंह, प्रशांत बैरवा इस लिस्ट में शामिल है. जिन्होंने पहली बार जीतकर आने और अध्यक्ष सीपी जोशी के पर्याप्त सहयोग के बाद भी एक भी सवाल विधानसभा में नहीं उठाया.


कांग्रेस के विधायक जिन्होंने नहीं लगाया एक भी सवाल - हेमाराम चौधरी, रूपा राम, महेंद्र जीत सिंह मालवीय, विजेंद्र सिंह ओला, राजेंद्र बिधूड़ी, परसराम मोरदिया, पानाचंद मेघवाल, निर्मला सहरिया, अशोक बैरवा शामिल हैं.

पहली बार जीतकर आए कांग्रेसी युवा विधायक जिन्होंने एक भी सवाल नहीं लगाया- सुदर्शन सिंह रावत, वीरेंद्र सिंह, प्रशांत बैरवा

भाजपा के विधायक जिन्होंने नहीं लगाया एक भी सवाल- वसुंधरा राजे, सिद्धि कुमारी, सुरेंद्र सिंह राठौड़

बसपा के विधायक जिन्होंने नहीं लगाए एक भी सवाल- दीपचंद खैरिया


निर्दलीय विधायक जिन्होंने नहीं लगाए एक भी सवाल- राजकुमार गौड़, महादेव सिंह खंडेला


ऐसा नहीं है कि इस विधानसभा में केवल ऐसे ही विधायक रहे जिन्होंने एक भी सवाल नहीं लगाया. लेकिन कई विधायक ऐसे भी रहे जिन्होंने अपने अधिकार का पूरा इस्तेमाल करते हुए अधिकतम 100 सवाल पूछने की सीमा को छुआ. ऐसे विधायकों में कांग्रेस के एकमात्र विधायक राजकुमार शर्मा तो भाजपा के 8 विधायक शामिल रहे. तीन निर्दलीय विधायक और सीपीआई के एक विधायक गिरधारी ने भी अपने अधिकारों का पूरा इस्तेमाल करते हुए 100 सवाल लगाए. इस लिस्ट में भाजपा की ओर से मंजू धर्मपाल चौधरी का भी नाम शामिल है. जो पहली बार विधानसभा में जीत कर आए और उन्होंने इस सत्र में पूरे 100 सवाल लगाए हैं.

दरअसल जो बड़े सत्र होते हैं. उनमें एक विधायक 100 सवाल कर सकता है जिनमें 40 तारांकित और 60 अतारांकित सवाल पूछ सकता है तो छोटे सत्रों में 30 सवाल पूछे जा सकते हैं. जिसमें 10 तारांकित और 20 सवाल अतारांकित हो सकते हैं.


भाजपा विधायक जिन्होंने लगाएं 100 सवाल- हमीर सिंह भायल, संजय शर्मा, संतोष, सुभाष पूनिया, वासुदेव देवनानी, शंकर सिंह रावत, धर्म नारायण के नाम शामिल हैं.

सीपीआई के 100 सवाल पूछने वाले विधायक- गिरधारी लाल

100 सवाल पूछने वाले निर्दलीय विधायक- सुरेश टांक, बलजीत यादव, ओम प्रकाश हुडला

Intro:विधानसभा के बजट सत्र में 18 विधायकों ने नहीं लगाया एक भी सवाल कांग्रेस के 12 विधायकों भाजपा के तीन दो निर्दलीय और एक बसपा के विधायक ने नहीं लगाया इस बार एक भी सवाल सवाल नहीं लगाने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिद्धि कुमारी कांग्रेस के हेमाराम महेंद्र जीत मालवीय परसराम मोरदिया निर्दलीय महादेव खंडेला जैसे वरिष्ठ विधायक तो वही सुदर्शन सिंह रावत वीरेंद्र सिंह प्रशांत बैरवा जैसे पहली बार के विधायक भी रहे अपने जनता के सवालों को उठाने में फिसड्डी हालांकि तेरा विधायक ऐसे भी रहे जिन्होंने सवाल पूछने की अधिकतम सीमा शो को छुआ


Body:राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र पूरा हो चुका है यह सत्र क्योंकि बजट सत्र था ऐसे में इसमें 21 बैठकें हुई जिसमें विधायकों ने जमकर अपने प्रश्न लगाने के अधिकार का इस्तेमाल किया इस बार विधानसभा में विधायकों ने कुल मिलाकर 7292 सवाल लगाएं जो विधायकों के क्षेत्र से जुड़े थे लेकिन खास बात यह है कि राजस्थान विधानसभा के 9% विधायक ऐसे भी रहे जो जनता से जुड़ा एक भी सवाल विधानसभा में नहीं लगा पाए 18 विधायकों में से 12 विधायक सत्ताधारी दल कांग्रेस के तो विपक्षी दल भाजपा के तीन विधायक हैं इसके अलावा दो निर्दलीय विधायक और एक बसपा के विधायक भी ऐसे हैं जिन्होंने विधानसभा सत्र में एक भी सवाल नहीं लगाया एक भी सवाल नहीं लगाने वाले नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिद्धि कुमारी कांग्रेस के पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे हेमाराम चौधरी परसराम मोरदिया महेंद्र जीत सिंह मालवीय और निर्दलीय महादेव सिंह खंडेला जैसे वरिष्ठ विधायक भी शामिल है
वृष्टि नहीं पहली बार विधायक बने नेता भी जनता की समस्याओं को प्रश्न के रूप में नहीं उठा सके सदन में
इस बार कई वरिष्ठ नेता तो सवालों से दूर रहे लेकिन इस बार जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने नए विधायकों को ज्यादा मौका दिया उससे लगा था कि नहीं विधायक सवाल पूछने में इस बार सबसे आगे रहेंगे ऐसा हुआ भी लेकिन उसके बाद भी कई ऐसे विधायक भी थे जो पहली बार जीतकर विधानसभा में पहुंचे लेकिन सदन में एक भी सवाल उन्होंने नहीं पूछा पहली बार जीतकर आए विधायकों में से कांग्रेस के सुदर्शन सिंह रावत विरेंद्र सिंह प्रशांत बैरवा ऐसे विधायक हैं जिन्होंने पहली बार जीतकर आने और अध्यक्ष सीपी जोशी के पर्याप्त सहयोग के बाद भी एक भी सवाल विधानसभा में नहीं उठाया
कांग्रेस के विधायक जिन्होंने नहीं लगाया एक भी सवाल
1- हेमाराम चौधरी
2- रूपा राम
3- महेंद्र जीत सिंह मालवीय
4- विजेंद्र सिंह ओला
5- राजेंद्र बिधूड़ी
6- परसराम मोरदिया
7- पानाचंद मेघवाल
8- निर्मला सहरिया
9- अशोक बैरवा
पहली बार जीत कर आए कांग्रेसी युवा विधायक जिन्होंने एक भी सवाल नहीं लगाया
1- सुदर्शन सिंह रावत
2- वीरेंद्र सिंह
3- प्रशांत बैरवा
भाजपा के विधायक जिन्होंने नहीं लगाया एक भी सवाल
1- वसुंधरा राजे
2- सिद्धि कुमारी
3- सुरेंद्र सिंह राठौड़
बसपा के विधायक जिन्होंने नहीं लगाए एक भी सवाल
1- दीपचंद खैरिया
जिन्होंने नहीं लगाए एक भी सवाल
1- राजकुमार गौड़
2- महादेव सिंह खंडेला


जीरो ही नहीं तेरा विधायक ऐसे भी जिन्होंने लगाए अधिकतम 100 सवाल भी
ऐसा नहीं है कि इस विधानसभा में केवल ऐसे ही विधायक रहे जिन्होंने एक भी सवाल नहीं लगाया लेकिन कई विधायक ऐसे भी रहे जिन्होंने अपने अधिकार का पूरा इस्तेमाल करते हुए अधिकतम 100 सवाल पूछने की सीमा को छुआ ऐसे विधायकों में कांग्रेस के एकमात्र विधायक राजकुमार शर्मा तो भाजपा के 8 विधायक शामिल रहे तीन निर्दलीय विधायक और सीपीआई के एक विधायक गिरधारी ने भी अपने अधिकारों का पूरा इस्तेमाल करते हुए 100 सवाल लगाए इस लिस्ट में भाजपा की ओर से मंजू धर्मपाल चौधरी का भी नाम शामिल है जो पहली बार विधानसभा में जीत कर आए और उन्होंने इस सत्र में पूरे सौ सवाल लगाएं हैं दरअसल जो बड़े सत्र होते हैं उनमें एक विधायक सारे तारांकित और 40 आतारांकित सवाल पूछ सकता है तो छोटे सत्रों में 30 सवाल पूछे जा सकते हैं जिसमें 10 तारांकित और 20 सवाल अतारांकित हो सकते हैं
भाजपा विधायक जिन्होंने लगाएं 100 सवाल
1- हमीर सिंह भायल
2- संजय शर्मा
3- संतोष
4- सुभाष पूनिया
5- वासुदेव देवनानी
6- शंकर सिंह रावत
7- धर्म नारायण
इसके साथ ही इस लिस्ट में मंजीतधर्मपाल चौधरी का भी नाम शामिल है
सीपीआई के 100 सवाल पूछने वाले विधायक
गिरधारी लाल
100 सवाल पूछने वाले निर्दलीय विधायक
1- सुरेश टांक
2- बलजीत यादव
3- ओम प्रकाश हुडला


Conclusion:
Last Updated : Aug 9, 2019, 5:27 AM IST
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