जयपुर. भरतपुर के बहुचर्चित कुलदीप जघीना हत्याकांड के मामले में जयपुर और भरतपुर के 11 पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इस मामले की विभागीय जांच सीआईडी क्राइम ब्रांच के आईजी प्रफुल्ल कुमार ने की थी. इस जांच रिपोर्ट के आधार पर बुधवार को 11 पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोपों के चलते निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं.
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जिन पुलिसकर्मियों को आज निलंबित किया गया है. उनमें पुलिस लाइन के वे 7 चलानी गार्ड और भरतपुर के 4 पुलिसकर्मी शामिल हैं, जो रोडवेज बस को एस्कॉर्ट कर रहे थे. भरतपुर पुलिस के एक एसआई, दो कांस्टेबल और एक चालक को निलंबित किया गया है. जबकि जयपुर की रिजर्व पुलिस लाइन के 7 चलानी गार्ड्स को भी इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित किया गया है. इनमें 1 हेड कांस्टेबल और 6 कांस्टेबल शामिल हैं.
जांच रिपोर्ट में सामने आई थी चूकः सीआईडी क्राइम ब्रांच के आईजी की जांच के आधार पर इन 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. इस रिपोर्ट में जयपुर जेल कर्मचारियों के साथ ही भरतपुर पुलिस की एस्कॉर्ट टीम और मामले की जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी की लापरवाही की जानकारी सामने आई है. आईजी ने मंगलवार को ही यह रिपोर्ट डीजीपी को सौंपी थी.
इन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाजः इस पूरे मामले को लेकर भरतपुर एसपी मृदुल कच्छावा ने एएसआई हरेंद्र सिंह, कांस्टेबल सत्यवीर सिंह, चंद्रपाल और जगबीर सिंह को निलंबित किया है. जबकि जयपुर पुलिस आयुक्तालय के पुलिस आयुक्त (मुख्यालय) ने आदेश जारी कर हेड कांस्टेबल शंकरलाल, कांस्टेबल नेमीचंद, जितेंद्र, रोहित, सुरेंद्र, महेंद्र और सुरेंद्र को निलंबित किया है.
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7 पुलिसकर्मियों के बीच गोली मारकर भागे थे बदमाशः भरतपुर के भाजपा नेता कृपाल जघीना की पिछले साल गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी कुलदीप जघीना को 12 जुलाई को जयपुर जेल से रोडवेज बस में पेशी पर ले जाते समय भरतपुर के अमौली टोल नाके के पास बदमाशों ने गोली मार दी थी. उस समय कुलदीप को 7 पुलिस कर्मियों की कस्टडी में ले जाया जा रहा था. इनमें से 2 के पास हथियार भी थे. बदमाशों ने पुलिसकर्मियों की आंख में मिर्च झोंककर इस वारदात को अंजाम दिया था. इस मामले में अब तक 11 आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.