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दहेज को नकार 1 रुपए और नारियल में दुल्हन ले आये घर, इन दो शादियों की हो रही चर्चा

हनुमानगढ़ में एक परिवार ने अपने बेटे और बेटी की शादी की. इस शादी में परिवार ने दहेज लेने से इनकार कर (Youth denied to take dowry in Hanumangarh) दिया. परिवार ने 1 रुपए और नारियल में शादी रचाई. इस शादी की खूब चर्चा हो रही है.

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Published : Dec 12, 2022, 11:23 PM IST

Youth denied to take dowry in Hanumangarh, got married in Rs 1 and coconut as token
दहेज को नकार 1 रुपए और नारियल में दुल्हन ले आये घर, इन दो शादियों की हो रही चर्चा

हनुमानगढ़. जिले के चक 12 MJD अमरपुरा जालूखाट तहसील संगरिया के निवासी सुभाष चंद्र मूंड के बेटे अधिवक्ता अनिल कुमार मूंड की शादी गांव किशनपुरा दिखनादा निवासी राम स्वरूप रोझ की पुत्री प्रियंका के साथ और स्व. कुंदनलाल रोझ के बेटे राकेश कुमार की शादी सुभाष चंद्र मूंड की बेटी सोनू के साथ तय हुई थी. जिसमें दोनों परिवार ने दहेज में दिए धन राशि को वापिस लौटा कर 1 रुपए (Youth denied to take dowry in Hanumangarh) और नारियल को स्वीकर कर दहेज प्रथा को रोकने का समाजिक संदेश देते हुए दोनों परिवार दुल्हनों को अपने-अपने घर ले आए.

दोनों परिवार कृषि कार्य कर जीवन यापन कर रहे हैं और अनिल कुमार मूंड हनुमानगढ़ जिला न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में सेवा प्रदान करते हैं. इस सार्थक पहल की सराहना शादी समारोह में मौजूद हर व्यक्ति ने की. अनिल कुमार मूंड का कहना है कि दहेज न लेने की सोच को सोच तक सीमित न रखते हुए एक विचारधारा बनानी होगी. तभी हमारी आने वाली पीढ़ी इस अभिशाप से मुक्ति पा सकेगी. इस सोच को धरातल पर उतारते हुए हमारे परिवारों ने बिना दहेज के शादी कर आमजन को इस कुप्रथा को मिटाने का संदेश दिया है.

पढ़ें: Engineer दूल्हा 'उड़न खटोले' से पहुंचा दुल्हन लेने, शगुन में लिए सिर्फ 1 रुपए

हम सबको और खासकर युवाओं को इस कुप्रथा को समाप्त करने में सहभागिता निभानी चाहिए ताकि समाजिक समरसता बनी रहे. क्योंकि एक पिता को बेटी को शादी में दहेज के लिए कर्जे और जमीन जायदाद तक बेचनी पड़ती है. ऐसा उन्होंने अपने आसपास देखा है जिसके चलते हमारे परिवारों ने बिना दहेज के शादी करने का निर्णय लिया है.

हनुमानगढ़. जिले के चक 12 MJD अमरपुरा जालूखाट तहसील संगरिया के निवासी सुभाष चंद्र मूंड के बेटे अधिवक्ता अनिल कुमार मूंड की शादी गांव किशनपुरा दिखनादा निवासी राम स्वरूप रोझ की पुत्री प्रियंका के साथ और स्व. कुंदनलाल रोझ के बेटे राकेश कुमार की शादी सुभाष चंद्र मूंड की बेटी सोनू के साथ तय हुई थी. जिसमें दोनों परिवार ने दहेज में दिए धन राशि को वापिस लौटा कर 1 रुपए (Youth denied to take dowry in Hanumangarh) और नारियल को स्वीकर कर दहेज प्रथा को रोकने का समाजिक संदेश देते हुए दोनों परिवार दुल्हनों को अपने-अपने घर ले आए.

दोनों परिवार कृषि कार्य कर जीवन यापन कर रहे हैं और अनिल कुमार मूंड हनुमानगढ़ जिला न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में सेवा प्रदान करते हैं. इस सार्थक पहल की सराहना शादी समारोह में मौजूद हर व्यक्ति ने की. अनिल कुमार मूंड का कहना है कि दहेज न लेने की सोच को सोच तक सीमित न रखते हुए एक विचारधारा बनानी होगी. तभी हमारी आने वाली पीढ़ी इस अभिशाप से मुक्ति पा सकेगी. इस सोच को धरातल पर उतारते हुए हमारे परिवारों ने बिना दहेज के शादी कर आमजन को इस कुप्रथा को मिटाने का संदेश दिया है.

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हम सबको और खासकर युवाओं को इस कुप्रथा को समाप्त करने में सहभागिता निभानी चाहिए ताकि समाजिक समरसता बनी रहे. क्योंकि एक पिता को बेटी को शादी में दहेज के लिए कर्जे और जमीन जायदाद तक बेचनी पड़ती है. ऐसा उन्होंने अपने आसपास देखा है जिसके चलते हमारे परिवारों ने बिना दहेज के शादी करने का निर्णय लिया है.

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