हनुमानगढ़. जिले के जंक्शन रोड स्थित महावीर अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने जिस शख्स को मृत घोषित कर दिया था वो अचानक जिंदा हो गया. अस्पताल के बाहन निकलते ही उसकी धड़कने चलने लगीं. जिसके बाद परिजन तुरंत अस्पताल स्टाफ को सूचना दी और मरीज को ICU में भर्ती कराया.
इस दौरान परिजनों की अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ के साथ झड़प भी हो गई. इससे अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया. उन्होंने अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की. उधर, सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने गुस्साए ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास किए.
बता दें, सदर पुलिस थाना क्षेत्र के गांव धोलीपाल निवासी हंसराज गोदारा (58) पुत्र अर्जुनराम गोदारा का पिछले लम्बे समय से इलाज चल रहा था. उनकी रीढ़ की हड्डी का फरीदाबाद में ऑपरेशन हुआ था. वहां से परिजन करीब डेढ़ महीने पहले हंसराज को हनुमानगढ़ टाउन में जंक्शन रोड पर स्थित एक फिजियोथैरेपी अस्पताल में ले आए. बताया जा रहा है कि सोमवार देर रात करीब साढ़े 11 बजे खाना खाने के बाद मरीज हंसराज गोदारा को सांस लेने में दिक्कत होने पर परिजनों ने पास ही स्थित महावीर अस्पताल और मेटरनिटी सेंटर के आईसीयू में भर्ती करवा दिया. मंगलवार सुबह करीब दस बजे अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने परिजनों को जानकारी दी कि हंसराज गोदारा की मौत हो चुकी है. यह कहते हुए स्टाफ ने हंसराज गोदारा को वेंटीलेटर से बाहर निकाल दिया.
डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद परिजन करने लगे अंतिम संस्कार की तैयारी...तभी वो जिंदा हो गया और फिर
जिले के जंक्शन रोड स्थित महावीर अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने जिस शख्स को मृत घोषित कर दिया था वो अचानक जिंदा हो गया. अस्पताल के बाहन निकलते ही उसकी धड़कने चलने लगीं. जिसके बाद परिजन तुरंत अस्पताल स्टाफ को सूचना दी और मरीज को ICU में भर्ती कराया.
हनुमानगढ़. जिले के जंक्शन रोड स्थित महावीर अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने जिस शख्स को मृत घोषित कर दिया था वो अचानक जिंदा हो गया. अस्पताल के बाहन निकलते ही उसकी धड़कने चलने लगीं. जिसके बाद परिजन तुरंत अस्पताल स्टाफ को सूचना दी और मरीज को ICU में भर्ती कराया.
इस दौरान परिजनों की अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ के साथ झड़प भी हो गई. इससे अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया. उन्होंने अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की. उधर, सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने गुस्साए ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास किए.
बता दें, सदर पुलिस थाना क्षेत्र के गांव धोलीपाल निवासी हंसराज गोदारा (58) पुत्र अर्जुनराम गोदारा का पिछले लम्बे समय से इलाज चल रहा था. उनकी रीढ़ की हड्डी का फरीदाबाद में ऑपरेशन हुआ था. वहां से परिजन करीब डेढ़ महीने पहले हंसराज को हनुमानगढ़ टाउन में जंक्शन रोड पर स्थित एक फिजियोथैरेपी अस्पताल में ले आए. बताया जा रहा है कि सोमवार देर रात करीब साढ़े 11 बजे खाना खाने के बाद मरीज हंसराज गोदारा को सांस लेने में दिक्कत होने पर परिजनों ने पास ही स्थित महावीर अस्पताल और मेटरनिटी सेंटर के आईसीयू में भर्ती करवा दिया. मंगलवार सुबह करीब दस बजे अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने परिजनों को जानकारी दी कि हंसराज गोदारा की मौत हो चुकी है. यह कहते हुए स्टाफ ने हंसराज गोदारा को वेंटीलेटर से बाहर निकाल दिया.
डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद परिजन करने लगे अंतिम संस्कार की तैयारी...तभी वो जिंदा हो गया और फिर
हनुमानगढ़. जिले के जंक्शन रोड स्थित महावीर अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने जिस शख्स को मृत घोषित कर दिया था वो अचानक जिंदा हो गया. अस्पताल के बाहन निकलते ही उसकी धड़कने चलने लगीं. जिसके बाद परिजन तुरंत अस्पताल स्टाफ को सूचना दी और मरीज को ICU में भर्ती कराया.
इस दौरान परिजनों की अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ के साथ झड़प भी हो गई. इससे अस्पताल में हंगामा खड़ा हो गया. उन्होंने अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की. उधर, सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने गुस्साए ग्रामीणों से समझाइश के प्रयास किए.
बता दें, सदर पुलिस थाना क्षेत्र के गांव धोलीपाल निवासी हंसराज गोदारा (58) पुत्र अर्जुनराम गोदारा का पिछले लम्बे समय से इलाज चल रहा था. उनकी रीढ़ की हड्डी का फरीदाबाद में ऑपरेशन हुआ था. वहां से परिजन करीब डेढ़ महीने पहले हंसराज को हनुमानगढ़ टाउन में जंक्शन रोड पर स्थित एक फिजियोथैरेपी अस्पताल में ले आए. बताया जा रहा है कि सोमवार देर रात करीब साढ़े 11 बजे खाना खाने के बाद मरीज हंसराज गोदारा को सांस लेने में दिक्कत होने पर परिजनों ने पास ही स्थित महावीर अस्पताल और मेटरनिटी सेंटर के आईसीयू में भर्ती करवा दिया. मंगलवार सुबह करीब दस बजे अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ ने परिजनों को जानकारी दी कि हंसराज गोदारा की मौत हो चुकी है. यह कहते हुए स्टाफ ने हंसराज गोदारा को वेंटीलेटर से बाहर निकाल दिया.
इधर, नर्सिंग स्टाफ के कहे अनुसार मौके पर मौजूद हंसराज के पुत्र मुकेश ने इसकी सूचना अपने परिवार को दी. जिसके बाद परिवार के सदस्य शोक में डूब गए. इस पर गांव के लोग हंसराज के अंतिम संस्कार की तैयारी करने लगे. इसी बीच जब हंसराज का पुत्र मुकेश और अस्पताल में मौजूद परिवार के अन्य सदस्य हंसराज को मृत समझ घर ले जाने लगे इस दौरान हंसराज की नब्ज और धडकऩ चल रही थी. उन्होंने इसकी सूचना अस्पताल में मौजूद नर्सिंग स्टाफ को देते हुए हंसराज को आईसीयू में भर्ती कर लिया. इसके बाद परिजनों ने नर्सिंग स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. परिजनों का आरोप है कि नर्सिंग स्टाफ ने विरोध कर रहे परिजनों के साथ अभद्र व्यवहार किया और उनसे धक्का-मुक्की की. सूचना मिलने पर गांव धोलीपाल के कुछ ग्रामीण अस्पताल पहुंच गए. परिजनों और ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सोमवार रात्रि को भर्ती कराने के बाद अस्पताल स्टाफ ने मरीज की सुध नहीं ली. अस्पताल में अव्यवस्थाओं की भरमार है. अस्पताल प्रशासन अप्रशिक्षित स्टाफ रख लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है. इसी के कारण जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया. अस्पताल में हंगामा होने की सूचना मिलने पर टाउन थाने के सहायक उप निरीक्षक जसकरण सिंह और शिवनारायण पुलिस दल के साथ मौके पर पहुंचे और गुस्साए लोगों से समझाइश कर मामला शांत कराया.
Conclusion: