हनुमानगढ़. सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के विरोध में हनुमानगढ़ में बैंककर्मी दो दिन की हड़ताल पर चले गए. जिसके चलते करोड़ों का लेन-देन प्रभावित हुआ. आम लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया था कि सरकार दो सरकारी बैंकों का निजीकरण करने जा रही है. उसके बाद से ही बैंककर्मी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के बैनर तले केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बैंक कर्मचारियों ने सोमवार को पूरी तरह से कार्य बहिष्कार किया. हनुमानगढ जंक्शन में आशीष सिनेमा के सामने स्थित पंजाब नेशनल बैंक के सर्किल कार्यालय के बाहर एकत्र होकर प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगों को उठाया. प्रदर्शन मेंं सभी राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी शामिल हुए. उन्होंने सरकार पर निजीकरण के तहत सार्वजनिक क्षेत्र को समाप्त करते हुए पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि सरकार बैंकों को कॉरपोरेट घरानों को बेचना चाहती है, जिससे वह लोगों की जमा पूंजी उद्योगों में इस्तेमाल करते हुए अधिक लाभ कमा सकें. यूएफओबीयू के दिनेश कौशिक ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने देश व आमजन के हित के लिए निजी क्षेत्र के बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था. परन्तु वर्तमान सरकार उसके विपरीत आमजन के हित को चोट पहुंचाते हुए बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण कर रही है.
बैंककर्मियों ने विरोध में सर्किल कार्यालय से रेलवे स्टेशन तक रैली भी निकाली. गौरतलब है कि शनिवार, रविवार को भी बैंक बंद थे. इस तरह सरकारी बैंकों का कामकाज लगातार चार दिन तक ठप रहेगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आईडीबीआई बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण का एलान किया था. जिसका बैंक कर्मचारी यूनियनों की ओर से लगातार विरोध किया जा रहा है. अब विरोध हड़ताल का रूप ले रहा है.