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हनुमानगढ़ में माकपा का गहलोत सरकार के खिलाफ प्रदर्शन...आंदोलन की चेतावनी

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Published : Jun 13, 2020, 8:02 PM IST

लॉकडाउन के चलते लोगों का बुरा हाल हो गया है, हालात ऐसे हैं कि उनके पास पैसे भी नहीं बचे है. ऊपर से सरकार की ओर से लोगों से बिजली बिल की वसूली की जा रही है और कहा जा रहा है कि बिल नहीं दिया तो बिजली काट दिया जाएगा. इसको लेकर शनिवार को हनुमानगढ़ जिले में माकपा की ओर से राजस्थान सरकार के प्रति आक्रोश जताते हुए बिजली बिल की प्रतियां जलाई गईं और 6 महीने के बिजली बिल को माफ करने की मांग की गई.

hanumangarh news, हनुमानगढ़ समाचार
बिजली बिल माफ करने को लेकर माकपा का प्रदर्शन

हनुमानगढ़. केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के चलते व्यापारिक प्रतिष्ठान और छोटी-बड़ी सारी दुकानें बंद रही. इसके साथ ही यातायात के सभी साधन भी बंद रहे, जिसे लेकर शनिवार को माकपा ने 6 महीने के बिजली बिल को माफ करने के साथ बढ़ी दरों को वापस लेने की मांग की. इसके साथ ही बिल की प्रतियां जलाकर राजस्थान सरकार के प्रति आक्रोश जताया.

बिजली बिल माफी को लेकर प्रदर्शन

माकपा जिला सचिव रघुवीर वर्मा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान सरकार हाल ही में हो रहे चुनावों पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन जब आमजन को राहत देने की बात आती है तो सूबे के मुख्यमंत्री हमेशा की तरह बजट का अभाव या खजाना खाली होने को लेकर जुमलेबाजी करते नजर आते हैं. साथ ही कहा कि उनका ये आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार उनकी मांग नहीं मान लेती.

पढ़ें- भीलवाड़ा में भाजपा पदाधिकारियों का प्रदर्शन, विधायक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का जताया विरोध

उनका कहना है कि सरकार की ओर से उस समय कहा गया था कि सरकार लोगों का आर्थिक मदद करेगी, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ. इस भयंकर गर्मी में बिजली का कनेक्शन कटने का डर एवं भय लोगों में व्याप्त है. इसे को देखते हुए आम जनता बड़ी मानसिक और आर्थिक त्रासदी के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रही है. बिल भरने के लिए लोग अपनी कीमती वस्तुएं तक बेच दे रहे है. वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ये राज्य सरकार के स्तर का मामला है, जैसे सरकार आदेश जारी करेगी, आम आदमी को जरूर राहत दी जाएगी.

गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते लोगों के पास खाने तक को पैसे नहीं है तो वे बिजली का बिल कहां से भरें. ऐसे में वे लोग खुद सामाजिक संगठनों के भरोसे बैठे हैं. ऊपर से राज्य सरकार के संवेदनहीनता के चलते विद्युत विभाग की ओर से बिजली बिल भेजना और यह कहना कि अगर बिजली के बिल नहीं भरे गए तो बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा. इससे लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है.

हनुमानगढ़. केंद्र सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन के चलते व्यापारिक प्रतिष्ठान और छोटी-बड़ी सारी दुकानें बंद रही. इसके साथ ही यातायात के सभी साधन भी बंद रहे, जिसे लेकर शनिवार को माकपा ने 6 महीने के बिजली बिल को माफ करने के साथ बढ़ी दरों को वापस लेने की मांग की. इसके साथ ही बिल की प्रतियां जलाकर राजस्थान सरकार के प्रति आक्रोश जताया.

बिजली बिल माफी को लेकर प्रदर्शन

माकपा जिला सचिव रघुवीर वर्मा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान सरकार हाल ही में हो रहे चुनावों पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन जब आमजन को राहत देने की बात आती है तो सूबे के मुख्यमंत्री हमेशा की तरह बजट का अभाव या खजाना खाली होने को लेकर जुमलेबाजी करते नजर आते हैं. साथ ही कहा कि उनका ये आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार उनकी मांग नहीं मान लेती.

पढ़ें- भीलवाड़ा में भाजपा पदाधिकारियों का प्रदर्शन, विधायक के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का जताया विरोध

उनका कहना है कि सरकार की ओर से उस समय कहा गया था कि सरकार लोगों का आर्थिक मदद करेगी, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ. इस भयंकर गर्मी में बिजली का कनेक्शन कटने का डर एवं भय लोगों में व्याप्त है. इसे को देखते हुए आम जनता बड़ी मानसिक और आर्थिक त्रासदी के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रही है. बिल भरने के लिए लोग अपनी कीमती वस्तुएं तक बेच दे रहे है. वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ये राज्य सरकार के स्तर का मामला है, जैसे सरकार आदेश जारी करेगी, आम आदमी को जरूर राहत दी जाएगी.

गौरतलब है कि लॉकडाउन के चलते लोगों के पास खाने तक को पैसे नहीं है तो वे बिजली का बिल कहां से भरें. ऐसे में वे लोग खुद सामाजिक संगठनों के भरोसे बैठे हैं. ऊपर से राज्य सरकार के संवेदनहीनता के चलते विद्युत विभाग की ओर से बिजली बिल भेजना और यह कहना कि अगर बिजली के बिल नहीं भरे गए तो बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा. इससे लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है.

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