हनुमानगढ़. शनिवार देर रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद कृषि उपज मंडी में अव्यवस्थाओं की पोल आखिर खुल गई. इस बार भी मंडी में बारिश का पानी भारी मात्रा में जम गया. करीब एक एक फुट तक पानी का जमा हुआ है, जिससे मंडी में रखी हुई सरसों और गेहूं की जींस खराब हो गई. इससे व्यापारियों में भारी आक्रोश देखने को मिला.
व्यापारियों का कहना है कि पूर्व में जो बारिश आई थी तब भी उनका काफी नुकसान हुआ था. इसके बावजूद प्रशासन ने सबक नहीं लिया. कृषि उपज मंडी शुल्क भी लेती है, लेकिन सुधार नहीं हुए. मंडी के अंदर व्यवस्थाएं न के बराबर है. पानी की निकासी भी नहीं हो रही है, जिसके चलते आए दिन फसलें खराब हो जाती है और मंडी सचिव को जब फोन किया जाता है तो उसकी ओर से फोन नहीं उठाया जाता है. ऐसे में व्यापारियों में रोष देखा गया.
करीब 3 घंटे की देरी से मौके पर उपखंड अधिकारी और नगर परिषद के आयुक्त पहुंचे जिन्होंने मंडी का जायजा लिया. उन्होंने भी स्वीकार किया कि कृषि उपज मंडी के अधिकारी फोन स्विच ऑफ करके आराम से सो रहे हैं. उपखंड अधिकारी कपिल यादव ने कहा कि ऐसे अधिकारियों के बारे में जिला कलेक्टर को अवगत करवाया जाएगा और कार्रवाई की जाएगी.
तेज बारिश से मकान की छत ढही
इधर कस्बे के वार्ड 8 में तेज बरसात के चलते एक कच्चे मकान की छत गिर गई. गनीमत रही की जान माल का नुकसान नहीं हुआ. छत गिरने की लोगों ने जो वजह बताई है वह है सरकारी सिस्टम की अनदेखी. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बीपीएल परिवार के लोगों ने मकान बनाने के लिए फाइलें नगर परिषद में जमा करवा रखी है लेकिन अभी तक उन्हें पैसा नहीं मिला है जिसके चलते वे अपने कच्चे मकान को पक्का बनाने में सक्षम नहीं है और नतीजा यह हुआ कि बरसात आते ही मकान की छत गिर गई.
लोगों का आरोप है कि उनकी प्रशासन सुनवाई नहीं कर रहा है. पीड़ित परिवार का आरोप है कि अभी तो मानसून से पहले की बरसात है और जब मानसून आएगा तब उनके क्या हालत होगी.