हनुमानगढ़. नागपुर के मैराथन धावक 31 वर्षीय अतुल लोगों को नशे की लत और आत्महत्या जैसे कदम उठाने से रोकने के लिए 'एक पहल होश के लिए' अभियान के तहत दौड़ते हुए हनुमानगढ़ पहुंचे. अंतर्राष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक अतुल चौकसे सुसाइड के बढ़ते मामले, अंधविश्वास एवं रूढ़ीवादी सोच को लेकर जनजागृति के उद्देश्य से रेगिस्तान में 1450 किलोमीटर की दौड़ लगा रहे हैं. अतुल अपने साथ 2 चक्के वाली ट्राॅली के साथ रोजमर्रा का करीब 150 किलोग्राम जरूरी सामान लेकर दौड़ रहे हैं.
अतुल चौकसे अपने लिए जिए तो क्या जिए, औरों के जीना ही जिंदगी है, इसी फलसफे पर चल रहे है. अतुल चौकसे ने आमजन में जनजागृति अभियान के तहत ये दौड़ कच्छ से 31 दिसम्बर को आरंभ की थी, जो कि गुजरात, राजस्थान और हरियाणा से होते हुए पंजाब के बठिंडा में जाकर समाप्त होगी. दौड़ समाप्त होने पर चौकसे कुल 1551 किलोमीटर की दौड़ लगा चुके होंगे.
शुक्रवार को हनुमानगढ़ पहुंचकर अतुल चौकसे ने ईटीवी भारत को अपने अभियान की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने अपनी यात्रा की काफी बातें भी सांझा की. चौकसे ने बताया कि ये एक विश्व रिकॉर्ड भी बन रहा है. दौड़ का मुख्य उद्देश्य उन लोगों में जागरूकता लाना है, जो जिंदगी में आने वाली मुसीबतों से हारकर आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठा लेते है या नशे में पड़ जाते हैं. उन्होंने बताया कि वो समाज में व्याप्त कुरीतियों को रोकने, युवाओं को सकारात्मक सोच रखने, परिस्थितियों का डटकर सामना करने, तनावमुक्त जीवन जीने और नशा नहीं करने का संदेश दे रहे हैं. वही ईटीवी भारत और शहर के लोगों ने अतुल चौकसे को शुभकामनाएं दीं.
बता दें कि अतुल ने अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में विश्व की सबसे कठिन अल्ट्रा मैराथन में हिस्सा लेकर देश का नाम रौशन किया है. सहारा रेगिस्तान में उन्होंने 257 किलोमीटर की दूरी तय की. इसके अलावा नागपुर से पचमढ़ी के बीच 333 किलोमीटर तक दौड़ने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है. उनके पास हिमालय में भी दौड़ने का अनुभव है. उन्होंने खारदुंग ला चैलेंज 72 किलोमीटर, लद्दाख मैराथन 42 किलोमीटर में हिस्सा लिया. एक दिन में 114 किलोमीटर दौड़ने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है. इसके पूर्व अतुल ने गुजरात के कच्छ में रेगिस्तान अल्ट्रा मैरॉथन के तहत 161 किलोमीटर की दौड़ लगा चुके हैं. वहीं, बेंगलुरु में उन्होंने 100 किलोमीटर का जंगल चैलेंज भी सफलतापूर्वक पूरा किया है. अब तक 71 राष्ट्रीय और 35 अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुए हैं. थार रेगिस्तान में उनकी दौड़ को विश्व रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए पंजीकृत किया गया है.अतुल को इंटरनेशनल अल्ट्रा रनर भी कहा जाता है.