हनुमानगढ़. जिला मुख्यालय में शराब व्यापारी आबकारी, प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे से खुलेआम शराब की बिक्री कर रहे हैं. जहां लॉकडाउन के तय समय सुबह 6 से 11 और पूर्व के नियमों को धत्ता बताते हुए रात 8 बजे के बाद धड़ल्ले से शराब बिक रही है, जबकि जिम्मेदार गहरी नींद में सो रहे हैं.
भले ही राज्य सरकार ने लॉकडाउन में शराब बिक्री का समय तय किया हुआ है, रात आठ बजे के बाद शराब ब्रिकी पर पाबंदी लगा दी हो, लेकिन इस पाबंदी के बाद भी शराब की बिक्री हो रही है. वहीं जिम्मेदार महकमे इस कारिस्तानी की तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं.
हनुमानगढ़ के शराब ठेका संचालक महज औपचारिक तौर पर 8 बजे ठेकों के शटर बंद कर देते हैं, लेकिन शटर के नीचे बनी चोर मोरी या दूसरे चोर खिड़की, दरवाजों से दिन-रात शराब का कारोबार जारी है. ईटीवी भारत की टीम ने शहर में शराब की दुकानों पर पड़ताल की तो सामने आया कि ठेका संचालक दिखावा करने के लिए शटर बंद कर देते हैं, लेकिन सेल्समैन वहीं रुक जाते हैं, फिर चोर खिड़की से मनमाने दामों से शराब की बिक्री करते हैं.
पूरे जिले में बिकती है तय समय के बाद शराब
जानकारी के अनुसार एक-आध ठेके को छोड़कर अन्य सभी देर रात तक खुले रहते है और वहां घड़ल्ले से शराब की बिक्री होती है. ऐसा भी नहीं है कि जिम्मेदार आबकारी और पुलिस को जानकारी नहीं हो. शहर में पुलिस की गश्त भी रहती हैं. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.
सबसे पहले ईटीवी भारत रात 10 बजे हनुमानगढ जक्शन के मुख्य बस स्टैंड पर पहुंचा, जहां शराब ठेकेदारों के सेल्समैन बेखौफ ठेके के पास बनी सीढ़ियों के बंद गेट में बने चोर गेट से खुलेआम शराब बेच रहे थे. बता दें कि ये वो जगह है, जहां हर समय पुलिस की गश्त रहती है और प्रशासनिक-पुलिस के छोटे से लेकर उच्चाधिकारियों की आवाजाही रहती है. बावजूद इसके किसी ने इस ओर ध्यान देने की आज तक जहमत नहीं उठाई.
इसके बाद दोपहर 12 बजे हनुमानगढ जंक्शन कलक्ट्रेट की तरफ जाने वाले शिव मंदिर सिनेमा मार्ग पर पहुंचे. जहां ठेके के शटर तो बंद थे, लेकिन सेल्समैन खुलेआम शराब बेच रहे थे. यहां एक सेल्समैन ठेके के अंदर तो दूसरा ठेके के बाहर बैठा मिला. एक कोड बोलता. (जैसे श्रीगंगानगर स्थित शुगर मिल की देसी शराब चाहिए) जिसके बाद वो बोलता (दो देसी श्रीगंगानगर). इतने में अंदर से दो शराब की बोटल मोरी में रख दी जाती है.
इसके बाद हनुमानगढ जक्शन के ही सुरेशिया इलाके में पुलिस चौकी के बिल्कुल पास में शराब की बिक्री हो रही है. खास बात ये कि जिन शराब ठेकों पर तय समय पश्चात अवैध रूप से शराब बिक्री हो रही थी. ये जिला मुख्यालय के वो इलाके है, जहां हर समय भीड़भाड़ और अधिकारियों की आवाजाही रहती है, लेकिन फिर भी अवैध खेल जारी है.
सरकारी नियम और राजस्थान आबकारी अधिनियम के कानून कायदे ठैकेदारों के लिए कोई मायने नहीं रखते है. बेखौफ नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए शराब ठेकेदार शराब की बिक्री कर रहे है, जब हमने इस गफलत के बारे में आबकारी अधिकारी चिमन लाल से बात करनी चाही, तो उनको यह सवाल नागवार लगा.
इस पूरे मामले में जब हमने जिला कलेक्टर से भी बात की, उन्होंने वीडियो देख सख्त कार्रवाई करने की बात कही.
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आजतक नहीं हुई नियमों की पालना
अवैध रूप से तय समय के बाद शराब बिक्री का खेल आज से नहीं चल रहा है. या यूं कहे कि जब से 8 बजे के बाद सरकार ने बिक्री पर रोक लगाई है, तब से ही नियमानुसार कभी शराब ठेके बन्द ही नहीं हुए है. मीडिया में भी आए दिन खबरें आती रहती है. सबंधित अधिकारियों के संज्ञान में भी ये मामले आते रहते है, लेकिन इक्का-दुक्का कार्रवाई कर अधिकारी अपनी ड्यूटी की इतिश्री कर लेते है.