हनुमानगढ़. इसे विडंबना ही कहेंगे कि जहां सरकारी एक और शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सैंकड़ों योजनाएं चला रही है. लेकिन धरातल पर इनकी स्थिति सही नहीं है क्योंकि सरकार द्वारा निजी शिक्षण संस्थाओं को जो पुनर्भरण की राशि दी जाती है. वह पिछले 1 साल से नहीं दी जा रही है इसके चलते निजी स्कूल संचालक अब अपने स्कूलों को बंद करने की सोच रहे हैं. उनका कहना है कि जो राशि उन्हें मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल रही है. जिसके चलते अध्यापकों की सैलरी भी नहीं दी जा रही है और जो बच्चों के लिए व्यवस्थाएं स्कूलों में की जानी है.
वह भी नहीं हो पा रही है क्योंकि पिछले 1 साल से उन्हें यह राशि नहीं मिल रही है कई बार ज्ञापन के माध्यम से सरकार को अवगत करवाया जा चुका है. मगर सरकार इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रही है बजट के अभाव में उन्हें महज आश्वासन दिया जाता है लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि 14 अगस्त से वे उग्र आंदोलन करेंगे. वहीं इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इनकी मांग सरकार तक भिजवा आएंगे और जितना जल्दी हो सके गा इनकी जो मांगे हैं उनको पूरा करवाएंगे.
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हालांकि पूर्व में भी निजी शिक्षण संस्थाओं द्वारा कई बार सरकार को ज्ञापन दिए जा चुके हैं मगर इनकी सुनवाई नहीं हो रही है अब देखना होगा कि जिस तरह से उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है स्कूल बंद करने की चेतावनी दी है उसके बाद सरकार पर कोई असर होता है या नहीं.