हनुमानगढ़. जिला जेल में 4 दिन पहले कैदियों के साथ हुई मारपीट का विवाद अभी थमा ही नहीं था कि जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए लाई गई महिला और पुरुष बंदियों ने जेल अधिकारियों के कहर से बचाने के लिए मीडिया के सामने गुहार लगाई है. साथ ही जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि जेल प्रशासन ने उन्हें जानवरों की तरह मारा है.
साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ बंदियों की तो इसलिए पिटाई कर दी कि उन्होंने पानी मांग लिया. पानी की व्यवस्था करने की बजाय उनके साथ मारपीट की गई है. वहीं बीती रात खाने को लेकर जेल प्रशासन ने उनके साथ मारपीट की. 3 महिलाओं को पकड़ कर मुंह में कपड़ा डाल दिया. महिला बंदियों ने बताया कि हम 3 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे थे. जेल प्रशासन हमें जबरदस्ती खाना खिलाना चाहता था, लेकिन हमने खाना खाने से मना कर दिया. वहीं महिला बंदी ने कहा कि जेल प्रशासन हमें धमकी दे रहा है कि हम मुलाकात नहीं करवाएंगे.
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जिला अस्पताल में कुछ बंदियों ने आरोप लगाए कि उन्हें जेल अधिकारियों ने अस्पताल में लाने से पहले धमकी दी थी कि मीडिया को कुछ बताया तो इससे भी बुरा हाल होगा. उनका कहना है कि हम 40 कैदी 4 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे हैं. हम तब तक खाना नहीं खाएंगे, जब तक हमारे साथ मारपीट करने वाले जेल प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती.
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गौरतलब है कि पूर्व में जिला जेल में कई बार मोबाइल, रिवॉल्वर, कारतूस भी मिले हैं, लेकिन उन मामलों में अभी तक मात्र खानापूर्ति हुई है. अतिरिक्त जिला कलेक्टर अशोक असीजा ने पिछले दिनों बताया था कि जिला जेल में पहले नशा बिकता था. अब नशा बंद हुआ तो उसकी टीस कैदियों में भी है, जिसकी वजह से यह झगड़ा हुआ है. लेकिन अब महिला बंदियों के आरोपों से एडीएम महोदय की जांच भी संदेह के घेरे में आ गई. वहीं जेल प्रशासन के अधिकारी इस मामले बात करने से बच रहे हैं.