हनुमानगढ़. पानी की किल्लत बताते हुए भाखड़ा प्रणाली की नहरों को गोल बारी के अनुसार चलाने व फसलों के पकाव के समय नहर बंदी लेने के सरकार व विभाग के निर्णय के खिलाफ आक्रोश स्वरूप किसान सड़कों पर उतर आए हैं. जिसके चलते बुधवार को सैकड़ों किसानों ने हनुमानगढ़ जल संसाधन विभाग पर धरना प्रदर्शन किया.
गोल बारी लागू करने का निर्णय भाखड़ा सिंचाई प्रणाली रेगुलेशन की सब कमेटी बैठक में प्रशासनिक, विभागीय अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की माजूदगी में लिया गया, लेकिन बैठक में माजूद संगरिया विधायक गुरदीप सिंह शाहपीनी व नहर अध्यक्षों ने विभाग के इस निर्णय का जमकर विरोध किया और इंदिरा गांधी नहर परियोजना की आरडी 433 पर डैमेज हुई लाइनिंग दुरुस्ती करने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई.
उन्होंने कहा कि पंजाब के अधिकारियों से संपर्क कर जल्दी से जल्दी लाइनिंग सही करवाई जाए, ताकि किसानों को आवश्यकता अनुसार पानी मिल सके. क्योंकि फलों और फसलों का ये पीक टाइम है. ऐसे में ये निर्णय बागवानी व गेहूं की फसल को बर्बाद कर देगा और जिन किसानों ने फलों के बाग व खेती ठेके पर ली हुई है, उन पर दोहरी मार पड़ेगी. उनकी मांग है कि सरकार इन दोनों निर्णयों को वापस ले, वरना उग्र आंदोलन देखने को मिलेगा.
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जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लाइनिंग दुरुस्त करने का कार्य चल रहा है. वर्तमान में भाखड़ा को करीब 550 क्यूसेक पानी मिल रहा है. ऐसे में गोल बारी के अनुसार ही नहरों को चलाया जाएगा, ताकि जो वितरिका खुले उसमें तय मात्रा के अनुसार ही पानी चल सके.
इधर भाजपा जिलाध्यक्ष बलवीर बिश्नोई ने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण पंजाब में आईजीएनपी की रि-लाइनिंग का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने पंजाब क्षेत्र में आईजीएनपी की रि-लाइनिंग के लिए 2 हजार करोड़ का बजट स्वीकृत किया था. अब फसलें पकाव पर हैं और लाइनिंग डैमेज होने के कारण शेयर के अनुसार पानी नहीं मिल रहा.