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सरकार से बेहतर सेवादारों की सेवा, राधा स्वामी डेरों में हो रहा वैक्सीनेश कार्य...ईटीवी भारत ने किया Realty Check - Service to sevadars

प्रदेश में वैक्सीनेशन के लिए सेंटरों पर कतार लग रही है. सरकार और प्रशासन की ओर से शिविर लगाकर वैक्सीन लगाई जा रही है. सुबह से लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखते हैं और घंटों बाद जाकर नंबर आता है. वहीं राधा स्वामी डेरों में लगाए गए शिविर में सेवादारों की सेवा टीका लगवाने आने वालों को सुखद अनुभव करा रहे हैं. ईटीवी भारत ने हनुमानगढ़ जंक्शन-टाउन के बाईपास स्थित राधा स्वामी डेरे पर जाकर रियल्टी चेक किया और टीकाकरण करवाने आने वाले लोगों व डेरे के सेवादारों व सचिव से खास बातचीत भी की.

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ईटीवी भारत का रियेल्टी चेक
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Published : May 25, 2021, 11:15 AM IST

हनुमानगढ़. प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्य तेजी से चल रहा है. ऐसे में सरकार और प्रशासन की ओर से अस्पतालों में शिविर लगाकर वैक्सीनेशन कराया जा रहा है. लेकिन सरकारी इंतजाम ऐसे रहते हैं कि स्लाट मिलने पर वैक्सीनेशन के लिए जाने वाले व्यक्ति को घंटों लाइन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में राधास्वामी डेरों में वैक्सीनेशन करवाने आए लोग सेवादारों की सेवा और व्यवस्थाओं से मुरीद हो जा रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ कई जगह सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर अव्यवस्थाओं के चलते लोग परेशान नजर आते हैं.

ईटीवी भारत का रियेल्टी चेक

पढ़ें: Special: गैस शवदाह गृह नहीं लकड़ी से अंतिम संस्कार की प्राथमिकता

यूं शुरु होता है डेरों में वैक्सिनेशन कार्य

राधास्वामी डेरों में बनाई गई वैक्सीनेशन साइट पर सेवादारों का जज्बा देखने लायक है. डेरों में ऐसी व्यवस्था की जाती है कि हर कोई यही चाहेगा उनका टीकाकरण इन्हीं डेरों में हो. जिस दिन यहां टीकाकरण होता है करीब 55 सेवादार सुबह साढ़े चार बजे से सेंटर्स की सफाई और अन्य व्यवस्था करने में जुट जाते हैं. सुबह 7 बजे सेंटर वैक्सीनेशन के लिए बिल्कुल तैयार कर दिया जाता है और साढ़े 8 बजे टीकाकरण शुरू हो जाता है. डेरे में टीकाकरण करवाने कोई पहुंचता है तो पहले बाहर खड़े सेवादार उन्हें ससम्मान अंदर भेजते हैं, फिर उनके वाहन पार्क करवाये जाते हैं.

वैक्सीनेशन से पहले देते हैं नाश्ता

किसी के खाली पेट वैक्सीन नहीं लगे इसके लिए अगर कोई घर से नाश्ता नहीं करके आता है तो सबसे पहले उन्हें चाय-बिस्किट-चावल इत्यादि का नाश्ता करवाया जाता है. इसके बाद हैंड सेनिटाइज कर फिर उनका तापमान जांचा जाता है. उसके बाद उन्हें सेवादार सीधा टोकन देने वाली हेल्प डेस्क पर ले जाते हैं. फिर उन्हें टोकन दिए जाते हैं. टोकन देकर एक छायादार शेड के नीचे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कुर्सियों पर बिठा दिया जाता है. वैक्सीनेशन के लिए नंबर आते ही संबंधित को वैक्सीन लगाने भेजा जाता है. इसके बाद जैसे ही टीका लगाने के बाद वापस आते हैं आराम करने के दौरान कुर्सी पर ही दूध और केला भी दिया जाता है.

पढ़ें: SPECIAL : कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर प्रोटोकॉल के साथ परिजनों को सौंपा जाता है शव...जानिये पूरी प्रक्रिया

सुविधा के लिए हेल्प डेस्क

कुर्सी खाली होते ही सेनिटाइज की जाती है और संबंधित को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देने की भी व्यवस्था भी है. इसके वहां 6 कंप्यूटर और प्रिंटर लगाए गए हैं. टीकाकरण करवाने आए लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न आए, इसके लिए जगह-जगह हेल्प डेस्क बनाए गए हैं और पूरे डेरे में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सेवादार ड्यूटी पर मुस्तेद रहते हैं. खाने से लेकर बिठाने तक आमजन के लिए सब व्यवस्था निःशुल्क है.

सेवादार के घर बनता है नाश्ता व भोजन

इतना ही नहीं, वहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों के लिये नाश्ते व भोजन की व्यवस्था तो डेरा कर ही रहा है साथ ही राधास्वामी सत्संग व्यास के ही सेवादार पिछले पंद्रह दिनों से जिला मुख्यालय की करणी धर्मशाला, बिश्नोई धर्मशाला, माहेश्वरी और अग्रेसन धर्मशाला में ठहरे हुए डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ के कुल 96 कार्मिकों के नाश्ता, लंच और डिनर की व्यवस्था भी करवा रहा है. इन डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ को जिले भर की विभिन्न तहसीलों से जिला अस्पताल में लगाया गया है. खास बात ये है कि खाने बनाने के लिए कोई कॉमन किचन सत्संग स्थल पर नहीं है, बल्कि किसी एक सेवादार के घर से ही ये सारा खाना बनकर आता है.

पढ़ें: SPECIAL : कालाबाजारी से आहत युवक ने जुगाड़ कर बना दिया ऑक्सीजन सिलेंडर का रेगुलेटर, लागत आई 100 रुपए

सत्संगी वहन करते हैं खर्च

नाश्ता बनाने के लिए टीम सुबह साढे़ चार बजे किसी एक सेवादार के घर खाना बनाना शुरू कर दिया जाता है. सुबह 7 बजे 96 चिकित्साकर्मियों के लिए खाना बनकर तैयार हो जाता है. लंच में एक सब्जी, रायता, 4 चपाती, सलाद और स्वीट डिश में सूजी का हलवा, मीठी सेवइयां, मीठा दलिया या खीर दिया जाता है. वहीं डिनर में दाल, चपाती, चटनी, नींबू और गुड़ दिया जाता है. खास बात ये है कि खाने को लैमिनेट कर उस पर पैकिंग की तारीख और समय भी अंकित किया जाता है. इन सब व्यवस्थाओं पर होने वाला सारा खर्च स्थानीय डेरा सत्संगियों की ओर से वहन किया जा रहा है.

कलेक्टर बोले, ऐसी व्यवस्था कहीं नहीं

इस दौरान बताया गया कि समय-समय पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी इन डेरों की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचते रहते हैं. ऐसे ही हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित डेरे का निरीक्षण करने पहुंचे जिला कलेक्टर नथमल डिडेल और जंक्शन थाना प्रभारी नरेश गेरा और दोनों अधिकारी डेरे की व्यवस्थाओं व सेवादारों के सेवा भाव के जज्बे को देखकर चकित रह गए. उन्होंने खुले मन से तारीफ की और कहा कि राधास्वामी सत्संग व्यास स्थल पर सेवादारों की ओर से वैक्सीनेशन के लिए आए व्यक्ति के परिसर में एंट्री से लेकर वैक्सीन लगने के बाद 30 मिनट ऑब्जर्वेशन तक ऐसी व्यवस्था अभी तक कहीं नहीं दिखी. जिला कलेक्टर ने जिले के सभी डेरों को वैक्सिनेशन सेंटर बनाने की बात भी कही है.

पढ़ें: SPECIAL : जयपुर में 24 घंटे काम कर रहे हैं कोविड डेडिकेटेड कंट्रोल रूम...बेड, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर से लेकर तमाम जानकारियों के लिए संपर्क करें

जिले मे डेरों की संख्या व अब तक कहां, कितने कैम्प लगे

सेवादार नवीन मीढ़ा बताते हैं कि वैक्सीन सेंटर बनाने के लिए डेरा कमेटियों की तरफ से ही प्रशासन को प्रस्ताव दिया गया था. जिले भर में कुल 44 राधास्वामी सत्संग व्यास स्थल हैं. जिनमें से जंक्शन के सतीपुरा और टाउन के स्थल पर 5-5 हजार लोगों के बैठने की कैपेसिटी है, लेकिन कोरोना के चलते डिस्टेंस से बिठाने पर अभी हम करीब 400 लोगों को एक साथ बिठा रहे हैं. जरूरत पड़ने पर 300 कुर्सियां और लगवाई जा सकती हैं.

लिहाजा यहां एक सेंटर पर करीब 1 हजार लोगों को डिस्टेंस के साथ बिठाया जा सकता है. हनुमानगढ़ जंक्शन के डेरे में अब तक 6 वैक्सिनेशन शिविर लग चुके हैं और टाउन के डेरे में 8 शिविर लगे हैं जिसमे वैक्सिनेशन उपलब्धता के हिसाब से अब तक हजारों लोगों के वैक्सीन लग चुकी है. साथ ही हरा भरा वातावरण होने से टोकन के लिए इंतजार करने वालो को भी गर्मी में परेशान नहीं होना पड़ता है. पहली लहर में टाउन स्थिति राधा स्वामी डेरे को क्वारंटीन सेंटर भी बनाया गया था.

कोरोना वैश्विक महामारी में जहां कुछ लालची लोग जरूरतमंदों का नाजायज फायदा उठाकर कालाबाजारी करते हुए तय दरों से अधिक पर सामान बेच रहे हैं, वहीं डेरे के सेवादारों की ओर से जरूरतमंदों, स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के लिए इन विपरीत परिस्थियों में उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे हैं.

हनुमानगढ़. प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्य तेजी से चल रहा है. ऐसे में सरकार और प्रशासन की ओर से अस्पतालों में शिविर लगाकर वैक्सीनेशन कराया जा रहा है. लेकिन सरकारी इंतजाम ऐसे रहते हैं कि स्लाट मिलने पर वैक्सीनेशन के लिए जाने वाले व्यक्ति को घंटों लाइन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में राधास्वामी डेरों में वैक्सीनेशन करवाने आए लोग सेवादारों की सेवा और व्यवस्थाओं से मुरीद हो जा रहे हैं. जबकि दूसरी तरफ कई जगह सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर अव्यवस्थाओं के चलते लोग परेशान नजर आते हैं.

ईटीवी भारत का रियेल्टी चेक

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यूं शुरु होता है डेरों में वैक्सिनेशन कार्य

राधास्वामी डेरों में बनाई गई वैक्सीनेशन साइट पर सेवादारों का जज्बा देखने लायक है. डेरों में ऐसी व्यवस्था की जाती है कि हर कोई यही चाहेगा उनका टीकाकरण इन्हीं डेरों में हो. जिस दिन यहां टीकाकरण होता है करीब 55 सेवादार सुबह साढ़े चार बजे से सेंटर्स की सफाई और अन्य व्यवस्था करने में जुट जाते हैं. सुबह 7 बजे सेंटर वैक्सीनेशन के लिए बिल्कुल तैयार कर दिया जाता है और साढ़े 8 बजे टीकाकरण शुरू हो जाता है. डेरे में टीकाकरण करवाने कोई पहुंचता है तो पहले बाहर खड़े सेवादार उन्हें ससम्मान अंदर भेजते हैं, फिर उनके वाहन पार्क करवाये जाते हैं.

वैक्सीनेशन से पहले देते हैं नाश्ता

किसी के खाली पेट वैक्सीन नहीं लगे इसके लिए अगर कोई घर से नाश्ता नहीं करके आता है तो सबसे पहले उन्हें चाय-बिस्किट-चावल इत्यादि का नाश्ता करवाया जाता है. इसके बाद हैंड सेनिटाइज कर फिर उनका तापमान जांचा जाता है. उसके बाद उन्हें सेवादार सीधा टोकन देने वाली हेल्प डेस्क पर ले जाते हैं. फिर उन्हें टोकन दिए जाते हैं. टोकन देकर एक छायादार शेड के नीचे सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कुर्सियों पर बिठा दिया जाता है. वैक्सीनेशन के लिए नंबर आते ही संबंधित को वैक्सीन लगाने भेजा जाता है. इसके बाद जैसे ही टीका लगाने के बाद वापस आते हैं आराम करने के दौरान कुर्सी पर ही दूध और केला भी दिया जाता है.

पढ़ें: SPECIAL : कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर प्रोटोकॉल के साथ परिजनों को सौंपा जाता है शव...जानिये पूरी प्रक्रिया

सुविधा के लिए हेल्प डेस्क

कुर्सी खाली होते ही सेनिटाइज की जाती है और संबंधित को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देने की भी व्यवस्था भी है. इसके वहां 6 कंप्यूटर और प्रिंटर लगाए गए हैं. टीकाकरण करवाने आए लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न आए, इसके लिए जगह-जगह हेल्प डेस्क बनाए गए हैं और पूरे डेरे में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सेवादार ड्यूटी पर मुस्तेद रहते हैं. खाने से लेकर बिठाने तक आमजन के लिए सब व्यवस्था निःशुल्क है.

सेवादार के घर बनता है नाश्ता व भोजन

इतना ही नहीं, वहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों के लिये नाश्ते व भोजन की व्यवस्था तो डेरा कर ही रहा है साथ ही राधास्वामी सत्संग व्यास के ही सेवादार पिछले पंद्रह दिनों से जिला मुख्यालय की करणी धर्मशाला, बिश्नोई धर्मशाला, माहेश्वरी और अग्रेसन धर्मशाला में ठहरे हुए डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ के कुल 96 कार्मिकों के नाश्ता, लंच और डिनर की व्यवस्था भी करवा रहा है. इन डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ को जिले भर की विभिन्न तहसीलों से जिला अस्पताल में लगाया गया है. खास बात ये है कि खाने बनाने के लिए कोई कॉमन किचन सत्संग स्थल पर नहीं है, बल्कि किसी एक सेवादार के घर से ही ये सारा खाना बनकर आता है.

पढ़ें: SPECIAL : कालाबाजारी से आहत युवक ने जुगाड़ कर बना दिया ऑक्सीजन सिलेंडर का रेगुलेटर, लागत आई 100 रुपए

सत्संगी वहन करते हैं खर्च

नाश्ता बनाने के लिए टीम सुबह साढे़ चार बजे किसी एक सेवादार के घर खाना बनाना शुरू कर दिया जाता है. सुबह 7 बजे 96 चिकित्साकर्मियों के लिए खाना बनकर तैयार हो जाता है. लंच में एक सब्जी, रायता, 4 चपाती, सलाद और स्वीट डिश में सूजी का हलवा, मीठी सेवइयां, मीठा दलिया या खीर दिया जाता है. वहीं डिनर में दाल, चपाती, चटनी, नींबू और गुड़ दिया जाता है. खास बात ये है कि खाने को लैमिनेट कर उस पर पैकिंग की तारीख और समय भी अंकित किया जाता है. इन सब व्यवस्थाओं पर होने वाला सारा खर्च स्थानीय डेरा सत्संगियों की ओर से वहन किया जा रहा है.

कलेक्टर बोले, ऐसी व्यवस्था कहीं नहीं

इस दौरान बताया गया कि समय-समय पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी इन डेरों की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचते रहते हैं. ऐसे ही हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित डेरे का निरीक्षण करने पहुंचे जिला कलेक्टर नथमल डिडेल और जंक्शन थाना प्रभारी नरेश गेरा और दोनों अधिकारी डेरे की व्यवस्थाओं व सेवादारों के सेवा भाव के जज्बे को देखकर चकित रह गए. उन्होंने खुले मन से तारीफ की और कहा कि राधास्वामी सत्संग व्यास स्थल पर सेवादारों की ओर से वैक्सीनेशन के लिए आए व्यक्ति के परिसर में एंट्री से लेकर वैक्सीन लगने के बाद 30 मिनट ऑब्जर्वेशन तक ऐसी व्यवस्था अभी तक कहीं नहीं दिखी. जिला कलेक्टर ने जिले के सभी डेरों को वैक्सिनेशन सेंटर बनाने की बात भी कही है.

पढ़ें: SPECIAL : जयपुर में 24 घंटे काम कर रहे हैं कोविड डेडिकेटेड कंट्रोल रूम...बेड, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर से लेकर तमाम जानकारियों के लिए संपर्क करें

जिले मे डेरों की संख्या व अब तक कहां, कितने कैम्प लगे

सेवादार नवीन मीढ़ा बताते हैं कि वैक्सीन सेंटर बनाने के लिए डेरा कमेटियों की तरफ से ही प्रशासन को प्रस्ताव दिया गया था. जिले भर में कुल 44 राधास्वामी सत्संग व्यास स्थल हैं. जिनमें से जंक्शन के सतीपुरा और टाउन के स्थल पर 5-5 हजार लोगों के बैठने की कैपेसिटी है, लेकिन कोरोना के चलते डिस्टेंस से बिठाने पर अभी हम करीब 400 लोगों को एक साथ बिठा रहे हैं. जरूरत पड़ने पर 300 कुर्सियां और लगवाई जा सकती हैं.

लिहाजा यहां एक सेंटर पर करीब 1 हजार लोगों को डिस्टेंस के साथ बिठाया जा सकता है. हनुमानगढ़ जंक्शन के डेरे में अब तक 6 वैक्सिनेशन शिविर लग चुके हैं और टाउन के डेरे में 8 शिविर लगे हैं जिसमे वैक्सिनेशन उपलब्धता के हिसाब से अब तक हजारों लोगों के वैक्सीन लग चुकी है. साथ ही हरा भरा वातावरण होने से टोकन के लिए इंतजार करने वालो को भी गर्मी में परेशान नहीं होना पड़ता है. पहली लहर में टाउन स्थिति राधा स्वामी डेरे को क्वारंटीन सेंटर भी बनाया गया था.

कोरोना वैश्विक महामारी में जहां कुछ लालची लोग जरूरतमंदों का नाजायज फायदा उठाकर कालाबाजारी करते हुए तय दरों से अधिक पर सामान बेच रहे हैं, वहीं डेरे के सेवादारों की ओर से जरूरतमंदों, स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन के लिए इन विपरीत परिस्थियों में उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे हैं.

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