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हनुमानगढ़ : राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ माकपा का बड़ा प्रदर्शन - protest in hanumangarh

हनुमानगढ़ में माकपा ने राज्य और केंद्र सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ महा प्रदर्शन किया. साथ ही तहसीलदार को माकपा नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम अपना मांग पत्र सौंपा.

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माकपा का महा प्रदर्शन
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Published : Jun 16, 2020, 7:21 PM IST

हनुमानगढ़. एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना वैश्विक महामारी से जूझ रहा है और लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए जरूरी कामों से ही बाहर जा रहे है. वहीं हनुमानगढ़ में मजदूर वर्ग अपनी जान और भीषण गर्मी की परवाह किए बगैर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरने को मजबूर है. इसी कड़ी में हनुमानगढ़ में माकपा ने राज्य और केंद्र सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ महा प्रदर्शन किया.

माकपा ने राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र सौंपा

कम्युनिस्ट पार्टी हनुमानगढ़ के हजारों कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जंक्शन के लाल चौक कलेक्ट्रेट की तरफ पहुंचे. इतनी बड़ी संख्या में भीड़ देख कर पुलिस और प्रशासन परेशान हो गए. पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में रोक कर समझाइश की. साथ ही मौके पर पहुंचे तहसीलदार को माकपा नेताओं ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम अपना मांग पत्र सौंपा.

पढ़ेंः PM की VC से पहले मुख्यमंत्री ने मंत्रियों के साथ की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, प्रदेश में कोरोना हालातों की समीक्षा

प्रदर्शनकारियों की मांगें...

  • शहर में मनरेगा शुरू करते हुए 200 दिन का कार्य दिया जाए
  • सरकारी गोदामों में जो अनाज पड़ा-पड़ा सड़ रहा है, उसको हर व्यक्ति में 10-10 किलो वितरित किया जाए
  • केंद्रीय मंत्री मंडल द्वारा पारित कृषि अध्यादेश, मजदूर विरोधी श्रम कानूनों में संशोधन, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 और कृषि उत्पादन व्यापार के बनाए नए नियमों को वापिस लिया जाए
  • साथ ही डीजल-पेट्रोल और विद्युत दरों में बढ़ोतरी को वापिस लेते हुए 8 माह के बिजली बिल माफ किया जाए

वहीं, जब जंक्शन थानाधिकारी और नायब तहसीलदार से सोशल डिस्टेंसिंग और धारा 144 का उल्लंघन बाबत सवाल किया गया तो उनका जवाब था कि प्रदर्शकारियों से लॉकडाउन नियमों की समझाइश कर इनसे मांग पत्र ले लिया गया है. साथ ही इनको कलक्ट्रेट पहुंचने से रोकते हुए बीच रस्ते से ही वापस भेज दिया गया है.

पढ़ेंः मंत्री रमेश मीणा से कांग्रेस आलाकमान की बातचीत तेज, शाम तक आ सकती है 'बड़ी खबर'

आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है की कोरोना के चलते देश-दुनिया में व्यापरिक गतिविधियां ठप्प हो चुकी है. हालांकि 4 माह से बंद हुए प्रतिष्ठान और अन्य कार्य पटरी पर आने में काफी समय लग सकता है. अब देखने वाली बात होगी कि सरकारों से राहत की आस लगाए बैठे लोगों को सरकार किस हद तक राहत देती है.

हनुमानगढ़. एक तरफ जहां पूरा देश कोरोना वैश्विक महामारी से जूझ रहा है और लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए जरूरी कामों से ही बाहर जा रहे है. वहीं हनुमानगढ़ में मजदूर वर्ग अपनी जान और भीषण गर्मी की परवाह किए बगैर अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरने को मजबूर है. इसी कड़ी में हनुमानगढ़ में माकपा ने राज्य और केंद्र सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ महा प्रदर्शन किया.

माकपा ने राष्ट्रपति के नाम मांग पत्र सौंपा

कम्युनिस्ट पार्टी हनुमानगढ़ के हजारों कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जंक्शन के लाल चौक कलेक्ट्रेट की तरफ पहुंचे. इतनी बड़ी संख्या में भीड़ देख कर पुलिस और प्रशासन परेशान हो गए. पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में रोक कर समझाइश की. साथ ही मौके पर पहुंचे तहसीलदार को माकपा नेताओं ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम अपना मांग पत्र सौंपा.

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प्रदर्शनकारियों की मांगें...

  • शहर में मनरेगा शुरू करते हुए 200 दिन का कार्य दिया जाए
  • सरकारी गोदामों में जो अनाज पड़ा-पड़ा सड़ रहा है, उसको हर व्यक्ति में 10-10 किलो वितरित किया जाए
  • केंद्रीय मंत्री मंडल द्वारा पारित कृषि अध्यादेश, मजदूर विरोधी श्रम कानूनों में संशोधन, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 और कृषि उत्पादन व्यापार के बनाए नए नियमों को वापिस लिया जाए
  • साथ ही डीजल-पेट्रोल और विद्युत दरों में बढ़ोतरी को वापिस लेते हुए 8 माह के बिजली बिल माफ किया जाए

वहीं, जब जंक्शन थानाधिकारी और नायब तहसीलदार से सोशल डिस्टेंसिंग और धारा 144 का उल्लंघन बाबत सवाल किया गया तो उनका जवाब था कि प्रदर्शकारियों से लॉकडाउन नियमों की समझाइश कर इनसे मांग पत्र ले लिया गया है. साथ ही इनको कलक्ट्रेट पहुंचने से रोकते हुए बीच रस्ते से ही वापस भेज दिया गया है.

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आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है की कोरोना के चलते देश-दुनिया में व्यापरिक गतिविधियां ठप्प हो चुकी है. हालांकि 4 माह से बंद हुए प्रतिष्ठान और अन्य कार्य पटरी पर आने में काफी समय लग सकता है. अब देखने वाली बात होगी कि सरकारों से राहत की आस लगाए बैठे लोगों को सरकार किस हद तक राहत देती है.

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