हनुमानगढ़. जिले की मुख्य नहरों का पानी पड़ोसी राज्य पंजाब से आता है. यहां सिंचाई से लेकर पीने तक का पानी देश की सबसे बड़ी इंदिरा गांधी नहर परियोजना से मिलता है. या यूं कहें कि हनुमानगढ़ जिले के लोग इसी नहर के पानी पर आश्रित हैं. लेकिन पंजाब सरकार की उदासीनता के चलते नहरों का भविष्य खतरे में है. हमने पिछले एपिसोड में गंग नहर में पंजाब से आ रहे 'काले पाने' से (आजादी 'काले पानी' से : पंजाब से बहकर आता 'काला जहर'...) अवगत कराया था. अब इस स्पेशल स्टोरी में आप देखिए कैसे हनुमानगढ़ जिले में भी पंजाब से केमिकल युक्त पानी लोगों की जिंदगी में जहर घोल रहा है.
हनुमानगढ़ जिले में इंदिरा गांधी नहर की शुरूआत आजादी के बाद 1958 में हुई थी. तब ये जिला श्रीगंगानगर का ही हिस्सा हुआ करता था. बाद में इस नहर का नाम 1984 में इंदिरा गांधी नगर रख दिया गया. ये नहर राजस्थान में 470 किलोमीटर तक फैली है, जो पंजाब के हरिके डैम से शुरू होकर हरियाणा से होते हुए हनुमानगढ़ में प्रवेश करती है. इसकी वितरिकाएं 5606 किलोमीटर तक फैली हैं. इस नहर के आ जाने से मरूस्थलीय क्षेत्र में चमत्कारिक बदलाव आए थे. सिंचाई की जरूरतों के साथ-साथ इस नहर ने का पानी का उपयोग पीने के लिए भी किया जाने लगा.
हनुमानगढ़ जिले में कुल 7 उपखंड क्षेत्र हैं जिसकी करीब 25 लाख आबादी को पीने के पानी की सप्लाई इस नहर के माध्यम से ही होती है. लेकिन लंबे समय से पंजाब के लुधियाणा और जालंधर शहर में स्थापित फैक्ट्रियों और कारखानों का अपशिष्ट रसायन सीधे उन नदियों मे छोड़ा जा रहा है जिनका सीधा वास्ता राजस्थान में आने वाली नहरों से है. वहीं पानी नहरों के माध्यम से हरियाणा से होता हुआ राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में प्रवेश करता है. इस जहरीले पानी से हनुमानगढ़ के किसानों में भयावह स्थिति बनी हुई है. पानी से किसानों की फसलें तों खराब हो रही है, साथ ही इस पानी का उपयोग करने वाले लोग भी कई तरह की गंभीर बीमारियों की घिर चुके हैं. लोगों का कहना है कि केमिकल से नहर का सारा पानी काला हो चुका है जो कि पीने के लिए तो दूर सिंचाई के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है.
इस पानी से हनुमानगढ़ के आसपास के लोगों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो चुकी हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मानें तो नहरों के आसपास के इलाकों में कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी काफी फैली है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता कि ये बीमारी इस पानी की वजह से ही फैली है क्योंकि इस पर स्टडी करना अभी बाकी है. लेकिन इतना जरूर है कि जो आंकड़े सामने आए हैं वो चौंकाने वाले हैं. कैंसर काफी हद तक इस इलाके में फैल चुका है. आंकड़ों की बात करें तो हनुमानगढ़ के महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय में जून माह तक करीब 3000 कैंसर रोगी रजिस्टर्ड हो चुके हैं.
पीएमओ एमपी शर्मा के अनुसार पानी में जो लेड है या अन्य दूसरे रसायन हैं वह कैंसर के ही मुख्य कारक हैं. जिले में कैंसर के रोगी बढ़ रहे हैं. इसका कारण पंजाब से आ रहा काला पानी होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. वहीं जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन के अनुसार ये एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. जिस पर एनजीटी भी निर्णय ले रही है. उनका कहना है कि इस मुद्दे को राज्य सरकार के ध्यान में लाया जाएगा. वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो आमजन में जागरूकता की कमी के साथ-साथ सरकारें भी इसमें दोषी हैं. अगर समय रहते इसके प्रयास नहीं किए तो भयंकर परिणाम भुगतने होंगे.