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आजादी 'काले पानी' से : हनुमानगढ़ भी झेलता पंजाब के दंश को...

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Published : Jul 29, 2019, 11:04 AM IST

आजादी के 70 बरस बीत जाने के बाद भी लोग पीने के साफ पानी को तरस रहे हैं...पंजाब की जिन नदियों को स्वच्छ और निर्मल माना जाता था उनमें फैक्ट्रियों का कैमिकल युक्त अपशिष्ट सरेआम छोड़ा जा रहा है, जो नहरों से होता हुआ राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में पहुंच रहा है. यहां की 25 लाख से अधिक आबादी उसी जहरीले पानी को पीने के लिए मजबूर है. ईटीवी भारत ने जनहित से जुड़े इस मुद्दे पर एक मुहिम शुरू की है. हमारी कोशिश है कि इस मुहिम के जरिए इस पानी के मुद्दे को आंखें मूंदकर बैठी सरकार तक पहुंचाया जाए, ताकि लोगों को मिल सके आजादी...उस 'काले पानी' से...

ईटीवी भारत की मुहिम....आजादी 'काले पानी' से...

हनुमानगढ़. जिले की मुख्य नहरों का पानी पड़ोसी राज्य पंजाब से आता है. यहां सिंचाई से लेकर पीने तक का पानी देश की सबसे बड़ी इंदिरा गांधी नहर परियोजना से मिलता है. या यूं कहें कि हनुमानगढ़ जिले के लोग इसी नहर के पानी पर आश्रित हैं. लेकिन पंजाब सरकार की उदासीनता के चलते नहरों का भविष्य खतरे में है. हमने पिछले एपिसोड में गंग नहर में पंजाब से आ रहे 'काले पाने' से (आजादी 'काले पानी' से : पंजाब से बहकर आता 'काला जहर'...) अवगत कराया था. अब इस स्पेशल स्टोरी में आप देखिए कैसे हनुमानगढ़ जिले में भी पंजाब से केमिकल युक्त पानी लोगों की जिंदगी में जहर घोल रहा है.

हनुमानगढ़ जिले में इंदिरा गांधी नहर की शुरूआत आजादी के बाद 1958 में हुई थी. तब ये जिला श्रीगंगानगर का ही हिस्सा हुआ करता था. बाद में इस नहर का नाम 1984 में इंदिरा गांधी नगर रख दिया गया. ये नहर राजस्थान में 470 किलोमीटर तक फैली है, जो पंजाब के हरिके डैम से शुरू होकर हरियाणा से होते हुए हनुमानगढ़ में प्रवेश करती है. इसकी वितरिकाएं 5606 किलोमीटर तक फैली हैं. इस नहर के आ जाने से मरूस्थलीय क्षेत्र में चमत्कारिक बदलाव आए थे. सिंचाई की जरूरतों के साथ-साथ इस नहर ने का पानी का उपयोग पीने के लिए भी किया जाने लगा.

ईटीवी भारत की मुहिम...आजादी 'काले पानी' से देखिए कैसे हनुमानगढ़ जिले की नहरों में पहुंच रहा 'काला जहर'

हनुमानगढ़ जिले में कुल 7 उपखंड क्षेत्र हैं जिसकी करीब 25 लाख आबादी को पीने के पानी की सप्लाई इस नहर के माध्यम से ही होती है. लेकिन लंबे समय से पंजाब के लुधियाणा और जालंधर शहर में स्थापित फैक्ट्रियों और कारखानों का अपशिष्ट रसायन सीधे उन नदियों मे छोड़ा जा रहा है जिनका सीधा वास्ता राजस्थान में आने वाली नहरों से है. वहीं पानी नहरों के माध्यम से हरियाणा से होता हुआ राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में प्रवेश करता है. इस जहरीले पानी से हनुमानगढ़ के किसानों में भयावह स्थिति बनी हुई है. पानी से किसानों की फसलें तों खराब हो रही है, साथ ही इस पानी का उपयोग करने वाले लोग भी कई तरह की गंभीर बीमारियों की घिर चुके हैं. लोगों का कहना है कि केमिकल से नहर का सारा पानी काला हो चुका है जो कि पीने के लिए तो दूर सिंचाई के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है.

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केमिकल युक्त पानी से हो सकते हैं ये रोग

इस पानी से हनुमानगढ़ के आसपास के लोगों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो चुकी हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मानें तो नहरों के आसपास के इलाकों में कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी काफी फैली है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता कि ये बीमारी इस पानी की वजह से ही फैली है क्योंकि इस पर स्टडी करना अभी बाकी है. लेकिन इतना जरूर है कि जो आंकड़े सामने आए हैं वो चौंकाने वाले हैं. कैंसर काफी हद तक इस इलाके में फैल चुका है. आंकड़ों की बात करें तो हनुमानगढ़ के महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय में जून माह तक करीब 3000 कैंसर रोगी रजिस्टर्ड हो चुके हैं.

पीएमओ एमपी शर्मा के अनुसार पानी में जो लेड है या अन्य दूसरे रसायन हैं वह कैंसर के ही मुख्य कारक हैं. जिले में कैंसर के रोगी बढ़ रहे हैं. इसका कारण पंजाब से आ रहा काला पानी होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. वहीं जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन के अनुसार ये एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. जिस पर एनजीटी भी निर्णय ले रही है. उनका कहना है कि इस मुद्दे को राज्य सरकार के ध्यान में लाया जाएगा. वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो आमजन में जागरूकता की कमी के साथ-साथ सरकारें भी इसमें दोषी हैं. अगर समय रहते इसके प्रयास नहीं किए तो भयंकर परिणाम भुगतने होंगे.

हनुमानगढ़. जिले की मुख्य नहरों का पानी पड़ोसी राज्य पंजाब से आता है. यहां सिंचाई से लेकर पीने तक का पानी देश की सबसे बड़ी इंदिरा गांधी नहर परियोजना से मिलता है. या यूं कहें कि हनुमानगढ़ जिले के लोग इसी नहर के पानी पर आश्रित हैं. लेकिन पंजाब सरकार की उदासीनता के चलते नहरों का भविष्य खतरे में है. हमने पिछले एपिसोड में गंग नहर में पंजाब से आ रहे 'काले पाने' से (आजादी 'काले पानी' से : पंजाब से बहकर आता 'काला जहर'...) अवगत कराया था. अब इस स्पेशल स्टोरी में आप देखिए कैसे हनुमानगढ़ जिले में भी पंजाब से केमिकल युक्त पानी लोगों की जिंदगी में जहर घोल रहा है.

हनुमानगढ़ जिले में इंदिरा गांधी नहर की शुरूआत आजादी के बाद 1958 में हुई थी. तब ये जिला श्रीगंगानगर का ही हिस्सा हुआ करता था. बाद में इस नहर का नाम 1984 में इंदिरा गांधी नगर रख दिया गया. ये नहर राजस्थान में 470 किलोमीटर तक फैली है, जो पंजाब के हरिके डैम से शुरू होकर हरियाणा से होते हुए हनुमानगढ़ में प्रवेश करती है. इसकी वितरिकाएं 5606 किलोमीटर तक फैली हैं. इस नहर के आ जाने से मरूस्थलीय क्षेत्र में चमत्कारिक बदलाव आए थे. सिंचाई की जरूरतों के साथ-साथ इस नहर ने का पानी का उपयोग पीने के लिए भी किया जाने लगा.

ईटीवी भारत की मुहिम...आजादी 'काले पानी' से देखिए कैसे हनुमानगढ़ जिले की नहरों में पहुंच रहा 'काला जहर'

हनुमानगढ़ जिले में कुल 7 उपखंड क्षेत्र हैं जिसकी करीब 25 लाख आबादी को पीने के पानी की सप्लाई इस नहर के माध्यम से ही होती है. लेकिन लंबे समय से पंजाब के लुधियाणा और जालंधर शहर में स्थापित फैक्ट्रियों और कारखानों का अपशिष्ट रसायन सीधे उन नदियों मे छोड़ा जा रहा है जिनका सीधा वास्ता राजस्थान में आने वाली नहरों से है. वहीं पानी नहरों के माध्यम से हरियाणा से होता हुआ राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में प्रवेश करता है. इस जहरीले पानी से हनुमानगढ़ के किसानों में भयावह स्थिति बनी हुई है. पानी से किसानों की फसलें तों खराब हो रही है, साथ ही इस पानी का उपयोग करने वाले लोग भी कई तरह की गंभीर बीमारियों की घिर चुके हैं. लोगों का कहना है कि केमिकल से नहर का सारा पानी काला हो चुका है जो कि पीने के लिए तो दूर सिंचाई के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है.

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केमिकल युक्त पानी से हो सकते हैं ये रोग

इस पानी से हनुमानगढ़ के आसपास के लोगों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो चुकी हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मानें तो नहरों के आसपास के इलाकों में कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी काफी फैली है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता कि ये बीमारी इस पानी की वजह से ही फैली है क्योंकि इस पर स्टडी करना अभी बाकी है. लेकिन इतना जरूर है कि जो आंकड़े सामने आए हैं वो चौंकाने वाले हैं. कैंसर काफी हद तक इस इलाके में फैल चुका है. आंकड़ों की बात करें तो हनुमानगढ़ के महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय में जून माह तक करीब 3000 कैंसर रोगी रजिस्टर्ड हो चुके हैं.

पीएमओ एमपी शर्मा के अनुसार पानी में जो लेड है या अन्य दूसरे रसायन हैं वह कैंसर के ही मुख्य कारक हैं. जिले में कैंसर के रोगी बढ़ रहे हैं. इसका कारण पंजाब से आ रहा काला पानी होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. वहीं जिला कलेक्टर जाकिर हुसैन के अनुसार ये एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. जिस पर एनजीटी भी निर्णय ले रही है. उनका कहना है कि इस मुद्दे को राज्य सरकार के ध्यान में लाया जाएगा. वहीं स्थानीय लोगों की मानें तो आमजन में जागरूकता की कमी के साथ-साथ सरकारें भी इसमें दोषी हैं. अगर समय रहते इसके प्रयास नहीं किए तो भयंकर परिणाम भुगतने होंगे.

Intro:हनुमानगढ़ जिले की मुख्य थे सभी नहरों का पानी पड़ोसी राज्य पंजाब से होकर आता है यहां के लोगों को सच्चाई से लेकर पीने तक का पानी इन्हीं नेहरू से मिलता है या यूं कहें के हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर के लोग इन्हीं नहरों पर आश्रित है पंजाब सरकार की उदासीनता के चलते इन्हीं नहरों का भविष्य खतरे में है



Body: लंबे समय से पंजाब के जालंधर शहर के काला सिंधिया नाले से व दूसरे अन्य स्थानों से कारखानों का रसायन मिला जहरीला पानी नहरों में छोड़ा जा रहा है वहीं पानी नदियों के माध्यम से हनुमानगढ़ में प्रवेश करता है इस जहरीले पानी से हनुमानगढ़ के किसानों में भयावह स्थिति बनी हुई है पानी से किसानों की फसलें खराब हो रही है जिन लोगों ने पानी को पीने के उपयोग में लिया वह अनेकों रोगों से घिर चुके हैं लोगों का कहना है कि केमिकल से नहर का सारा पानी काला हो चुका है जो कि पीने के लिए तो दूर सिंचाई के लिए भी अब पानी सही नहीं है सरकार हमेशा दावे करती रही लेकिन पानी लंबे समय से राजस्थान की नहरों में दूषित होकर ही आता है
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इस पानी से हनुमानगढ़ के आसपास के लोगों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो चुकी है मुख्य चिकित्सा अधिकारी की बात माने तो उनके अनुसार नहरों के आसपास के इलाकों में कैंसर बीमारी काफी फैली है हनुमानगढ़ में भी काफी ऐसे लोग हैं जो कि कैंसर रोग से ग्रस्त हैं लेकिन यह क्लियर नहीं कहा जा सकता है कि यह कैंसर इसी पानी की वजह से हुआ है क्योंकि इस पर स्टडी करना अभी बाकी है जांच पड़ताल जारी है हां इतना जरूर है कि जो आंकड़े सामने आए हैं उसके हिसाब से कह सकते हैं कि कैंसर काफी हद तक इस इलाके में फैला हुआ है आंकड़ों की बात करें तो हनुमानगढ़ के महात्मा गांधी राजकीय चिकित्सालय में जून माह में करीब 3000 कैंसर रोगी रजिस्टर्ड हुए लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह मरीज जहरीले पानी पीने से कैंसर ग्रस्त हुए हैं पीएमओ एमपी शर्मा के अनुसार पानी में जो लेड है या दूसरे रसायन है वह कैंसर के ही मुख्य कारक है

बाईट एम.पी.शर्मा,PMO
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हालांकि पंजाब से राजस्थान की नहरों में जो पानी आ रहा है खासकर हनुमानगढ़ और श्री गंगानगर इलाके की जो नहरें हैं उसमें जहरीला रसायन युक्त पानी पहुंचता है इसके लिए पूर्व में आंदोलन चलाए गए लोग मामला एनजीटी में भी लेकर गए वहां से पंजाब सरकार पर 50 करोड का जुर्माना भी लग चुका है लेकिन बावजूद इसके पानी दूषित ही पहुंच रहा है अब जब लगातार आंदोलन किया गया तो पंजाब सरकार पर भी दबाव बना वहां पर 44 फैक्ट्रियों को सीज भी किया गया है और उन्हें पाबंद किया गया है कि वे दूषित पानी को रोके उसके लिए ट्रीटमेंट प्लांट अपनी फैक्ट्री में लगाएं आंदोलन के तहत थी जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया इसके चलते जिला कलेक्टर ने विश्व विकास किया है कि पड़ोसी राज्य से दूषित पानी आ रहा है वह राज्य सरकारों से बात करेंगे और इसका समाधान निकालने का प्रयास करेंगे

बाईट: जाकिर हुसैन, जिला कलेक्टर
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Conclusion:हालांकि इन आंदोलनों से कुछ हद तक पंजाब सरकार पर दबाव बना है लेकिन जिस तरह से नहरों में दूषित पानी आ रहा है उसे स्पष्ट है कि जो सरकारें हैं वह इसके लिए सीधे तौर पर दोषी है क्योंकि पूर्व में जब केंद्र में भाजपा सरकार और राजस्थान में भाजपा सरकार पंजाब में अकाली सरकार थी तो इसका कोई समाधान निकाला जा सकता था उसमें कोई राजनीति पेज नहीं पड़ता था लेकिन सरकारों की संवेदनहीनता ही थी कि अभी तक पंजाब से नेहरू में दूषित पानी पहुंच रहा है हनुमानगढ़ के लोगों ने मुहिम अवश्य शुरू की है इसका दवा भी पंजाब सरकार पर बना है लेकिन देखना होगा कि इस मुहिम का स्थाई समाधान कब तक निकल कर आता है
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