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किसान महापंचायत में कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार को कोसा

कृषि कानूनों के विरोध में सयुंक्त किसान मोर्चा के नेताओं की ओर से हनुमानगढ जिला मुख्यालय के सूरतगढ़ मार्ग पर स्थित डबली टोल नाके पर किसान महापंचायत बुलाई गई. इसमें शामिल किसानों ने केद्र सरकार की ओर से पेश किए गए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की गई.

The farmers of the United Kisan Morcha held a meeting, कृषि कानून वापस लेने की मांग
हनुमानगढ़ में किसान महापंचायत
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Published : Feb 19, 2021, 7:59 PM IST

हनुमानगढ़. संयुक्त किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर शहर-शहर, गांव-गांव कैंडल मार्च, रोष मार्च, धरना-प्रदर्शन, रेल रोको, चक्काजाम, सभाओं को आयोजन किया जा रहा है. सड़क से लेकर ट्रेन की पटरियों तक किसान डटे हुए हैं. आंदोलन की इसी कड़ी में कृषि कानूनों के विरोध में सयुंक्त किसान मोर्चा के नेताओं की ओर से हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय के सूरतगढ़ मार्ग पर स्थित डबली टोल नाके पर किसान महापंचायत बुलाई गई जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया.

हनुमानगढ़ में किसान महापंचायत

पढ़ें: पायलट का पावरगेम : किसान महापंचायत में केंद्र को खरी-खरी...गहलोत गुट को भी दिया बड़ा संदेश

किसान महापंचायत में सयुंक्त किसान मोर्चा का कोई भी नेता नही पहुंच पाया. इस महापंचायत को सयुंक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव, पूर्व विधायक अमराराम, डॉ. दर्शन पाल, बलवीर सिंह राजेवाल आदि नेताओं ने सबोंधित करना था. वहीं पूर्व विधायक कॉमरेड अमराराम, राजाराम मील, अवतार सिंह, मेजर सिंह, राकेश बिश्नोई व पूर्व डीआईजी कृष्ण जाखड़ ने की शिरकत की. माकापा नेता व पूर्व विधायक अमराराम, माकापा नेता रघुवीर वर्मा, रामेश्वर वर्मा, मनीष मक्कासर आदि ने किसान महापंचायत में कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर भी केंद्र सरकार को घेरा.

वहीं टिकरी क्रांतिकारी किसान मोर्चा के प्रवक्ता अवतार सिंह महिया ने राजस्थान को पंजाब, हरियाणा का बड़ा भाई बताया व राजस्थान के किसानों को आंदोलन से जुड़ने की अपील की. आल इंडिया किसान मोर्चा, पंजाब के महासचिव मेजर सिंह पूनेवाल ने भी केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए, उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. जब पूनेवाल से पंजाब में सभाओं के आयोजन पर रोक की बात पूछी गई तो उनका कहना था कि पंजाब में आंदोलन पूरी तरह फैल चुका है और अब राजस्थान में आंदोलन तेज करना है. कुछ समय के लिए वहां सभाएं बंद की गई हैं. वहीं छोटा बच्चा और वयोवृद्ध किसान तिरंगे के साथ व एक किसान टोलनाके पर ही गुरबाणी पढ़ते देखे गए व पूरी सभा मे आकर्षण का केंद्र बने रहे.

हनुमानगढ़. संयुक्त किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर शहर-शहर, गांव-गांव कैंडल मार्च, रोष मार्च, धरना-प्रदर्शन, रेल रोको, चक्काजाम, सभाओं को आयोजन किया जा रहा है. सड़क से लेकर ट्रेन की पटरियों तक किसान डटे हुए हैं. आंदोलन की इसी कड़ी में कृषि कानूनों के विरोध में सयुंक्त किसान मोर्चा के नेताओं की ओर से हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय के सूरतगढ़ मार्ग पर स्थित डबली टोल नाके पर किसान महापंचायत बुलाई गई जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया.

हनुमानगढ़ में किसान महापंचायत

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किसान महापंचायत में सयुंक्त किसान मोर्चा का कोई भी नेता नही पहुंच पाया. इस महापंचायत को सयुंक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव, पूर्व विधायक अमराराम, डॉ. दर्शन पाल, बलवीर सिंह राजेवाल आदि नेताओं ने सबोंधित करना था. वहीं पूर्व विधायक कॉमरेड अमराराम, राजाराम मील, अवतार सिंह, मेजर सिंह, राकेश बिश्नोई व पूर्व डीआईजी कृष्ण जाखड़ ने की शिरकत की. माकापा नेता व पूर्व विधायक अमराराम, माकापा नेता रघुवीर वर्मा, रामेश्वर वर्मा, मनीष मक्कासर आदि ने किसान महापंचायत में कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर भी केंद्र सरकार को घेरा.

वहीं टिकरी क्रांतिकारी किसान मोर्चा के प्रवक्ता अवतार सिंह महिया ने राजस्थान को पंजाब, हरियाणा का बड़ा भाई बताया व राजस्थान के किसानों को आंदोलन से जुड़ने की अपील की. आल इंडिया किसान मोर्चा, पंजाब के महासचिव मेजर सिंह पूनेवाल ने भी केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए, उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. जब पूनेवाल से पंजाब में सभाओं के आयोजन पर रोक की बात पूछी गई तो उनका कहना था कि पंजाब में आंदोलन पूरी तरह फैल चुका है और अब राजस्थान में आंदोलन तेज करना है. कुछ समय के लिए वहां सभाएं बंद की गई हैं. वहीं छोटा बच्चा और वयोवृद्ध किसान तिरंगे के साथ व एक किसान टोलनाके पर ही गुरबाणी पढ़ते देखे गए व पूरी सभा मे आकर्षण का केंद्र बने रहे.

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