हनुमानगढ़. लखुवाली गांव के पास मंगलवार देर रात एक कार के नहर में गिर गई, जिसमें चार लोगों के लापता होने की खबर थी. हालांकि, रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद कार सवार चारों व्यक्तियों के शव बरामद कर लिए गए हैं. वहीं, कार ड्राइवर सुरक्षित है, जिसने घटना की जानकारी पुलिस को दी.
बता दें कि हादसा रात करीब साढे 10 बजे के आसपास की है. जहां कार सवार परिवार सीकर से संगरिया लौट रहा था. इस दौरान लखुवाली गांव के पास इंदिरा गांधी मुख्य नहर के पास गाड़ी चला रहे रमेश स्वामी लघुशंका के लिए कार से उतरा था. रमेश स्वामी का कहना है कि वह हैंड ब्रेक लगाना भूल गया था. इसी दौरान गाड़ी लुढ़ककर नहर में जा गिरी, जिसमें विनोद कुमार, उनकी पत्नी रेनू और बेटी और सुनिता भाटी सवार थे.
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ड्राइवर रमेश ने इसकी सूचना लखुवाली चौकी पर दी, जिसके बाद टाउन थाना पुलिस को मामले की जानकारी देकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करवाया गया. रात को ही गोताखोरों को भी मौके पर बुलाया गया, लेकिन कार और उसमें सवार लोगों की कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी.
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घटना की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन भी मौके पर पहुंची, जिन्होंने घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों से जानकारी ली. जांच में सामने आया कि विनोद कुमार सांगरिया के एक प्राइवेट स्कूल में नौकरी करता था. इसी स्कूल में गाड़ी चला रहे रमेश स्वामी और सुनिता भाटी भी टीचर थीं. सभी सीकर में विनोद कुमार की बेटी दिया का कॉलेज में दाखिला करवाकर लौट रहे थे. फिलहाल, मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने गोताखोरों की मदद से चारों शव नहर से बाहर निकाल लिए हैं. चारों शव कार के अंदर ही मिले.
पति को सरप्राइज देना चाहती थी सुनीता
मृतक विनोद अरोरा हनुमानगढ़ जिले कि संगरिया में ग्रामोथान विद्यापीठ संस्था के एसकेएम पब्लिक स्कूल में एलडीसी के पद पर थे. पत्नी रेनू भी यहां टीचर थी. बच्ची भी इसी स्कूल के 10वीं क्लास में पढ़ रही थी. बड़ी बेटी जया को कोचिंग के लिए सीकर छोड़ने गए थे. मृतक सुनीता भाटी का पति संदीप भी संगरिया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फतेहगढ़ में लेक्चरर हैं.
परिवार ने बताया कि सुनिता भाटी दोनों बेटों के साथ सीकर ही रहती थी, जो विनोद अरोरा की गाड़ी में सीट खाली होने का कारण उनके साथ आ रही थी. सुनीता अपने पति संदीप को बिना सूचना दिए घर पर आ रही थी व पति सरप्राइज देना चाहती थी. घटना के वक्त सुनीता भाटी ने अपने पति को फोन किया था और बाकी कार में सवार लोग सो रहे थे.
इस दौरान गाड़ी लुढ़क कर नहर में चली गई. करीब 15 मिनट तक सुनीता का फोन चालू रहा. उसने फोन पर पति को बताया कि हमारी गाड़ी नहर में गिर गई है, जिसके बाद चिल्लाने की आवाजें आने लगी. विनोद अरोरा के फोन पर भी करीब 15 मिनट तक घंटियां जाती रही, लेकिन बाद सब कुछ शांत हो गया. सभी के फोन बंद हो गए.
टाउन थानाप्रभारी लक्ष्मण सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम दृष्टया कार चालक रमेश कुमार स्वामी ने बताया कि वो लघुशंका के लिए नहर किनारे कार खड़ी कर के कार से उतरा, लेकिन हैंडब्रेक लगाना भूल गया. जैसे ही उसने मुड़ कर देखा तो कार ढलान से नहर में गिर रही थी. थानाप्रभारी का कहना है कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है.