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हनुमानगढ़: महज 2700 के मानदेय में दो विभागों के लिए काम कर रहीं आशा सहयोगिनी...प्रदर्शन कर दिया ज्ञापन

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Published : Jan 4, 2021, 6:08 PM IST

हनुमानगढ़ में आशा सहयोगिनीयों ने राज्य कर्मचारी घोषित करने और राज्य कर्मचारी समान समस्त सुविधाएं देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलक्ट्रेट और बाल विकास विभाग पर प्रदर्शन किया.

Asha Sahyogini protest, protest in Hanumangarh
आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने प्रदर्शन किया

हनुमानगढ़. प्रदेश भर की आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया. आशा सहयोगिनी महिलाओं ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

ज्ञापन में बताया गया है कि आशा सहयोगिनी को 24 घण्टे दो विभागों के बीच काम करना पड़ रहा है. जबकि मानदेय सिर्फ 2700 रुपए ही दिया जा रहा है. जिससे परिवार का भरण पोषण नहीं होता. कार्य का बोझ इतना है कि बाल विकास विभाग में नमक जांच, बच्चों का वजन, टीकाकरण, प्रतिदिन दस घरों का सर्वे करना सहित कई कार्य करवाये जा रहे हैं.

पढ़ें- परिवहन विभाग पर ट्रक चालकों ने लगाए गंभीर आरोप

इसके एवज में चिकित्सा विभाग नाममात्र का मानदेय देकर अपना लक्ष्य पूरा करवा रहा है. अगर आशा सहयोगिनी बाल विकास विभाग का काम करती है तो चिकित्सा विभाग नोटिस दे देता है. वहीं अगर चिकित्सा विभाग का काम करती है तो बाल विकास विभाग नोटिस थमा कर जवाब मांगता है. वही आशा सहयोगिनी और साथिनों राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को पूरा करने के लिए दूर दराज ढाणियों में भी जाती हैं.

इतना ही नहीं उन्होंने कोरोना काल में अपने बच्चों की जान की परवाह किये बिना निःशुल्क स्वास्थ्य विभाग से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया. इन आशा सहयोगिनी का कहना है कि अब वे इस शोषण को सहन नहीं करेंगी. अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो आंदोलन किया जाएगा.

ये है मांगें

आशा सहयोगिनी साथिन ने सरकार से मांग की है कि उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए. जब तक उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता है तब तक मानदेय दस हजार रुपए किया जाए. बाल विकास विभाग की ओर से बीमा राशि की रसीद देने, 58 साल के बाद राज्य कर्मचारी के अनुसार सुविधाएं दिया जाए. आशा सुपरवाईजर, एएनएम आदि आशा सहयोगिनीयों में से ही चुने जाएं.

पढ़ें- हनुमानगढ़ : कानून वापसी की मांग पर अड़े किसान...विरोध प्रदर्शन जारी, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

एक ही विभाग की ओर से कार्य रिपोर्ट मांगने, प्रशिक्षण के दौरान अधिकारीयों का व्यवहार, खाने और रहने की व्यवस्था मे सुधार करने, जयपुर में आंदोलन के दौरान हुई आशा सहयोगिनी की मौत पर दस लाख रुपए का मुआवजा देने सहित कई मांगें इन आशा सहयोगिनी ने की हैं.

हनुमानगढ़. प्रदेश भर की आशा सहयोगिनी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन किया. आशा सहयोगिनी महिलाओं ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

ज्ञापन में बताया गया है कि आशा सहयोगिनी को 24 घण्टे दो विभागों के बीच काम करना पड़ रहा है. जबकि मानदेय सिर्फ 2700 रुपए ही दिया जा रहा है. जिससे परिवार का भरण पोषण नहीं होता. कार्य का बोझ इतना है कि बाल विकास विभाग में नमक जांच, बच्चों का वजन, टीकाकरण, प्रतिदिन दस घरों का सर्वे करना सहित कई कार्य करवाये जा रहे हैं.

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इसके एवज में चिकित्सा विभाग नाममात्र का मानदेय देकर अपना लक्ष्य पूरा करवा रहा है. अगर आशा सहयोगिनी बाल विकास विभाग का काम करती है तो चिकित्सा विभाग नोटिस दे देता है. वहीं अगर चिकित्सा विभाग का काम करती है तो बाल विकास विभाग नोटिस थमा कर जवाब मांगता है. वही आशा सहयोगिनी और साथिनों राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को पूरा करने के लिए दूर दराज ढाणियों में भी जाती हैं.

इतना ही नहीं उन्होंने कोरोना काल में अपने बच्चों की जान की परवाह किये बिना निःशुल्क स्वास्थ्य विभाग से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया. इन आशा सहयोगिनी का कहना है कि अब वे इस शोषण को सहन नहीं करेंगी. अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो आंदोलन किया जाएगा.

ये है मांगें

आशा सहयोगिनी साथिन ने सरकार से मांग की है कि उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए. जब तक उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता है तब तक मानदेय दस हजार रुपए किया जाए. बाल विकास विभाग की ओर से बीमा राशि की रसीद देने, 58 साल के बाद राज्य कर्मचारी के अनुसार सुविधाएं दिया जाए. आशा सुपरवाईजर, एएनएम आदि आशा सहयोगिनीयों में से ही चुने जाएं.

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एक ही विभाग की ओर से कार्य रिपोर्ट मांगने, प्रशिक्षण के दौरान अधिकारीयों का व्यवहार, खाने और रहने की व्यवस्था मे सुधार करने, जयपुर में आंदोलन के दौरान हुई आशा सहयोगिनी की मौत पर दस लाख रुपए का मुआवजा देने सहित कई मांगें इन आशा सहयोगिनी ने की हैं.

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