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हनुमानगढ़: जांच के नाम पर लूट रहे 2 लेबोरेट्री संचालकों के खिलाफ कार्रवाई

हनुमानगढ़ में अस्पताल और लेबोरेट्री संचालक मरीजों की विषम परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए उनसे जांच के नाम पर दोगने दाम वसूल रहे हैं. हनुमानगढ़ टाउन में जैन और गर्ग लेबोरेट्री संचालकों ने मरीजों से जांच के दोगने दाम वसूले. पुष्टि होने के बाद दोनों को पाबंद किया गया है.

हनुमानगढ़ में लेबोरेट्री संचालक, Hanumangarh News
हनुमानगढ़ में लेबोरेट्री संचालकों के खिलाफ कार्रवाई
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Published : May 27, 2021, 9:28 AM IST

हनुमानगढ़. कोरोना महामारी के दौरान लेबोरेट्री संचालकों और निजी अस्पताल मरीजों को जांच व इलाज के नाम पर लूट रहे हैं. पिछले 2 दिन में 3 मामले सामने आए हैं. सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने आमजन को राहत देने के लिए कोरोना मरीजों की जांच और इलाज के लिए दरें तय की हैं. इसके बावजूद अस्पताल और लेबोरेट्री संचालक मरीजों की विषम परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए उनसे जांच के नाम पर दोगने दाम वसूल रहे हैं. हनुमानगढ़ टाउन में जैन और गर्ग लेबोरेट्री संचालकों ने मरीजों से जांच के दोगने दाम वसूले, जिसकी पुष्टि भी हो गई.

पढ़ें: पोकरण : ग्राम पंचायत रामदेवरा के सरपंच को जोधपुर संभागीय आयुक्त ने किया निलंबित...जानें पूरा मामला

इस लूट के खेल का खुलासा तब हुआ, जब हनुमानगढ़ टाउन में एक मरीज के परिजन ने राजस्थान संपर्क पोर्टल पर 181 कॉल सेेंटर के जरिए कोविड-19 के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई. अब इन दोनों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. फिलहाल इन दोनों को पाबंद किया गया है.

हनुमानगढ़ में लेबोरेट्री संचालकों के खिलाफ कार्रवाई

पढ़ें: 50 फुट गहरे कुएं में गिरा पैंथर, पैंथर को निकालने के लिए रात भर चलता रहा रेस्क्यू

गौरतलब है कि आए दिन अधिकृत अस्पतालों और लेबोरेट्री संचालकों की शिकायतें मिलने पर अब हनुमानगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे लूट करने वालों के खिलाफ कमर कस ली है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन अस्पतालों, लेबोरेट्री और सिटी स्कैन सेंटरों की गहनता से जांच कर रही है. इसी के तहत टीम जोडियक भी पहुंची और जांच की, लेकिन यहां सब कुछ ठीक पाया गया. अधिकारियों का कहना है कि ये कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और जो भी दोषी पाया जाता है, उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इस तरह हुई कार्रवाई
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने 23 मई को राजस्थान महामारी अधिनियम-2020 की धारा-4 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए अधिसूचना जारी कर कोविड-19 और ब्लैक फंगस से संंबंधित जांचों के लिए दरें निर्धारित कर दी थी. इसके बाद 25 मई को हनुमानगढ़ टाउन के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी शिकायत में बताया कि एमजीएम अस्पताल के सामने स्थित सभी पैथोलोजी लैब संचालक इस अधिसूचना को मानने से इंकार कर रहे हैं. उन्होंने जांच के एवज में निर्धारित दरों से दोगनी राशि की मांग की है. इस शिकायत की जांच के लिए एक दल का गठन कियाृ गया. इसमें डॉ. आशीष विद्यार्थी, धर्मवीर बैरवा एवं अरुण जस्सल शामिल थे. जांच दल ने एमजीएम अस्पताल के सामने स्थित जैन डायग्नोस्टिक सेंटर एवं गर्ग लैबोरेट्री पर जाकर जांच की और संबंधित दस्तावेज सत्यापन के लिए मांगे. जैन डायग्नोस्टिक सेंटर पर निरीक्षण करने पर पता चला कि सेंटर की डेली बुक में मरीज का नाम और विवरण पाया गया, लेकिन मरीज की क्या-क्या जांच की गई, इस संबंध में कोई जानकारी दर्ज नहीं की जा रही थी. सेंटर की बिल बुक में कोई भी जारी बिल नहीं पाया गया. जांच से ये स्पष्ट हो रहा था कि डायग्नोस्टिक सेंटर पर हो रही जांचों की राशि कम या ज्यादा ली जा रही है. गर्ग लैब के निरीक्षण के दौरान लैब संचालकों ने बिल बुक प्रस्तुत नहीं की. जांच दल ने लैबोरेट्री संचालकों को पाबंद किया कि राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 एवं ब्लैक फंगस से संंबंधित जांचों के लिए निर्धारित दरों से अधिक राशि की मांग करने पर संबंधित लैबोरेट्री संचालक पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. जांच दल ने दोनों पैथोलॉजी लैब संचालकों को राज्य सरकार की ओर से निर्धारित रेट लिस्ट का फ्लैक्स लगाने के लिए पाबंद किया.

हनुमानगढ़. कोरोना महामारी के दौरान लेबोरेट्री संचालकों और निजी अस्पताल मरीजों को जांच व इलाज के नाम पर लूट रहे हैं. पिछले 2 दिन में 3 मामले सामने आए हैं. सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने आमजन को राहत देने के लिए कोरोना मरीजों की जांच और इलाज के लिए दरें तय की हैं. इसके बावजूद अस्पताल और लेबोरेट्री संचालक मरीजों की विषम परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए उनसे जांच के नाम पर दोगने दाम वसूल रहे हैं. हनुमानगढ़ टाउन में जैन और गर्ग लेबोरेट्री संचालकों ने मरीजों से जांच के दोगने दाम वसूले, जिसकी पुष्टि भी हो गई.

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इस लूट के खेल का खुलासा तब हुआ, जब हनुमानगढ़ टाउन में एक मरीज के परिजन ने राजस्थान संपर्क पोर्टल पर 181 कॉल सेेंटर के जरिए कोविड-19 के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई. अब इन दोनों पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है. फिलहाल इन दोनों को पाबंद किया गया है.

हनुमानगढ़ में लेबोरेट्री संचालकों के खिलाफ कार्रवाई

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गौरतलब है कि आए दिन अधिकृत अस्पतालों और लेबोरेट्री संचालकों की शिकायतें मिलने पर अब हनुमानगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे लूट करने वालों के खिलाफ कमर कस ली है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन अस्पतालों, लेबोरेट्री और सिटी स्कैन सेंटरों की गहनता से जांच कर रही है. इसी के तहत टीम जोडियक भी पहुंची और जांच की, लेकिन यहां सब कुछ ठीक पाया गया. अधिकारियों का कहना है कि ये कार्रवाई लगातार जारी रहेगी और जो भी दोषी पाया जाता है, उसपर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इस तरह हुई कार्रवाई
सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा ने 23 मई को राजस्थान महामारी अधिनियम-2020 की धारा-4 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए अधिसूचना जारी कर कोविड-19 और ब्लैक फंगस से संंबंधित जांचों के लिए दरें निर्धारित कर दी थी. इसके बाद 25 मई को हनुमानगढ़ टाउन के रहने वाले एक व्यक्ति ने अपनी शिकायत में बताया कि एमजीएम अस्पताल के सामने स्थित सभी पैथोलोजी लैब संचालक इस अधिसूचना को मानने से इंकार कर रहे हैं. उन्होंने जांच के एवज में निर्धारित दरों से दोगनी राशि की मांग की है. इस शिकायत की जांच के लिए एक दल का गठन कियाृ गया. इसमें डॉ. आशीष विद्यार्थी, धर्मवीर बैरवा एवं अरुण जस्सल शामिल थे. जांच दल ने एमजीएम अस्पताल के सामने स्थित जैन डायग्नोस्टिक सेंटर एवं गर्ग लैबोरेट्री पर जाकर जांच की और संबंधित दस्तावेज सत्यापन के लिए मांगे. जैन डायग्नोस्टिक सेंटर पर निरीक्षण करने पर पता चला कि सेंटर की डेली बुक में मरीज का नाम और विवरण पाया गया, लेकिन मरीज की क्या-क्या जांच की गई, इस संबंध में कोई जानकारी दर्ज नहीं की जा रही थी. सेंटर की बिल बुक में कोई भी जारी बिल नहीं पाया गया. जांच से ये स्पष्ट हो रहा था कि डायग्नोस्टिक सेंटर पर हो रही जांचों की राशि कम या ज्यादा ली जा रही है. गर्ग लैब के निरीक्षण के दौरान लैब संचालकों ने बिल बुक प्रस्तुत नहीं की. जांच दल ने लैबोरेट्री संचालकों को पाबंद किया कि राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 एवं ब्लैक फंगस से संंबंधित जांचों के लिए निर्धारित दरों से अधिक राशि की मांग करने पर संबंधित लैबोरेट्री संचालक पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. जांच दल ने दोनों पैथोलॉजी लैब संचालकों को राज्य सरकार की ओर से निर्धारित रेट लिस्ट का फ्लैक्स लगाने के लिए पाबंद किया.

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