हनुमानगढ़. कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर डटे धरतीपुत्रों के लिए किसान परिवार तन-मन-धन से उनका साथ दे रहे हैं. किसानों को घर की कमी नहीं महसूस हो और घर जैसा जायका मिलता रहे. इसलिए ग्रामीण और सामाजिक संस्थाए उनके लिए सीजनल खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर हर संभव आर्थिक मदद भी पहुंचा रहे हैं. ऐसा ही किया है टिब्बी कस्बे में, जहां गुरुद्वारा सभा की ओर से 50 क्विंटल गाजर का हलवा और खोया के लड्डुओं का एक ट्रक दिल्ली रवाना किया गया.
एक तरफ जहां किसान कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से अपने-अपने घरों से दूर दिल्ली बॉर्डर पर डेरा जमाए बैठे हैं. वहीं किसान परिवारों ने घरों से मोर्चा संभाल रखा है. दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों की सेहत ओर तंदुरुस्ती को मद्देनजर रखते हुए उनके खाने-पीने की वस्तुएं किसानों तक पहुंचा रहे हैं. ऐसा ही सेवा भाव का जज्बा सामने आया हनुमानगढ जिले के टिब्बी कस्बे में, जहां श्री गुरद्वारा सिंह सभा की ओर से 50 क्विंटल गाजर का हलवा और खोया के लड्डुओं का एक ट्रक दिल्ली रवाना किया.
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बता दें कि सभी के आर्थिक सहयोग से कस्बे की महिलाओं, पुरुषों ने कई दिनों की मेहनत के चलते आपसी सहयोग से हलवा और लड्डू तैयार किए. उनका कहना है कि किसान भाई उनके लिए अपना घर-परिवार, काम-काज छोड़कर इतनी सर्दी में बॉर्डर पर बैठे है. वे उनका भी फर्ज बनता है कि वे अपने किसान भाइयों की सेहत का ध्यान रखे. साथ ही उन्होंने सरकार से शीघ्र ही किसानों की मांगे मानकर आंदोलन को खत्म करवाने की अपील भी की. जिससे इतने दिनों से घर से दूर बैठे. किसान अपने परिवार के पास घर वापिस आ जाए.